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Rangbhari Ekadashi | Ekadashi 2022 | एकादशी 2022 | Amalaki Ekadashi

Rangbhari Ekadashi 2022 : फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंगभरी एकादशी कहते हैं। इसे आमलकी एकादशी/ Amalaki Ekadashi के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा का विधान है रंगभरी एकादशी तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि एकादशी तिथि प्रारम्भ - 13 मार्च 2022 को 10:21 रंगभरी एकादशी उत्सव - 14 मार्च 2022 को सोमवार के दिन मनाई जाएगी एकादशी तिथि समाप्त - 14 मार्च 2022 को 12:05 क्या है खास इस रंगभरी एकादशी में? इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग प्रारम्भ - प्रात: 06 बजकर 32 मिनट से सर्वार्थ सिद्धि योग समाप्त - रात 10 बजकर 08 मिनट तक यदि आप आप अपनी राशि का दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढना चाहते है तो इस लिंक पर क्लिक करें।

Rangbhari Ekadashi 2022 | एकादशी 2022 | Ekadashi 2022 | Ekadashi Vrat an...

Rangbhari Ekadashi 2022 : फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंगभरी एकादशी कहते हैं। इसे आमलकी एकादशी/ Amalaki Ekadashi के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा का विधान है रंगभरी एकादशी तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि एकादशी तिथि प्रारम्भ - 13 मार्च 2022 को 10:21 रंगभरी एकादशी उत्सव - 14 मार्च 2022 को सोमवार के दिन मनाई जाएगी एकादशी तिथि समाप्त - 14 मार्च 2022 को 12:05 क्या है खास इस रंगभरी एकादशी में? इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग प्रारम्भ - प्रात: 06 बजकर 32 मिनट से सर्वार्थ सिद्धि योग समाप्त - रात 10 बजकर 08 मिनट तक रंगभरी एकादशी का महत्व इस दिन भोलेनाथ माता गौरा का गौना करा कर पहली बार काशी आए थे। उनका स्वागत गुलाल से हुआ था इस वजह से हर साल इस दिन को रंगभरी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। यदि आप अपनी राशि का दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढना चाहते है, तो इस लिंक पर क्लिक करें।

Rangbhari Ekadashi 2022: कब है रंगभरी एकादशी | तिथि, और पूजा मुहूर्त

  Rangbhari Ekadashi 2022: भारत एक ऐसा देश है जहां पर भिन्न भिन्न प्रकार के व्रत और पर्व मनाए जाते हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार , फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रंगभरी एकादशी मनाई जाती है। कुछ छेत्रों में इसे आमलकी एकादशी / Amalaki Ekadashi भी कहते हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह एक मात्र ऐसी एकादशी है , जिसका सीधा संबंध भगवान शिव / Lord Shiva से होता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा काशी विश्वनाथ की नगरी वाराणसी में होती है। इस दिन बाबा विश्वनाथ माता पार्वती के साथ नगर भ्रमण करते हैं और पूरी नगरी लाल गुलाल से रंग में रंग जाती है। इस दिन भोलेनाथ का स्वरुप देखकर हर शिव भक्त आनंदित हो उठते हैं। आइए जानते हैं रंगभरी एकादशी / Rangbhari Ekadashi की तिथि , पूजा मुहूर्त एवं महत्व। रंगभरी एकादशी तिथि एवं मुहूर्त पंचांग के अनुसार , इस साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 13 मार्च दिन रविवार को सुबह 10 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी। इस तिथि का समापन 14 मार्च दिन सोमवार को दोपहर 12 बजकर 05 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार , रंगभरी एकादशी 14 म...