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Rath Yatra 2023: भगवान जगन्नाथ जी हर साल क्यों पड़ जाते हैं बीमार

Jagannath Rath Yatra : जगत के पालनहार भगवान जगन्नाथ हुए बीमार, जानिए कब देंगे अपने भक्तों को दर्शन भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन निकाली जाती है। इस वर्ष 20 जून 2023 मंगलवार को निकाली जाएगी रथ यात्रा ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा/ Purnima तिथि के दिन भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र को गर्भगृह से बाहर लाया जाता है और उन्हें सहस्त्र स्नान कराया जाता है। जिसके बाद वे बीमार पड़ जाते हैं, जिस कारण वें 15 दिनों तक शयन कक्ष में विश्राम करते हैं। इस दौरान न मंदिर की घंटी बजती है, और न भक्त दर्शन कर पाते हैं। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र के साथ विश्राम कक्ष से बाहर निकलते हैं और इसी दिन भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है। पुरी रथयात्रा/Puri Rath Yatra में बलराम, श्रीकृष्ण और देवी सुभद्रा के लिए तीन अलग-अलग रथ निर्मित किए जाते हैं और यात्रा के दौरान रथ पर सवार होकर भगवान जगन्नाथ मौसी के घर गुंडिचा जाते हैं। हिंदू पंचांग/ Panchang के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि

Pradosh Vrat 2023: 03 फरवरी को रखा जाएगा प्रदोष व्रत

Pradosh Vrat : प्रत्येक मास के शुक्ल व कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है प्रदोष व्रत। इस वर्ष 03 फरवरी को रखा जाएगा प्रदोष व्रत। इस प्रदोष व्रत/ Pradosh Vrat पर बनेंगे दुर्लभ सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग प्रदोष शुभ पूजा मुहूर्त : 03 फरवरी, शाम 05:57 से रात्रि 08:06 तक सर्वार्थ सिद्धि योग समयकाल : 03 फरवरी, प्रातः 06:18 से 04 फरवरी, प्रातः 07:12 तक रवि योग समयकाल : 03 फरवरी, प्रातः 06:18 से 04 फरवरी, प्रातः 09:16 तक सर्वार्थ सिद्धि योग व रवि योग/ Ravi Yoga  में शिव-पार्वती का पूजन होता है बेहद कल्याणकारी। स्त्री व पुरुष दोनों के लिए शुभ होता है ये व्रत।    इस व्रत को रखने से पाप कर्मों का होता है नाश. इस व्रत को रखने से दुख व कष्टों से मिलती है मुक्ति। इस व्रत को रखने से जटिल रोगों से होता है छुटकारा। इस व्रत को रखने से प्राप्त होता है उत्तम संतान सुख यदि आप अन्य किसी व्रत या त्योहार की शुभ पुजा मुहुर्त जानने के लिए आज क पंचांग/ Today's Panchang पढे या अपनी राशि का वार्षिक राशिफल 2023/ Yearly Horoscope 2023 पढने के लिए यहा क्लिक करें।

Utpanna Ekadashi - उत्पन्ना एकादशी जानें शुभ मुहूर्त और कथा

Ekadashi Vrat:   मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी कहलाती है उत्पन्ना एकादशी। इस वर्ष 20 नवंबर को मनाई जाएगी उत्पन्ना एकादशी/ Utpanna Ekadashi एकादशी तिथि प्रारंभ: 19 नवंबर, सुबह 10:30 से एकादशी तिथि समाप्त: 20 नवंबर, सुबह 10:41 तक उत्पन्ना एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त: 20 नवंबर, प्रातः 09:27 से दोपहर 12:07 तक उत्पन्ना एकादशी पारण मुहूर्त: 21 नवंबर, प्रातः 06:48 से सुबह 08:56 तक इस शुभ दिन पर की जाती भगवान श्रीकृष्ण की पूजा निर्जला या फलाहार रूप में रखा जाता है ये व्रत इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को विभिन्न फलों का लगाया जाता है भोग निसंतान दंपतियों के लिए एक वरदान है ये व्रत/ Vrat इस व्रत को रखने से दूर होती है आर्थिक समस्याएं। इस व्रत को रखने से होता है पापों का नाश. इस व्रत को रखने से बढ़ता है दाम्पत्य प्रेम यदि आप अन्य किसी व्रत व त्योहार की पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchnag या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope पढने के लिए यहा क्लिक करें।

