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Rama Ekadashi - रमा एकादशी व्रत की पूजन विधि और कथा

Ekadashi 2022: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है रमा एकादशी। इस वर्ष 21 अक्टूबर को रखा जाएगा रमा एकादशी का व्रत/ Rama Ekadashi Vrat एकादशी तिथि प्रारंभ : 20 अक्टूबर, शाम 04:05 से एकादशी तिथि समाप्त : 21 अक्टूबर, शाम 05:23 तक रमा एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त : 21 अक्टूबर, प्रातः 07:50 से सुबह 10:40 तक रमा एकादशी पारण(व्रत खोलने का)मुहूर्त : 22 अक्टूबर, प्रातः 06:26 से सुबह 08:42 तक धनतेरस/ Dhanteras व दीवाली से पहले आती है रमा एकादशी चातुर्मास/ Chatur Maas की अंतिम एकादशी होती है रमा एकादशी माँ लक्ष्मी जी का एक नाम है रमा इसलिए धार्मिक दृष्टि से है इस एकादशी का बहुत अधिक महत्व दिवाली/ Diwali से पूर्व माँ लक्ष्मी का पूजन करने के लिए यह है शुभ दिन इस दिन भगवान विष्णु के साथ माँ लक्ष्मी का किया जाता है पूजा इस दिन माँ लक्ष्मी का पूजन/ Laxmi Pujan करने से घर में होता है सुख-समृद्धि का वास इस एकादशी/ Ekadashi का व्रत रखने से दूर होती है आर्थिक तंगी। यदि आप एकादशी पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक र

Karva Chauth 2022 - करवा चौथ पर भूलकर भी न करें ये काम

Trendy saree on this Karva Chauth : कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है करवा चौथ। इस वर्ष 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा करवा चौथ/ Karwa Chauth चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 13 अक्टूबर, रात्रि 01:59 से चतुर्थी तिथि समाप्त : 14 अक्टूबर, रात्रि 03:08 तक करवा चौथ शुभ पूजा मुहूर्त : 13 अक्टूबर, शाम 05:54 से सायंकाल 07:09 तक करवा चौथ व्रत समय: 13 अक्टूबर, प्रातः 06:24 से रात्रि 08:10 तक चंद्रोदय काल: 13 अक्टूबर, रात्रि 08:10 पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए रखती हैं ये व्रत/ Vrat उत्तर भारत में हिंदू महिलाओं के बीच बहुत लोकप्रिय है ये व्रत बिना जल ग्रहण किए रखा जाता है ये व्रत इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके सजती-संवरती हैं चंद्र दर्शन व पूजन के बाद पति के हाथों से जल ग्रहण करके व्रत तोड़ती हैं महिलाएं यदि आप करवा चौथ पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope पढने के लिऐ यहा क्लिक करें।

Ekadashi 2022 - क्या है पापांकुशा एकादशी व्रत का महत्व?

Papankusha Ekadashi : अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है पापांकुशा एकादशी।  06 अक्टूबर को रखा जाएगा पापांकुशा एकादशी का व्रत/ Papankusha Ekadashi Vrat एकादशी तिथि प्रारंभ: 05 अक्टूबर, दोपहर 12:00 से एकादशी तिथि समाप्त: 06 अक्टूबर, प्रातः 09:41 तक पापांकुशा एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त : 06 अक्टूबर, प्रातः 06:17 से सुबह 07:45 तक पापांकुशा एकादशी पारण(व्रत खोलने का)मुहूर्त:   07 अक्टूबर, प्रातः 06:18 से सुबह 07:26 तक इस दिन श्री हरि भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरुप की करी जाती है पूजा इस एकादशी का व्रत/ Ekadashi Vrat रखने से होता है पापों का नाश इस एकादशी का व्रत रखने से मिलती है भौतिक समृद्धि   इस एकादशी का व्रत रखने से बढ़ता है सुख-सौभाग्य।   इस एकादशी का व्रत रखने से बढ़ती है पारिवारिक शांति इस एकादशी का व्रत रखने से दूर होती है आर्थिक समस्याएं यदि आप एकादशी पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope पढने के लिऐ यहा क्लिक करें।

