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Showing posts with the label Hindu Festivals

Rath Yatra 2023: भगवान जगन्नाथ जी हर साल क्यों पड़ जाते हैं बीमार

Jagannath Rath Yatra : जगत के पालनहार भगवान जगन्नाथ हुए बीमार, जानिए कब देंगे अपने भक्तों को दर्शन भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन निकाली जाती है। इस वर्ष 20 जून 2023 मंगलवार को निकाली जाएगी रथ यात्रा ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा/ Purnima तिथि के दिन भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र को गर्भगृह से बाहर लाया जाता है और उन्हें सहस्त्र स्नान कराया जाता है। जिसके बाद वे बीमार पड़ जाते हैं, जिस कारण वें 15 दिनों तक शयन कक्ष में विश्राम करते हैं। इस दौरान न मंदिर की घंटी बजती है, और न भक्त दर्शन कर पाते हैं। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र के साथ विश्राम कक्ष से बाहर निकलते हैं और इसी दिन भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है। पुरी रथयात्रा/Puri Rath Yatra में बलराम, श्रीकृष्ण और देवी सुभद्रा के लिए तीन अलग-अलग रथ निर्मित किए जाते हैं और यात्रा के दौरान रथ पर सवार होकर भगवान जगन्नाथ मौसी के घर गुंडिचा जाते हैं। हिंदू पंचांग/ Panchang के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि ...

Today's Horoscope 26 September

Daily Horoscope: इस राशिफल में मौजूद परिणाम, नक्षत्रों और ग्रहों की स्थिति के अनुसार है। जानते हैं कि किन राशियों के लिए शुभ रहेगा 26 सितंबर रहेगा शुभ अशुभ मेष मेष राशि/ Mesh Rashifal के लिए यह दिन नहीं होगा खास रिश्तों में आ सकती है खट्टास लव लाइफ की वजह से खड़ी हो सकती है करियर में परेशानियां तुला नया वाहन खरीदने का सपना आज भी नहीं हो पाएगा साकार घर में किसी के आने से बढ़ सकती है आपकी परेशानी रिश्तेदारों के साथ संबंधों में देखने को मिल सकती है अनबन मकर पुरानी सभी परेशानियों का हल मिलेगा आज मन होगा शांति से सराबोर आर्थिक दृष्टि से आज का दिन है आपके लिए शुभ यदि आप अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope व साप्ताहिक राशिफल/ Weekly Horoscope पढना चाहते है तो यहा पर क्लिक करें।

जानें क्या है गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधी

Anant Chaturdashi 2022 : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है श्री अनंत चतुर्दशी। इस वर्ष 09 सितम्बर को मनाई जाएगी श्री अनंत चतुर्दशी चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 08 सितम्बर, रात्रि 09:03 से चतुर्दशी तिथि समाप्त: 09 सितम्बर, शाम 06:08 तक श्री अनंत चतुर्दशी शुभ पूजा मुहूर्त: 09 सितम्बर, प्रातः 06:03 से शाम 06:07 तक अनंत चतुर्दशी पर होती है 10 दिवसीय श्री गणेश उत्सव की समाप्ति अनंत चतुर्दशी पर होती है श्री हरि भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा अनंत चतुर्दशी/ Anant Chaturdashi पर ऐसे करें श्री हरि की पूजा सुबह स्नान करके स्वच्छ पीले वस्त्र धारण करें सभी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का दूध व गंगाजल से अभिषेक करें अब भगवान विष्णु की प्रतिमा पर पीले पुष्पों की माला चढ़ाएं   अब शुद्ध घी का दीपक व धूप प्रज्वलित करें अब पीले आसन पर बैठकर श्री विष्णु सहस्त्रनाम या भगवान विष्णु से जुड़ा पाठ करें   अंत में आरती उतारकर भोग अर्पित करें। इस दिन व्रत / Vrat  रखने से आर्थिक समस्याओं से मिलती है मुक्ति इस दिन व्रत रखने से होता है समस्त पापों का नाश इस दिन व...