Chaturdashi 2022 - क्यों भगवान शिव ने लिया विष्णु जी का परीक्षा

Vaikuntha Chaturdashi: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है वैकुण्ठ चतुर्दशी। इस वर्ष 06 नवंबर को मनाई जाएगी वैकुण्ठ चतुर्दशी चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 06 नवंबर, शाम 04:29 से चतुर्दशी तिथि समाप्त: 07 नवंबर, शाम 04:16 तक वैकुण्ठ चतुर्दशी शुभ पूजा मुहूर्त : 06 नवंबर, सुबह 09:21 से दोपहर 12:04 तक इस पवित्र दिन पर व्रत रखकर करते हैं भगवान शिव व विष्णु जी की पुजा श्री विष्णु जी चातुर्मास/ Chaturmas तक सृष्टि का पूरा कार्यभार भगवान शिव को सौंपकर करते हैं विश्राम देवउठनी एकादशी/ Dev Uthani Ekadashi पर जागने के बाद शिवजी की भक्ति में लग जाते हैं श्री हरि विष्णु इस पवित्र दिन पर श्राद्ध व तर्पण करना होता है कल्याणकारी एक बार विष्णु जी एक हजार कमल पुष्पों से भगवान शिव के पूजन का संकल्प किया। भगवान शिव ने श्री विष्णु जी की परीक्षा लेने के लिए एक पुष्प कम कर दिया। पुष्प कम होने पर भगवान विष्णु ने अपने कमलनयन नेत्र को ही पूजन में अर्पित करने लगे. भगवान शिव उनकी भक्ति से बहुत प्रसन्न हुए. उन्होंने प्रकट होकर कहा कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी वैकुण्ठ चौदस के नाम से जानी जाएगी। इस दिन

छठ पूजा 2022 - जानें सभी महत्वपूर्ण जानकारी और छठ पूजा का शुभ मुहूर्त

दिवाली के बाद, साल का दूसरा अत्यधिक धार्मिक महत्व का त्यौहार, छठ मनाया जाता है। छठ पूजा कब है और इसका क्या महत्व है? छठ के पर्व को आस्था का महापर्व कहा गया है। कार्तिक माह अत्यंत ही शुभ माह है जिसमें एक के बाद एक धार्मिक महत्व के त्यौहार आते हैं। छठ का त्यौहार शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर मनाया जाता है और इस दिन छठी मैया की पूजा की जाती है। बिहार के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक छठ पूजा हर वर्ष अत्यंत धूमधाम से मनाया जाता है जिसे सूर्य षष्ठी भी कहा जाता है। यह पर्व दिवाली/ Diwali के ठीक 6 दिन बाद मनाया जाता है। यह पर्व मुख्यतः उत्तर भारत के राज्य बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाने का प्रचलन है पर अब इसकी धूम पूरे देश बल्कि विदेशों में भी देखने को मिलती है। ऐसी मान्यता है कि छठ पूजन से भक्तों को सुख-समृद्धि, वैभव, धन, यश, शोहरत, और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। ऐसा कहा जाता है कि जो महिलाएं छठ का व्रत रखती हैं उनकी संतानों को दीर्घायु, उत्तम स्वास्थय और वैभव की प्राप्ति होती है। छठ पर्व भारत के कुछ कठिन पर्वों में से एक है जो पूरे चार दिनों तक चलता है। इस पर्व में 36