Horoscope Today 05 October 2022

Daily Horoscope: विजय दशमी है बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक। भगवान राम ने इस दिन किया था रावण का वध। जानते हैं किस राशि के लिए कैसा परिणाम लाएगा यह दशहरा मेष राशि मेष राशि के जीवन में आएगा मुसीबतों का पहाड़ करियर में नहीं मिलेगी किसी भी प्रकार की सफलता हर कदम पर रहना होगा सावधान कन्या राशि आलस करेगा आपको आज परेशान लव लाइफ में कुछ समस्या के हैं संकेत नहीं दिख रही है बिजनेस में स्थिरता सिंह राशि भगवान राम का आशीर्वाद बना रहेगा स्वास्थ्य के क्षेत्र में मिलेंगे अच्छे परिणाम दूसरों की सहायता कर सकते हैं आप यदि आप दशहरा/ Dusshera पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope पढने के लिऐ यहा क्लिक करें।

Vijayadashami 2022 - दशहरे के दिन बन रहे ये शुभ मुहूर्त

Dusshera 2022 : अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाई जाती है विजय दशमी। इस वर्ष 05 अक्टूबर को मनाई जाएगी विजयादशमी दशमी तिथि प्रारंभ: 04 अक्टूबर, दोपहर 02:21 से दशमी तिथि समाप्त: 05 अक्टूबर, दोपहर 12:00 तक. विजयदशमी विजय मुहूर्त: 05 अक्टूबर, दोपहर 02:07 से दोपहर 02:54 तक विजयदशमी अपराह्न शुभ पूजा मुहूर्त: 05 अक्टूबर, दोपहर 01:20 से दोपहर 03:41 तक दशहरा/ Dusshera के नाम से भी प्रसिद्ध है विजयदशमी भारतीय संस्कृति में वीरता व शौर्य का प्रतीक है ये त्यौहार वर्ष के तीन अत्यंत शुभ मुहूर्तों में से एक है विजयादशमी इस दिन कोई भी नया काम शुरू करना होता है बेहद शुभ  इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने किया था रावण का वध उन्होंने युद्ध के दौरान पहले नौ दिनों तक की थी माँ दुर्गा की पूजा उसके बाद दसवें दिन भगवान राम ने किया था दुष्ट रावण का वध भगवान राम की विजय के प्रतीक स्वरूप मनाया जाता है यह पर्व/ Festival इस दिन रावण के भाई कुंभकर्ण व पुत्र मेघनाथ के फूंक जाते हैं पुतले   शत्रुओं पर विजय की कामना के लिए इस दिन शस्त्र पूजा करने की है परंपरा इस दिन क्षत्रियों के यहाँ होती

Shardiya Navrtari - इस शुभ संयोग में केरें नवरात्रि की पूजा

Navratri 2022: आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होगा शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ। इस वर्ष 26 सितंबर से मनाई जाएगी शारदीय नवरात्रि। 04 अक्टूबर को होगी शारदीय नवरात्रि/ Shardiya Navratri की समाप्ति प्रतिपदा तिथि प्रारंभ : 26 सितंबर, प्रातः 03:24 से प्रतिपदा तिथि समाप्त : 27 सितंबर, रात्रि 02:28 तक शारदीय नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त : प्रातः 06:11 से सुबह 07:51 तक. शारदीय नवरात्रि पारण (व्रत खोलने का) मुहूर्त: 05 अक्टूबर, प्रातः 06:20 से दोपहर 12:00 तक माँ शैलपुत्री की पूजा से दूर होती हैं पारिवारिक समस्याएं व चंद्र ग्रह से जुड़े दोष माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा से दूर होती हैं भूमि, मकान संबंधी समस्याएं व मंगल ग्रह से जुड़े दोष/ Mangal Dosh माँ चंद्रघंटा की पूजा से दूर होती हैं वैवाहिक समस्याएं/ Marital Life Issues  व शुक्र ग्रह से जुड़े दोष माँ कूष्मांडा की पूजा से दूर होती हैं रोजगार संबंधी समस्याएं व सूर्य ग्रह से जुड़े दोष माँ स्कंदमाता की पूजा से दूर होती हैं शिक्षा संबंधी समस्याएं व बुध ग्रह से जुड़े दोष माँ कात्यायनी की पूजा से दूर होती हैं संतान संबंधी समस्याएं व गुरु ग

