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Raksha Bandhan 2022 - 11 अगस्त को मनाया जाएगा रक्षाबंधन

Raksha Bandhan: श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है रक्षाबंधन। इस वर्ष 11 अगस्त को मनाया जाएगा रक्षाबंधन रक्षाबंधन की तिथि : 11 अगस्त 2022 गुरुवार पूर्णिमा तिथि प्रारंभ : 11 अगस्त प्रातः 10 बजकर 39 मिनट से पूर्णिमा तिथि समाप्त : 12 अगस्त सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त: 11 अगस्त, रात्रि 08:53 से रात्रि 9:13 तक भाई-बहनों के पवित्र रिश्ते व प्रेम का प्रतीक है ये त्यौहार इस पवित्र पर्व पर भाई देते हैं बहनों को रक्षा का वचन शास्त्रीय भाषा में राखी को कहा जाता है रक्षा सूत्र वैदिक काल से ही रही है रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा यज्ञ, युद्ध, धार्मिक अनुष्ठान के दौरान बांधा जाता था रक्षा सूत्र यही रक्षा सूत्र आगे चलकर भाई-बहन के प्रेम का बन गया प्रतीक इन पौराणिक कथाओं से जुड़ा है रक्षा बंधन का यह पवित्र पर्व रक्षाबंधन   से जुड़ी पौराणिक कहानियां एक प्राचीन कथा के अनुसार जब राजा बलि ने 110 यज्ञ पूर्ण किए. तब देवताओं को ये भय सताने लगा की कि वे स्वर्गलोक पर कब्ज़ा न कर लें. इसलिए सभी देवता स्वर्गलोक की रक्षा के लिए भगवान विष्णु के पास गए. तब भगवान विष्णु ब्राह्मण वेश धरकर...

Raksha Bandhan - 12 अगस्त को नहीं 11 अगस्त को मनाया जाएगा रक्षाबंधन

Raksha Bandhan: श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है रक्षाबंधन। इस वर्ष 12 अगस्त को नहीं 11 अगस्त को मनाया जाएगा रक्षाबंधन रक्षाबंधन की तिथि : 11 अगस्त 2022 गुरुवार पूर्णिमा तिथि प्रारंभ : 11 अगस्त प्रातः 10 बजकर 39 मिनट से पूर्णिमा तिथि समाप्त : 12 अगस्त सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त (दिल्ली के लिए): 11 अगस्त, रात्रि 08:53 से रात्रि 9:13 तक भाई-बहनों के पवित्र रिश्ते व प्रेम का प्रतीक है ये त्यौहार/ Festivals ,  इस पावन दिवस पर बहनें बांधती हैं भाइयों को राखी।  इस पवित्र पर्व पर भाई देते हैं बहनों को रक्षा का वचन।  शास्त्रीय भाषा में राखी को कहा जाता है रक्षा सूत्र।  वेद के संस्कृत शब्द रक्षा का अपभ्रंश है रक्षा सूत्र।  कालांतर में राखी नाम से प्रसिद्ध हो गया यह शब्द।  वैदिक काल से ही रही है रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा।  यज्ञ, युद्ध, धार्मिक अनुष्ठान के दौरान बांधा जाता था रक्षा सूत्र।  प्राचीन समय में थी मौली या कलावा बांधने की परंपरा।  यही रक्षा सूत्र आगे चलकर भाई-बहन के प्रेम का बन गया प्रतीक।  इन पौराणिक कथा...