Vastu Dosh - मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय

क्या रूठ कर चली गई है मां लक्ष्मी? Diwali Special 2022: मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। जिस व्यक्ति पर मां प्रसन्न रहती है। उस परिवार को धन-धान्य व संपत्ति से बढ़ देती हैं। अगर वे किसी से रुष्ट होकर चली जाए तो, उस परिवार को कंगाल और बीमारियों का घर बनते देर नहीं लगती। अगर आप भी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं तो इसका मतलब मां आपसे रूठी हुई हैं। ऐसे में आप वास्तु शास्त्र के मुताबिक मां लक्ष्मी को दोबारा घर में आमंत्रित करने के लिए घर की इन 5 चीजों में तुरंत बदलाव कर देना चाहिए। आइए जानते हैं कि वे 5 चीजें कौन सी हैं 1. वास्तु दोष दूर करने के लिए घर में रखें पिरामिड वास्तु दोष/ Vastu Dosh दूर करने के लिए आप घर में कुल  9  पिरामिड रखें।  अगर आप इतने पिरामिड घर में नहीं रखना चाहते हैं तो,  घर के जिस हिस्से में परिवार के लोग एक साथ मिलकर ज्यादा वक्त गुजारते हैं,  वहां पर एक पिरामिड रख दें।  ऐसा करने से परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाता है  और घर में मां लक्ष्मी का आगमन होने लगता है।   2. घर के मंदिर में जरूर करें शंख की स्थापना शास्त्रों के अनुसार जिस घर के पूजा स्थल में देवी

Rama Ekadashi - रमा एकादशी व्रत की पूजन विधि और कथा

Ekadashi 2022: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है रमा एकादशी। इस वर्ष 21 अक्टूबर को रखा जाएगा रमा एकादशी का व्रत/ Rama Ekadashi Vrat एकादशी तिथि प्रारंभ : 20 अक्टूबर, शाम 04:05 से एकादशी तिथि समाप्त : 21 अक्टूबर, शाम 05:23 तक रमा एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त : 21 अक्टूबर, प्रातः 07:50 से सुबह 10:40 तक रमा एकादशी पारण(व्रत खोलने का)मुहूर्त : 22 अक्टूबर, प्रातः 06:26 से सुबह 08:42 तक धनतेरस/ Dhanteras व दीवाली से पहले आती है रमा एकादशी चातुर्मास/ Chatur Maas की अंतिम एकादशी होती है रमा एकादशी माँ लक्ष्मी जी का एक नाम है रमा इसलिए धार्मिक दृष्टि से है इस एकादशी का बहुत अधिक महत्व दिवाली/ Diwali से पूर्व माँ लक्ष्मी का पूजन करने के लिए यह है शुभ दिन इस दिन भगवान विष्णु के साथ माँ लक्ष्मी का किया जाता है पूजा इस दिन माँ लक्ष्मी का पूजन/ Laxmi Pujan करने से घर में होता है सुख-समृद्धि का वास इस एकादशी/ Ekadashi का व्रत रखने से दूर होती है आर्थिक तंगी। यदि आप एकादशी पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक र

शरद पूर्णिमा के दिन ये शुभ संयोग बढ़ा रहे दिन का महत्व

Sharad Purnima: आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है शरत पूर्णिमा| इस वर्ष 09 अक्टूबर को मनाई जाएगी शरत पूर्णिमा/ Sharad Purnima पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 09 अक्टूबर, प्रातः 03:42 से पूर्णिमा तिथि समाप्त: 10 अक्टूबर, रात्रि 02:24 तक शरत पूर्णिमा शुभ पूजा मुहूर्त: 09 अक्टूबर, शाम 07:31 से रात्रि 09:03 तक मान्यता है कि इस दिन आकाश से होती है अमृत वर्षा ये दिन माँ लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए होता है बेहद ख़ास इस दिन शुभ मुहूर्त में माँ लक्ष्मी की पूजा करने से प्राप्त होती है अपार कृपा चंद्र ग्रह के दोषों से छुटकारा पाने के लिए भी यह दिन है बेहद लाभकारी इस पवित्र दिन पर समुद्र मंथन से प्रकट हुई थी माँ लक्ष्मी प्राचीन मान्यता अनुसार इस दिन माँ लक्ष्मी जी का पृथ्वी पर होता है विचरण इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना होता है बेहद शुभ इस पावन दिवस पर रात्रि में खीर बनाने की भी है परंपरा इस ख़ीर को चंद्रमा की चांदनी में रखने से उसमें हो जाता है अमृत का प्रवेश इस ख़ीर को माता लक्ष्मी को भोग लगाकर ग्रहण करने से दूर होती है आर्थिक तंगी यदि आप करवा चौथ पुजा शुभ मुह