Vishwakarma Puja - ये थे दुनिया के सबसे पहले इंजीनियर व वास्तुकार

kab Hai Vishwakarma Puja: प्रत्येक वर्ष कन्या सक्रांति पर की जाती है श्री विश्वकर्मा पूजा। इस वर्ष 17 सितम्बर को मनाया जायेगा ये पर्व श्री विश्वकर्मा पूजा प्रातः शुभ मुहूर्त: 17 सितंबर, प्रातः 07:39 से सुबह 09:11 तक श्री विश्वकर्मा पूजा सांयकाल शुभ मुहूर्त : 17 सितम्बर, शाम 06:24 से सायंकाल 07:52 तक भगवान विश्वकर्मा थे दुनिया के सबसे पहले इंजीनियर व वास्तुकार इस शुभ दिन पर फैक्टरियों, उद्योगों व कारखानों में होती है मशीन व औजारों की पूजा समस्त कलाकारों, बुनकर, शिल्पकारों और औद्योगिक घरानों द्वारा की जाती है ये पूजा देश के कुछ भागों में इस पर्व को दिवाली/ Diwali के दूसरे दिन भी मनाने की है परंपरा उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, पश्चिम बंगाल व दिल्ली में मुख्य रूप से मनाया जाता है ये पर्व/ Festivals भगवान विश्वकर्मा ने ही किया था देवताओं के लिए अस्त्रों, शस्त्रों, भवनों और मंदिरों का निर्माण भगवान विश्वकर्मा की पूजा से व्यापार में मिलती है जबरदस्त सफलता भगवान विश्वकर्मा की पूजा से औजारों व मशीनों के द्वारा होने वाली दुर्घटनाओं से होता है बचाव भगवान विश्वकर्मा की पूजा से दूर होते

Pitru Paksha 2022 - पितृ अमावस्या पर करें ये दान

Pitra Paksha 2022: पितृ पक्ष में पितरों के नाम से इन चीजों का करें दान, मिलेगा सुख और शांति। शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष/ Pitra Paksha में पितरों का श्राद्ध करने से वे प्रसन्न होते हैं और पितरों की आत्मा को तृप्ति मिलने के साथ-साथ खुद का भी कल्याण होता है। पितरों के पहनने योग्य धोती, कुर्ता, गमछा आदि दान करें। इस दौरान जूते, चप्पल,छाते का भी दान भी शुभ माना गया है। पितृ पक्ष में भोजन का दान सबसे महान दान माना जाता है। श्राद्ध पक्ष में किया गया गाय का दान सुख और धन-संपत्ति देने वाला माना गया है। श्राद्ध में गाय का घी एक पात्र में रखकर दान करना परिवार के लिए शुभ माना जाता है। अन्नदान में गेहूं, चावल का दान करना चाहिए। श्राद्ध पक्ष में किसी कमजोर या गरीब व्यक्ति को भूमि का दान करें। सोने का दान कलह का नाश करता है अगर सोने का दान संभव न हो तो चांदी का दान करें। पितरों की प्रसन्नता के लिए नमक का दान बहुत महत्व रखता है यदि आपकी कुंडली में है पितृ दोष/ Pitra Dosha और आप पना चाहते है पितृ दोष से मुक्ति का उपाय या पितृ पक्ष शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग / Today's Panchang