इस दिन हुआ था श्री हरि विष्णु जी के पांचवें अवतार का जन्म

Vamana Jayanti: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई जाएगी श्री वामन द्वादशी। इस वर्ष 07 सितम्बर को मनाई जाएगी श्री वामन द्वादशी द्वादशी तिथि प्रारंभ : 07 सितम्बर, रात्रि 03:05 से द्वादशी तिथि समाप्त : 08 सितम्बर, रात्रि 12:05 तक श्री वामन द्वादशी शुभ पूजा मुहूर्त : 07 सितम्बर, प्रातः 06:02 से सुबह 09:10 तक इस दिन हुआ था श्री हरि विष्णु जी के पांचवें अवतार भगवान वामन का जन्म नक्षत्र/ Nakshatra व अभिजीत मुहूर्त/ Abhijit Muhurat में हुआ था भगवान वामन का पृथ्वि पर अवतरण वामन भगवान विष्णु के पहले ऐसे अवतार थे जो मनुष्य रूप में प्रकट हुए. भगवान वामन ने राजा बलि का घमंड तोड़ने के लिए तीन क़दमों में नाप दिए थे तीनों लोक वामन जयंती पर ऐसे करें भगवान वामन की पूजा इस दिन सुबह स्नान करके घर के मंदिर की साफ़-सफाई करें सभी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का दूध व गंगाजल से अभिषेक करें भगवान वामन की प्रतिमा पर पीले पुष्पों की माला चढ़ाएं   और पीले आसन पर बैठकर श्री श्री विष्णु सहस्त्रनाम या भगवान वामन से जुड़ा कोई भी पाठ करें अंत में आरती उतारकर भोग अर्पित करें वामन द्वादशी का व्रत...

Ekadashi 2022 - जानें परिवर्तिनी एकादशी का महत्व और पूजन विधि

Parivartini Ekadashi 2022 : भाद्रपद शुक्ल एकादशी को मनाई जाएगी पद्मा एकादशी। परिवर्तिनी एकादशी के नाम से भी प्रसिद्ध है पद्मा एकादशी। 06 सितम्बर को रखा जाएगा पद्मा एकादशी का व्रत/ Ekadashi Vrat 2022 एकादशी तिथि प्रारंभ : 06 सितम्बर, प्रातः 05:54 से एकादशी तिथि समाप्त : 07 सितम्बर, रात्रि 03:05 तक पद्मा एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त : 06 सितम्बर, प्रातः 10:45 से दोपहर 01:54 तक पद्मा एकादशी पारण : 07 सितम्बर, प्रातः 08:19 से सुबह 08:33 तक सनातन धर्म में इस एकादशी का है बहुत अधिक महत्व। क्योंकि चातुर्मास/ Chaturmaas के शयन काल के दौरान भगवान विष्णु इस दिन बदलते हैं करवट। इस दिन श्री हरि भगवान विष्णु के वामन रूप की करी जाती है पूजा। इस एकादशी का व्रत रखने से बढ़ता है सुख-सौभाग्य। इस एकादशी का व्रत/ Vrat   रखने से पूर्ण होती है समस्त मनोकामनाएं यह व्रत करने से मिलता है अनंत कोटि पुण्य फल इ यह व्रत करने से दूर होती है आर्थिक तंगी। यदि आप एकादशी व्रत पुजा शुभ मुह्रत जानना चाहते है तो आज का पंचांग / Today's Panchang पढे।

Radha Ashtami - 3 या 4 सितंबर किस दिन होगी राधा अष्टमी व्रत

Radha Ashtami Vrat 2022 : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है श्री राधा अष्टमी। इस वर्ष 03 सितम्बर को मनाई जाएगी श्री राधा अष्टमी अष्टमी तिथि प्रारंभ: 03 सितम्बर, दोपहर 12:28 से अष्टमी तिथि समाप्त: 04 सितम्बर, प्रातः 10:40 तक श्री राधा अष्टमी शुभ पूजा मुहूर्त : 03 सितम्बर, प्रातः 07:35 से सुबह 09:10 तक राधा अष्टमी पर ऐसे करें राधा रानी की पूजा सुबह स्नान करके घर के मंदिर की सफाई करें देवी-देवताओं की प्रतिमा का जलाभिषेक करें अब राधारानी की प्रतिमा या तस्वीर को लाल या पीले पुष्प की माला अर्पित करें और राधा चालीसा या श्री राधारानी से जुड़ा कोई भी पाठ पढ़ें इसके बाद राधारानी की आरती उतारकर भोग अर्पित करें इस दिन सुहागिन महिलाओं, गरीब व असहाय स्त्रियों की गुप्त रूप से मदद करें राधा अष्टमी व्रत रखने से होता है समस्त पापों का नाश इस व्रत / Vrat  को रखने से सुहागिन महिलाओं को प्राप्त होता है उत्तम संतान सुख इस व्रत को रखने से सुहागिन महिलाओं को होती है अखंड सौभाग्य की प्राप्ति इस व्रत को रखने से प्राप्त होती जगतगुरु भगवान श्रीकृष्ण की कृपा यदि आप राधा अष्टमी व्रत श...

