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Chaitra Navratri 2022 - चैत्र नवरात्रि से चमकेगा इन राशियों का भाग्य

Chaitra Navratri 2022: चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि/ Chaitra Navratri Date आरंभ भी हो जाती हैं। इसी तिथि से हिन्दू नववर्ष की शुरुआत भी हो जाती है। हिंदू नववर्ष का प्रथम महीना चैत्र होता है। इस साल 2 अप्रैल, शनिवार से हिन्दू नववर्ष की शुरुआत होने जा रही है। ज्योतिष गणनाओं के अनुसार हिंदू नववर्ष से कुछ राशियों का अच्छा रहने वाला है। चलिऐ जानते है कि किन राशियों का होगा इसका फायदा मिथुन राशि आत्मविश्वास से परिपूर्ण रहेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य में सुधार होगा। वाहन प्राप्ति के योग भी बनेंगे। कारोबार की स्थिति निरंतर मजबूत होती रहेगी। पिता का सहयोग मिलता रहेगा। नौकरी में किसी मित्र के सहयोग से परिवर्तन ( Change Job as per birth chart ) के अवसर मिल सकते हैं। धार्मिक कार्यों में हिस्सा लेने का अवसर मिलेगा। शैक्षिक कार्यों में सफलता मिलेगी। रुके हुए धन की प्राप्ति हो सकती है। वृश्चिक राशि जीवनसाथी के स्वास्थ्य में सुधार होगा। कारोबार की स्थिति में सुधार होगा। नौकरी में तरक्की ( Job Promotion by date of birth ) के मार्ग प्रशस्त होंगे। धन प्राप्ति के योग भी बन रहे हैं। शैक...

Chaitra Navratri 2022: कब है चैत्र नवरात्रि? जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Chaitra Navratri 2022: मां दुर्गा के पवित्र 9 दिन यानी नवरात्रि का आगमन होने वाला है। साल में 4 बार नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है, लेकिन हिंदू मान्यताओं में चैत्र और शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। इस बार चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल 2022 दिन शनिवार से आरम्भ हो रही है, जो 11 अप्रैल 2022 दिन सोमवार को समाप्त होगी। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना होती है। मान्यता है कि नवरात्रि में माता का पाठ करने से देवी भगवती की खास कृपा बनी रहती है। लेकिन इस कृपा को पाने के लिए आपको कलश स्थापना शुभ मुहूर्त पर करनी होगी। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त/ Shubh Muhurat कलश की स्थापना चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होगी। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 2 अप्रैल सुबह 06:10 बजे से 08:29 बजे तक है। इस शुभ घड़ी की कुल अवधि- 2 घंटे 18 मिनट। इस दौरान कलश स्थापना करने से सभी मनोकामना पूर्ण हो सकती हैं। कलश स्थापना कैसे करें (Navratri Kalash Sthapana) सबसे पहले मंदिर की साफ-सफाई कर सफेद या लाल कपड़ा बिछाएं। इस कपड़े पर थोड़े चावल रखें। एक मिट्टी ...

Durga Puja: दुर्गा के नव रुपों की उपासना ऎसे होगी फलदायी

7 अक्टूबर 2021: माता के प्रथम रुप मां शैलपुत्री की पूजा . इस दिन की पूजा में रोली, चंदन, कुमकुम द्वारा माता का पूजन करना अत्यंत शुभदायी होता है. इस दिन "ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥"मंत्र जाप करें 8 अक्टूबर 2021: माता के दूसरे रुप माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा , मां ब्रह्मचारिणी की पूजा सात्विक भाव द्वारा करने से पूर्ण होती हैं सभी मनोकामनाएं. ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥ "मंत्र जाप करें 9 अक्टूबर 2021: माता के तीसरे रुप मां चंद्रघंटा व चौथे रुप मां कुष्मांडा की पूजा . इस दिन "ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः॥: जप द्वारा माता चंद्रघंटा का स्मरण करने से मिलेगा तेज और "ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः॥"मंत्र का जाप करें 10 अक्टूबर 2021: माता के पांचवें स्वरुप मां स्कंदमाता की पूजा . इस दिन "ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥" मंत्र के जाप करें. 11 अक्टूबर 2021: माता के छठे रुप मां कात्यायनी की पूजा . इस दिन "ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥: मंत्र के जाप द्वारा सभी विकार हो जाते हैं शांत। 12 अक्टूबर 2021: माता के सातवें रुप मां कालरात्रि की पूजा . इस दिन "ॐ देवी कालरात्र्...