Santan Saptami - संतान सप्तमी का व्रत का पुजन कैसे करें

Saptami Vrat 2022:   भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को रखा जाता है मुक्ताभरण सप्तमी व्रत। इस वर्ष 03 सितम्बर को रखा जायेगा ये व्रत। संतान सप्तमी या ललिता सप्तमी के नाम से भी प्रसिद्ध है ये व्रत सप्तमी तिथि प्रारंभ : 02 सितम्बर, दोपहर 01:51 से सप्तमी तिथि समाप्त : 03 सितम्बर, दोपहर 12:28 तक मुक्ताभरण सप्तमी शुभ पूजा मुहूर्त : 03 सितम्बर, प्रातः 07:35 से सुबह 09:10 तक संतान सप्तमी व्रत का ऐसे करें पूजा इस दिन सुबह स्नान कर घर के मंदिर की साफ़-सफाई करें व देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का कच्चे दूध व गंगाजल से अभिषेक करें   अब भगवान विष्णु व शिव-पार्वती जी की प्रतिमा पर पीले व सफ़ेद पुष्पों की माला चढ़ाएं  व श्री हरि विष्णु जी व श्री शिव-पार्वती जी से जुड़ा कोई भी पाठ पढ़ें अंत में आरती उतारकर भोग अर्पित करें मुख्य रूप से सुहागिन महिलाएं रखती हैं ये व्रत इस व्रत/ Vrat को रखने से निसंतान स्त्रियों को होती है संतान सुख की प्राप्ति संतान सप्तमी व्रत पुजा शुभ मुहुर्त जाननें के लिए आज का पंचांग / Today's Panchang पढे अथवा अपनी राशि की दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढने के लिए यहा क

Rishi Panchami Vrat - कब किया जाएगा ऋषि पंचमी व्रत?

Rishi Panchami 2022: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है ऋषि पंचमी। इस वर्ष 1 सितम्बर को मनाई जाएगी ऋषि पंचमी पंचमी तिथि प्रारंभ: 31 अगस्त, दोपहर 03:23 से पंचमी तिथि समाप्त: 1 सितंबर, दोपहर 02:49 तक ऋषि पंचमी शुभ पूजा मुहूर्त: 01 सितम्बर, प्रातः 11:05 से दोपहर 01:37 तक इस पावन पर्व/ Festivals पर किया जाता है सप्त ऋषियों का पूजन ऋषि पंचमी पर ऐसे करें सप्तर्षियों की पूजा इस पावन दिन पर प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें स्नान के पश्चात् घर के मंदिर की अच्छे से साफ़-सफाई करें सभी देवी-देवताओं का गंगा जल से करें अभिषेक सप्तऋषियों की प्रतिमा या तस्वीर पर चढ़ाएं पीले पुष्प की माला इसके बाद दीपक व धूपबत्ती प्रज्वलित करें इसके बाद सप्तऋषियों व देवी अरुंधति की विधि-विधान से करें पूजा-अर्चना अंत में सप्तऋषियों व देवी की आरती उतारकर भोग लगाएं सुहागिन महिलाएं व कुंवारी कन्याओं द्वारा मुख्य रूप से रखा जाता है ये व्रत सुहाग की रक्षा व महिलाओं के सुख-सौभाग्य की वृद्धि करता है ये व्रत इस व्रत/ Vrat को रखने से दूर होती हैं पारिवारिक व आर्थिक समस्याएं इस व्रत को रखने से सुख-समृद्ध

Ganesh Chaturthi - गणेश चतुर्थी पर विघ्नहर्ता की कैसे करें स्थापना

Ganesh Festival 2022 : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है श्री सिद्धिविनायक व्रत। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार इस दिन दोपहर में हुआ था श्री गणेश जी का जन्म। इस वर्ष 31 अगस्त को रखा जायेगा ये व्रत चतुर्थी तिथि प्रारंभ : 30 अगस्त, दोपहर 03:33 से चतुर्थी तिथि समाप्त : 31 अगस्त, दोपहर 03:23 तक सिद्धि विनायक व्रत शुभ पूजा मुहूर्त : 31 अगस्त, प्रातः 11:56 से दोपहर 12:47 तक आर्थिक समस्याओं का अंत करता है श्री सिद्धि विनायक व्रत श्री सिद्धि विनायक व्रत को रखने से दूर होता है  बड़े से बड़ा संकट शिक्षा में आ रही रुकावटों का नाश करता है श्री सिद्धिविनायक व्रत सुख-समृद्धि के द्वार खोल देता है श्री सिद्धिविनायक व्रत घरेलू क्लेश व पारिवारिक अशांति को दूर करता है श्री सिद्धिविनायक व्रत उत्तम विद्या, बुद्धि व ज्ञान प्रदान करता है श्री सिद्धिविनायक व्रत काम-धंधे में आ रही विघ्न बाधाओं को जड़ से समाप्त करता है श्री सिद्धिविनायक व्रत यदि आप गणेश चतुर्थि पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang   देखे या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope पढना चाहते

Haritalika Teej - क्या है हरतालिका तीज व्रत और इसका महत्व?