Karva Chauth 2022 - करवा चौथ पर भूलकर भी न करें ये काम

Trendy saree on this Karva Chauth : कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है करवा चौथ। इस वर्ष 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा करवा चौथ/ Karwa Chauth चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 13 अक्टूबर, रात्रि 01:59 से चतुर्थी तिथि समाप्त : 14 अक्टूबर, रात्रि 03:08 तक करवा चौथ शुभ पूजा मुहूर्त : 13 अक्टूबर, शाम 05:54 से सायंकाल 07:09 तक करवा चौथ व्रत समय: 13 अक्टूबर, प्रातः 06:24 से रात्रि 08:10 तक चंद्रोदय काल: 13 अक्टूबर, रात्रि 08:10 पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए रखती हैं ये व्रत/ Vrat उत्तर भारत में हिंदू महिलाओं के बीच बहुत लोकप्रिय है ये व्रत बिना जल ग्रहण किए रखा जाता है ये व्रत इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके सजती-संवरती हैं चंद्र दर्शन व पूजन के बाद पति के हाथों से जल ग्रहण करके व्रत तोड़ती हैं महिलाएं यदि आप करवा चौथ पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope पढने के लिऐ यहा क्लिक करें।

Ekadashi 2022 - क्या है पापांकुशा एकादशी व्रत का महत्व?

Papankusha Ekadashi : अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है पापांकुशा एकादशी।  06 अक्टूबर को रखा जाएगा पापांकुशा एकादशी का व्रत/ Papankusha Ekadashi Vrat एकादशी तिथि प्रारंभ: 05 अक्टूबर, दोपहर 12:00 से एकादशी तिथि समाप्त: 06 अक्टूबर, प्रातः 09:41 तक पापांकुशा एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त : 06 अक्टूबर, प्रातः 06:17 से सुबह 07:45 तक पापांकुशा एकादशी पारण(व्रत खोलने का)मुहूर्त:   07 अक्टूबर, प्रातः 06:18 से सुबह 07:26 तक इस दिन श्री हरि भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरुप की करी जाती है पूजा इस एकादशी का व्रत/ Ekadashi Vrat रखने से होता है पापों का नाश इस एकादशी का व्रत रखने से मिलती है भौतिक समृद्धि   इस एकादशी का व्रत रखने से बढ़ता है सुख-सौभाग्य।   इस एकादशी का व्रत रखने से बढ़ती है पारिवारिक शांति इस एकादशी का व्रत रखने से दूर होती है आर्थिक समस्याएं यदि आप एकादशी पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope पढने के लिऐ यहा क्लिक करें।

Horoscope Today 05 October 2022

Daily Horoscope: विजय दशमी है बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक। भगवान राम ने इस दिन किया था रावण का वध। जानते हैं किस राशि के लिए कैसा परिणाम लाएगा यह दशहरा मेष राशि मेष राशि के जीवन में आएगा मुसीबतों का पहाड़ करियर में नहीं मिलेगी किसी भी प्रकार की सफलता हर कदम पर रहना होगा सावधान कन्या राशि आलस करेगा आपको आज परेशान लव लाइफ में कुछ समस्या के हैं संकेत नहीं दिख रही है बिजनेस में स्थिरता सिंह राशि भगवान राम का आशीर्वाद बना रहेगा स्वास्थ्य के क्षेत्र में मिलेंगे अच्छे परिणाम दूसरों की सहायता कर सकते हैं आप यदि आप दशहरा/ Dusshera पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope पढने के लिऐ यहा क्लिक करें।

Vijayadashami 2022 - दशहरे के दिन बन रहे ये शुभ मुहूर्त

Dusshera 2022 : अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाई जाती है विजय दशमी। इस वर्ष 05 अक्टूबर को मनाई जाएगी विजयादशमी दशमी तिथि प्रारंभ: 04 अक्टूबर, दोपहर 02:21 से दशमी तिथि समाप्त: 05 अक्टूबर, दोपहर 12:00 तक. विजयदशमी विजय मुहूर्त: 05 अक्टूबर, दोपहर 02:07 से दोपहर 02:54 तक विजयदशमी अपराह्न शुभ पूजा मुहूर्त: 05 अक्टूबर, दोपहर 01:20 से दोपहर 03:41 तक दशहरा/ Dusshera के नाम से भी प्रसिद्ध है विजयदशमी भारतीय संस्कृति में वीरता व शौर्य का प्रतीक है ये त्यौहार वर्ष के तीन अत्यंत शुभ मुहूर्तों में से एक है विजयादशमी इस दिन कोई भी नया काम शुरू करना होता है बेहद शुभ  इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने किया था रावण का वध उन्होंने युद्ध के दौरान पहले नौ दिनों तक की थी माँ दुर्गा की पूजा उसके बाद दसवें दिन भगवान राम ने किया था दुष्ट रावण का वध भगवान राम की विजय के प्रतीक स्वरूप मनाया जाता है यह पर्व/ Festival इस दिन रावण के भाई कुंभकर्ण व पुत्र मेघनाथ के फूंक जाते हैं पुतले   शत्रुओं पर विजय की कामना के लिए इस दिन शस्त्र पूजा करने की है परंपरा इस दिन क्षत्रियों के यहाँ होती