जब चतुर्थी का चंद्र देखने से श्रीकृष्ण पर लगा चोरी का कलंक

Chaurchan 2022: 30 अगस्त को भूलकर भी न करें चंद्रमा के दर्शन। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है कलंक चतुर्थी/ Kalank Chaturthi इस वर्ष 30 अगस्त को मनाई जाएगी कलंक चतुर्थी। चौरचन/ Chourchan , कलंक चौथ व पत्थर चौथ के नाम से भी प्रसिद्ध है यह पर्व चतुर्थी तिथि प्रारंभ : 30 अगस्त, दोपहर 03:33 से चतुर्थी तिथि समाप्त : 31 अगस्त, दोपहर 03:23 तक. कलंक चतुर्थी शुभ पूजा मुहूर्त : 30 अगस्त, प्रातः 09:10 से दोपहर 01:57 तक वर्जित चंद्र दर्शन काल : 30 अगस्त, दोपहर 03:33 से रात्रि 08:40 तक भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि ( Ganesh Chaturthi ) पर चंद्रमा को देखना होता है अशुभ इस दिन चंद्र दर्शन के कारण लग सकता है आप पर मिथ्या कलंक इस दिन चंद्र दर्शन के कारण आने वाले समय में हो सकता है आपका अपमान इस दिन चंद्र दर्शन ( Moon Sign ) के कारण भगवान श्रीकृष्ण पर भी लगा था कलंक चंद्र दर्शन के कारण भगवान श्रीकृष्ण पर भी लगा था मणि चोरी करने का आरोप द्वारकापुरी में सत्राजित नाम का एक सूर्यदेव का भक्त रहता था उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर सूर्यदेव ने उसे एक अमूल्य स्यमंतक मणि...

Haritalika Teej - क्या है हरतालिका तीज व्रत और इसका महत्व?

Haritalika Vrat 2022: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है हरतालिका तीज। इस वर्ष 30 अगस्त को मनाया जाएगा यह पर्व तृतीया तिथि प्रारंभ : 29 अगस्त, दोपहर 03:21 से तृतीया तिथि समाप्त : 30 अगस्त, दोपहर 03:33 तक हरतालिका तीज शुभ पूजा मुहूर्त : 30 अगस्त, प्रातः 05:58 से सुबह 08:31 तक इस दिन की जाती है देवाधिदेव महादेव व माँ पार्वती की पूजा अखंड सुहाग की प्राप्ति के लिए सुहागिन महिलाएं रखती हैं यह व्रत इस दिन विवाहित महिलाएं 16 श्रृंगार करके पति की दीर्घायु के लिए रखती हैं यह व्रत इस दिन व्रत रखने से पूर्ण होती हैं सुहागिनों की संपूर्ण मनोकामनाएं कुंवारी कन्याएं भी मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए रखती हैं यह व्रत निसंतान महिलाओं के लिए भी यह व्रत है एक वरदान इस दिन व्रत रखने से वैवाहिक जीवन ( Marriage Prediction ) में आती है सुख-शांति यदि आप हरतालिका तीज की शुभ पुजा मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग / Today's Panchang देखे या अपनी राशि की दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढना चाहते है तो यहा क्लिक करें।

Gauri Tritya - कब मनाई जाती है गौरी तृतीया?