Haritalika Vrat 2022: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है हरतालिका तीज। इस वर्ष 30 अगस्त को मनाया जाएगा यह पर्व तृतीया तिथि प्रारंभ : 29 अगस्त, दोपहर 03:21 से तृतीया तिथि समाप्त : 30 अगस्त, दोपहर 03:33 तक हरतालिका तीज शुभ पूजा मुहूर्त : 30 अगस्त, प्रातः 05:58 से सुबह 08:31 तक इस दिन की जाती है देवाधिदेव महादेव व माँ पार्वती की पूजा अखंड सुहाग की प्राप्ति के लिए सुहागिन महिलाएं रखती हैं यह व्रत इस दिन विवाहित महिलाएं 16 श्रृंगार करके पति की दीर्घायु के लिए रखती हैं यह व्रत इस दिन व्रत रखने से पूर्ण होती हैं सुहागिनों की संपूर्ण मनोकामनाएं कुंवारी कन्याएं भी मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए रखती हैं यह व्रत निसंतान महिलाओं के लिए भी यह व्रत है एक वरदान इस दिन व्रत रखने से वैवाहिक जीवन ( Marriage Prediction ) में आती है सुख-शांति यदि आप हरतालिका तीज की शुभ पुजा मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग / Today's Panchang देखे या अपनी राशि की दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढना चाहते है तो यहा क्लिक करें।

Raksha Bandhan - 12 अगस्त को नहीं 11 अगस्त को मनाया जाएगा रक्षाबंधन

Raksha Bandhan: श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है रक्षाबंधन। इस वर्ष 12 अगस्त को नहीं 11 अगस्त को मनाया जाएगा रक्षाबंधन रक्षाबंधन की तिथि : 11 अगस्त 2022 गुरुवार पूर्णिमा तिथि प्रारंभ : 11 अगस्त प्रातः 10 बजकर 39 मिनट से पूर्णिमा तिथि समाप्त : 12 अगस्त सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त (दिल्ली के लिए): 11 अगस्त, रात्रि 08:53 से रात्रि 9:13 तक भाई-बहनों के पवित्र रिश्ते व प्रेम का प्रतीक है ये त्यौहार/ Festivals ,  इस पावन दिवस पर बहनें बांधती हैं भाइयों को राखी।  इस पवित्र पर्व पर भाई देते हैं बहनों को रक्षा का वचन।  शास्त्रीय भाषा में राखी को कहा जाता है रक्षा सूत्र।  वेद के संस्कृत शब्द रक्षा का अपभ्रंश है रक्षा सूत्र।  कालांतर में राखी नाम से प्रसिद्ध हो गया यह शब्द।  वैदिक काल से ही रही है रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा।  यज्ञ, युद्ध, धार्मिक अनुष्ठान के दौरान बांधा जाता था रक्षा सूत्र।  प्राचीन समय में थी मौली या कलावा बांधने की परंपरा।  यही रक्षा सूत्र आगे चलकर भाई-बहन के प्रेम का बन गया प्रतीक।  इन पौराणिक कथाओं से जुड़ा है रक्षा बंधन/ Raksha Bandhan का यह प

Devshayani Ekadashi 2022 - कब है देवशयनी एकादशी?

Ekadashi 2022: आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है देवशयनी एकादशी। इस साल 10 जुलाई को मनाई जाएगी देवशयनी एकादशी। इस दिन से 4 महीने के लिए योग निद्रा में जाते हैं श्रीविष्णु जिस कारण चातुर्मास होता है आरंभ। इस दौरान नहीं किए जाते हैं कोई भी शुभ कार्य। कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी/ Dev Utani Ekadashi से मांगलिक कार्य होते हैं आरंभ। चातुर्मास में थाली की बजाय पत्तल पर भोजन करना होता है शुभ इस मास में भूमि शयन करना होता है लाभकारी चातुर्मास में भगवान विष्णु की उपासना है फलदायी इस दौरान झूठ न बोलें इस दौरान न करें लड़ाई-झगड़ा चातुर्मास में तुलसी पूजन करें यदि आप एकादशी/ Ekadashi व्रत अथवा दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढने के लिऐ इस लिंक पर क्लिक करें।

