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Sun Transit in Capricorn - शनि की राशि में आ रहे सूर्य

Makar Rashi me Surya ka Gochar: 14 जनवरी को मकर राशि में होगा सूर्य का गोचर/ Sun Transit in Capricorn इन राशि वालों की बढ़ेगी आफत कन्या राशि सट्टे-लॉटरी से हानि होने की संभावना। संतान की सेहत बढ़ाएगी चिंता। पेट संबंधी रोग होने के संकेत। मकर राशि एक्सीडेंट होने के हैं योग. वैवाहिक जीवन में होगा विवाद/ Problems in Married Life बिज़नेस में आएगी अड़चनें। मीन राशि आर्थिक हानि होने के संकेत। बड़े भाई-बहनों से होगा मनमुटाव। शेयर मार्किट से नुकसान होने की संभावना। यदि आप अपनी राशि में इस गोचर का प्रभाव जानना चाहते है या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope अथवा 2023 वार्षिक राशिफल/ 2023 Horoscope Prediction पढना चाहते है तो इस लिंक पर क्लिक करें

Makar Sankranti 2023 - 14 या 15 जनवरी मकर संक्रांति कब है?

Makar Sankranti : भगवान सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के दिन मनाया जाता है मकर संक्रांति का पर्व। इस वर्ष 14 जनवरी को मनाई जाएगी मकर संक्रांति/ Makar Sankranti 14 जनवरी 2023 को सूर्य मकर राशि में/ Sun Transit in Capricorn रात्रि 08:45 बजे प्रवेश करेगा, इसलिए मकर संक्रांति का पुण्यकाल 15 जनवरी को प्रातः 7:19 से सांयकाल 05:39 तक रहेगा मकर संक्रांति शुभ पूजा मुहूर्त : 15 जनवरी 2023, प्रातः 09:53 से दोपहर 12:31 तक पतंग महोत्सव के नाम से भी मनाया जाता है ये पर्व। क्योंकि इस दिन पतंग उड़ाने की भी है परंपरा। इस शुभ दिन पर पवित्र नदियों में स्नान करने से मिलता है अनंत कोटि पुण्य। इस दिन गौ माता को हरा चारा खिलाने से प्राप्त होती है आर्थिक समृद्धि। इस शुभ दिन सूर्य उपासना करना होता है बेहद कल्याणकारी। इस दिन गुड़ व तिल से बने पदार्थ खाने से प्राप्त होती है सूर्य व शनिदेव की कृपा। इस दिन खिचड़ी का दान करने से दूर होता है दुःख-दारिद्रय। इस दिन काले तिल व काली वस्तुओं का दान करने से दूर होता है शनि दोष। इस दिन तांबे के लोटे में रोली व गुड़ डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य देने से मिलती है सफलता। इस शुभ ...

उत्तरायण में शरीर त्यागने से क्यों मिलता है मोक्ष

Dakshinayan and Uttarayan : भारतीय संस्कृति में एक वर्ष को दो भागों में किया गया है विभाजित।  उत्तरायण व दक्षिणायन के नाम से प्रसिद्ध है ये काल।  सूर्यदेव 06 महीने के लिए उत्तरायण रहते हैं और बाकी 06 महीनों के लिए दक्षिणायन।  21 दिसंबर से शुरू हो रहा है उत्तरायण काल दक्षिणायन को याम्यायन व उत्तरायण को सौम्यायन कहा जाता है. सायन सूर्य के मकर राशि में गोचर/ Sun Transit in Capricorn करने से शुरू होता है उत्तरायण काल. हिंदू संस्कृति में सूर्यदेव को माना गया है एक प्रत्यक्ष देवता। इसीलिए सनातन संस्कृति में सूर्यदेव से जुड़े हुए कई व्रत-त्यौहार मनाने की है परंपरा। उत्तरायण काल को माना जाता है बेहद पवित्र। उत्तरायण काल को देवताओं का दिन कहा जाता है. उत्तरायण काल के दौरान पवित्र नदियों में स्नान व दान करने का है बहुत अधिक महत्व। उत्तरायण काल में किए गए दान व गंगा स्नान से मिलता है अनंत कोटि पुण्यफल। उत्तरायण काल से शुरू हो जाते हैं शुभ व मांगलिक कार्य। उत्तरायण काल में शरीर त्यागने से मिलता है मोक्ष। इसलिए शर-शैय्या पर पड़े हुए भीष्म पितामह ने उत्तरायण काल में त्यागा था शरीर। यदि...