नवरात्रि के सातवे दिन किस देवी की पूजा की जाती है

Navratri 7th Day: 2 अक्टूबर 2022 है मां कालरात्रि को समर्पित। चलिए जानते हैं इन राशियों की किस्मत में क्या होगा आज तुला राशि आज मिलेगी खुशियों की सौगात करियर में नई विचारधारा का होगा समावेश जीवनसाथी के साथ समय बिता पाएंगे वृश्चिक राशि इस जल तत्व राशि के लिए दिन नहीं है शुभ मां कालरात्रि की पूजा आपको देगी मानसिक शांती सेहत का रखें खास ख्याल/ Health Astrology Prediction धनु राशि छात्रों के लिए समय है कष्टप्रद महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचें वैवाहिक जीवन में दिख रहे हैं समस्या के संकेत यदि आप शारदिय नवरात्रि पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope पढने के लिऐ यहा क्लिक करें।

नवरात्रि के छठे दिन किस देवी की पूजा की जाती है?

Navratri Special : यह दिन मां कात्यायनी को है समर्पित। चलिए जानते हैं मां कात्यायनी किस राशि को कैसा फल देंगे मेष राशि लापरवाही से बचें फाइनेंस में समस्या के हैं संकेत/ Daily Finance Horoscope लव लाइफ पर मंडरा रहे हैं खतरे के बादल मिथुन राशि कई मामलों में दिन रहेगा खास करियर में एक नए युग की होगी शुरुआत किसी खास का मिल सकता है साथ मीन राशि अपनी योजनाओं को अंजाम देने के लिए दिन नहीं है शुभ विवाह के संबंध में कोई भी निर्णय आज न लें परिवार के साथ अनबन बढ़ाएगी आपकी चिंता यदि आप शारदिय नवरात्रि पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope पढने के लिऐ यहा क्लिक करें।

नवरात्रि के 5वें दिन किस देवी की पूजा की जाती है?

Navratri 5th Day : देवी स्कंदमाता को समर्पित है नवरात्रि का पांचवा दिन/ Fifth Day of Navratri जानें किन राशि वालों पर होगा देवी स्कंदमाता की कृपा कर्क राशि करना पड़ेगा परेशानियों का सामना ऑफिस में हो सकता है मतभेद बच्चों को पढ़ाई में होगी परेशानी कन्या राशि हर काम में सफलता के हैं योग करियर में अड़चन होगी नष्ट पीले वस्त्र धारण कर बनाएं इस दिन को और भी शुभ कुंभ राशि वैवाहिक जीवन में कष्ट के हैं योग/ Married Life Problems in Kundli सीनियर के साथ हो सकती है बहस देवी स्कंदमाता को पीले फूल चढाने से होगी समस्या दूर यदि आप शारदिय नवरात्रि पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope पढने के लिऐ यहा क्लिक करें।

Navratri 4th Day - नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा

Navratri Special: देवी कुष्मांडा को समर्पित है नवरात्रि का चौथा दिन। इन सभी राशियों के लिए रहेगा मिश्रित परिणाम वृषभ राशि आज आपको हर प्रकार की बुराइयों से बचाएंगी मां कुष्मांडा नवरात्रि का चौथा दिन / Fourth Day of Navratri कई सारी खुशखबरी के साथ कर रहा है आपका इंतजार सुबह स्नान के बाद लाल रंग के वस्त्र करें घारण। मिथुन राशि जीवन में भय का माहौल बना रहेगा। करियर की चिंता आपको परेशान करेगी। छात्रों को हो सकती है किसी विषय को समझने में तकलीफ सिंह राशि नवरात्रि का चौथा दिन आपके लिए कोई खास दिन साबित नहीं होगा। जीवन में परेशानियों का सैलाब आता रहेगा। देवी मां को लाल फूल अर्पित कर उनके मंत्रों का उच्चारण करें। अवश्य लाभ होगा। यदि आप शारदिय नवरात्रि पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope पढने के लिऐ यहा क्लिक करें।