Guru Purnima Festival - गुरु पूर्णिमा आषाढ़ का पर्व कब है

Guru Purnima 2022: आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है गुरु पूर्णिमा। गुरु व शिष्य के पवित्र संबंधों का पर्व है गुरु पूर्णिमा/ Guru Purnima इस वर्ष 13 जुलाई को मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा गुरु पूर्णिमा पूजन मुहूर्त : प्रातः 07:16 से सुबह 08:59 तक इस दिन हुआ था महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास जी का जन्म, इसलिए व्यास पूर्णिमा के नाम से भी प्रसिद्ध है गुरु पूर्णिमा। वेदों को विभाजित करने वाले व 18 पुराणों के रचयिता महर्षि वेदव्यास जी को माना जाता है जगत के प्रथम गुरु। गुरु पूर्णिमा पर महर्षि वेदव्यास जी की पूजा होती है बेहद कल्याणकारी। इस पवित्र दिवस पर गुरु के पूजन से मिलता है अनंत कोटि पुण्य फलो का लाभ। इस पर्व पर श्री विष्णु जी व माता लक्ष्मी जी के पूजन से पूर्ण होती है मनोकामनाएं। यदि आप किसि अन्य त्योहार/ Festivals या अपनी राशि का दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढना चाहते है तो इस लिंक पर क्लिक करें।

Nirjala Ekadashi - निर्जला एकादशी कब है?

Ekadashi 2022:   ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कहते हैं निर्जला एकादशी/ Nirjala Ekadashi 10 जून को मनाई जाएगी निर्जला एकादशी निर्जला एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त - प्रातः 08:52 से सुबह 10:36 तक निर्जला एकादशी पारण (व्रत खोलने का) मुहूर्त : 11 जून, दोपहर 01:44 से शाम 04:32 तक बिना जल ग्रहण किए रखा जाता है निर्जला एकादशी व्रत यह व्रत करने से दूर होती हैं आर्थिक समस्याएं इस व्रत पर भगवान विष्णु की पूजा करने से बढ़ता है सुख-सौभाग्य इस व्रत को रखने से मिलती है पापों से मुक्ति इस व्रत को करने से होती है मान-सम्मान में वृद्धि यदि आप किसी अन्य एकादशी /Ekadashi, त्योहार/ Festival और व्रत/Vrat की जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो, इस लिंक पर क्लिक करें।

Vaibhav Laxmi Vrat - वैभव लक्ष्मी व्रत में कुछ खास नियमों का रखे ध्यान

Vaibhav Lakshmi Vrat: वैभव लक्ष्मी व्रत करने से हर मनोकामना होगी पूर्ण, लेकिन इन चीजों के बिना अधूरी रहेगी पूजा। हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी माना गया है। लक्ष्मी माता के अलग अलग स्वरूपों जैसे गज लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी और वैभव लक्ष्मी को पुजते है। मान्यता है कि शुक्रवार/ Friday Fast के दिन मां वैभव लक्ष्मी की पूजा और व्रत करने से धन, शिक्षा, व्यापार आदि सभी से जुड़ी मनोकामनाओं पुर्ण होती है। लेकिन इस व्रत में कुछ खास नियमों का रखे ध्यान मां वैभव लक्ष्मी का व्रत पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव से करे व्रत की विधि प्रारंभ करने से पूर्व लक्ष्मी स्तवन का पाठ करें व्रत शुरू करने से पहले 11 या 21 शुक्रवार तक व्रत रखने का संकल्प ले मां वैभव लक्ष्मी के व्रत में सफेद मीठी चीज का भोग लगाएं वैभव लक्ष्मी की तस्वीर के सामने मुट्ठी भर चावल रखकर उस पर पानी से भरा कलश स्थापित करें और कलश के ऊपर कटोरी रखकर उसमें कोई सोने या चांदी का आभूषण रखे यदि आप किसि अन्य व्रत व त्योहार/ Festivals का जानकारी प्राप्त करना चाहते है या आज का पंचांग / Today's Panchnag पढना चाहते है तो इस लिंक पर क्लिक करे

Shani Jayanti - इस शनि जयंती पर करें शनि को प्रसन्न

Shani Jayanti: शनि जयंती पर करें ये काम, जीवन में बढ़ेगी सुख-शांति व आराम। 30 मई को मनाई जाएगी शनि जयंती। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए बेहद ख़ास है शनि जयंती। ज्योतिष में न्याय के कारक हैं शनिदेव। अशुभ शनि के कारण भोगने पड़ते हैं है दुःख, कष्ट व संताप। निर्बल शनि देता है गरीबी व जटिल बीमारियां, अगर आपका शनि भी है निर्बल व कमजोर तो इस शनि जयंती पर करें यह अचूक व चमत्कारिक उपाय शनिदेव या भैरव जी के मन्त्रों का करें जाप भैरव जी के मंदिर में चढ़ाएं काली उड़द व काले तिल निर्धन, विकलांग व असहाय लोगों की करें गुप्त रूप से सेवा पीपल वृक्ष की करें पूजा और भैरव जी की करें आराधना काली गाय व चींटियों को खिलाएं काली उड़द से बने पकवान बेईमानी, छल-कपट व अन्याय करने से रहें कोसों दूर Today's panchang : पुजा शुभ मुहुर्त व तिथि जानने के लिऐ आज का पंचांग पढे यदि आप अपनि राशि का दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढना चाहते है तो, इस लिंक पर क्लिक करें।

Garuda Purana - गरुड़ पुराण के अनुसार इन बातों का रखें ध्यान

Garuda Purana : गरुड़ पुराण के अनुसार इन बातों का रखें ध्यान, मां लक्ष्मी का घर में रहेगा वास। गरुड़ पुराण का पाठ आमतौर पर मृत्यु के बाद कराया जाता है, गरुड़ पुराण में मृत्यु और उसके बाद अगले जन्म के बारे में बताया गया है। इसमें जीवन के कई आवश्यक बातों को भी बताया गया है। आइए जानते हैं गरुड़ पुराण की 3 खास बातें 1. भगवान को भोग  जिस घर में भोजन को बिना जूठा किए भगवान को भोग लगाया जाता है, वहां अन्न और धन की कमी नहीं होती है  2. कुल देवी या देवता की पूजा कुल देवी या देवता की पूजा करने से सात पीढ़ियां खुशहाल रहती है Career Predtcion by Birth Chart : ज्योतिष अनुसार सहि करियर का चयन करें। 3. दान जरूरतमंदों के बीच अन्न का दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है यदि आप आज का शुभ मुहुर्त और नक्षत्र जानना चाहते है तो, आज का पंचांग / Today's Panchang पढे।

Gudi Padwa: चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा पर्व मनाया जाएगा

Gudi Padwa: गुड़ी पड़वा त्यौहार 2 अप्रैल 2022 को मनाया जाएगा। यह गुड़ी पड़वा / Gudi Padwa है सबसे खास! जानें क्यों है यह खास? इस गुड़ी पड़वा 2022 में ग्रहण योग बन रहा है। इस दिन राहु पहले से ही मेष राशि में/ Rahu in Aries होंगे और इसके बाद चंद्रमा सुबह 11:21 पर मेष राशि में प्रवेश करेंगे जो ग्रहण योग बनाएगा। जानें क्या होगा इसका प्रभाव? और किन राशियों पर होगा इसका असर मेष राशि मानसिक शांति भंग हो सकती है स्वास्थ्य प्रतिकूल रहने के संकेत हैं पारिवारिक कलह या विवाद होने की संभावना है प्रेम व वैवाहिक जीवन में मनमुटाव हो सकता है तुला राशि मानसिक बेचैनी बढ़ने के आसार हैं नौकरी या बिजनेस ( Job or Business as per date of birth ) में नकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं नौकरी से हाथ धो सकते हैं. बने-बनाए काम बिगड़ने के संकेत हैं प्रेम व वैवाहिक जीवन में झगड़े होने की संभावना है यदि आप अपने राशि का दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढना चाहते है तो यहा क्लिक करें।