Navratri 3rd Day - नवरात्री के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा

Navrtari Special: नवरात्री के तीसरे दिन/ Navratri 3rd Day की शुरुआत देवी चंद्रघंटा की पूजा से करें। चलिए जानते हैं किन राशि वाले पर रहेंगे देवी मां प्रसन्न वृश्चिक करियर में आने वाली है नई समस्या लव लाइफ में भी है परेशानी के योग देवी मां को गुड़हल का फूल चढ़ाएं और गुड़ का भोग लगाएं मकर आय के नए स्त्रोत खुलेंगे सिंगल लोग हो सकते हैं मिंगल देवी मां को प्रसन्न करने के लिए मिष्ठान का भोग लगाएं। मीन इस दिन सामना हो सकता है कई सारी चुनौतियां का सबसे ज्यादा परेशानी फाइनेंस के क्षेत्र में देखी जा सकती है। नौ दिनों तक दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से होगा विशेष लाभ यदि आप शारदिय नवरात्रि पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope पढने के लिऐ यहा क्लिक करें।

इस बार शारदीय नवरात्रि में ये होगा मां दुर्गा का वाहन

Navrtari 2022 : नवरात्रि के दिन इस सवारी पर होगा माँ का आगमन व प्रस्थान। इस वर्ष 26 सितम्बर से लेकर 04 अक्टुबर तक रहेगी शारदीय नवरात्रि। नवरात्रि के नौ दिनों में होती है माँ के नौ रूपों की पूजा। इस बार की शारदीय नवरात्रि/ Shardiya Navratri है बेहद ख़ास, क्योंकि हाथी पर सवार होकर आएगी माता रानी और हाथी पर ही होगा माता रानी का प्रस्थान। हिन्दू धर्म में हाथी है बुद्धि, ज्ञान व समृद्धि का प्रतीक। हाथी पर माँ की सवारी देश में लाएगी ख़ुशियों की बहार, धन-धान्य और सुख समृद्धि की होगी वृद्धि यदि आप शारदिय नवरात्रि पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope पढने के लिऐ यहा क्लिक करें।

Shardiya Navrtari - इस शुभ संयोग में केरें नवरात्रि की पूजा

Navratri 2022: आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होगा शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ। इस वर्ष 26 सितंबर से मनाई जाएगी शारदीय नवरात्रि। 04 अक्टूबर को होगी शारदीय नवरात्रि/ Shardiya Navratri की समाप्ति प्रतिपदा तिथि प्रारंभ : 26 सितंबर, प्रातः 03:24 से प्रतिपदा तिथि समाप्त : 27 सितंबर, रात्रि 02:28 तक शारदीय नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त : प्रातः 06:11 से सुबह 07:51 तक. शारदीय नवरात्रि पारण (व्रत खोलने का) मुहूर्त: 05 अक्टूबर, प्रातः 06:20 से दोपहर 12:00 तक माँ शैलपुत्री की पूजा से दूर होती हैं पारिवारिक समस्याएं व चंद्र ग्रह से जुड़े दोष माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा से दूर होती हैं भूमि, मकान संबंधी समस्याएं व मंगल ग्रह से जुड़े दोष/ Mangal Dosh माँ चंद्रघंटा की पूजा से दूर होती हैं वैवाहिक समस्याएं/ Marital Life Issues  व शुक्र ग्रह से जुड़े दोष माँ कूष्मांडा की पूजा से दूर होती हैं रोजगार संबंधी समस्याएं व सूर्य ग्रह से जुड़े दोष माँ स्कंदमाता की पूजा से दूर होती हैं शिक्षा संबंधी समस्याएं व बुध ग्रह से जुड़े दोष माँ कात्यायनी की पूजा से दूर होती हैं संतान संबंधी समस्याएं व गुरु ग