Vrat 2022: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है गौरी तृतीया। इस वर्ष 30 अगस्त को मनाई जाएगी गौरी तृतीया/ Gauri Tritiya तृतीया तिथि प्रारंभ: 29 अगस्त, दोपहर 03:21 से तृतीया तिथि समाप्त: 30 अगस्त, दोपहर 03:33 तक गौरी तृतीया शुभ पूजा मुहूर्त: 30 अगस्त, प्रातः 09:10 से दोपहर 01:57 तक भगवान शिव व माता पार्वती की कृपा प्राप्त करने हेतु रखा जाता है ये व्रत ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस तिथि की देवी है माता गौरी इस दिन माता गौरी का पूजन व व्रत रखने से होती है समस्त सुखों की प्राप्ति सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है ये व्रत सुहागिन  महिलाओं  पति की दीर्घायु व अखंड सौभाग्य  के लिए रखती हैं ये व्रत कुंवारी कन्याओं को भी उत्तम वर प्रदान करता है ये व्रत इस व्रत को रखने से कुंवारी कन्याओं का होता है शीघ्र विवाह/ Delay Marriage संतान सुख प्राप्त करने के लिए भी बहुत लाभदायक है ये व्रत यदि आप अन्य किसी व्रत की जानकरी प्राप्त करना चाहते है तो आज का पंचांग / Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढने के लिए यहा ...

Raksha Panchami - जानें रक्षा पंचमी तिथि, पूजा विधि और महत्व

Raksha Panchami Date: रक्षा पंचमी पर श्री भैरवनाथ की इस तरह कीजिए आराधना। शर्तिया मिटेंगे आपके सभी कष्ट व पूर्ण होगी समस्त मनोकामना। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाएगी रक्षा पंचमी/ Raksha Panchami, इस वर्ष 16 अगस्त को मनाई जाएगी रक्षा पंचमी पंचमी तिथि प्रारंभ : 15 अगस्त, रात्रि 09:02 से पंचमी तिथि समाप्त : 16 अगस्त, रात्रि 08:17 तक रक्षा पंचमी शुभ पूजा मुहूर्त : 16 अगस्त, रात्रि 11:04 से 17 अगस्त, रात्रि 00: 25 तक रेखा पंचमी व शांति पंचमी के नाम से भी प्रसिद्ध है यह पर्व मुख्य रूप से भारत के उड़ीसा राज्य में पूरी धूमधाम से मनाया जाता है यह पर्व रक्षाबंधन/ Raksha Bandhan पर रक्षा सूत्र बंधवाने में असमर्थ लोग इस दिन बंधवाते हैं राखी भगवान शिव के पंचम रुद्रावतार श्री भैरव नाथ को समर्पित है यह त्यौहार श्री भैरव जी हैं एक बहुत ही शक्तिशाली, प्रचंड व उग्र देवता  रक्षा पंचमी पर ऐसे करें श्री भैरवनाथ जी की पूजा संध्याकाल में स्नान करके घर के मंदिर की सफाई करें भगवान श्री भैरव जी की प्रतिमा को काले तिल मिश्रित कच्चे दूध से स्नान कराएं इसके बाद उन्हें एक गेंदे क...

Kajari Teej 2022 - भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया

Teej Festival:  भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है कज्जली तृतीया। कजरी तीज/ Kajali Teej , बूढ़ी तीज व सातूड़ी तीज के नाम से भी प्रसिद्ध है यह पर्व। इस वर्ष 14 अगस्त को मनाई जाएगी कज्जली तृतीया तृतीया तिथि आरंभ : 14 अगस्त, रात्रि 00:54 से तृतीया तिथि समाप्त: 14 अगस्त, रात्रि 10:36 तक कज्जली तृतीया शुभ पूजा मुहूर्त: 14 अगस्त, प्रातः 09:08 से दोपहर 12:26 तक उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है यह पर्व   माँ पार्वती ने इस व्रत के प्रभाव से भोलेनाथ को पति रूप में किया था प्राप्त इसलिए इस व्रत में शिव-पार्वती की मुख्य रूप से की जाती है पूजा-अर्चना सुहागिन महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा व पति की दीर्घायु के लिए रखती है यह व्रत कई स्थानों में कुंवारी कन्याएं भी उत्तम वर की प्राप्ति हेतु रखती है यह व्रत कुछ स्थानों पर निर्जला रखा जाता है कज्जली तृतीया का व्रत/ Kajrai Teej Vrat सुहागिन महिलाएं झूला झूलकर अपनी खुशियों को करती है व्यक्त कज्जली तीज पर ढ़ोलक, मंजीरे आदि के साथ गाए जाते हैं लोक गीत इस दिन गेहूं, जौ व चने के सत्तू ...

Sawan Purnima 2022 - सावन पूर्णिमा का दिन क्यों माना जाता है शुभ

Purnima Vrat 2022: धार्मिक दृष्टि से श्रावण मास को माना जाता है बेहद महत्वपूर्ण। क्योंकि श्रावण मास है देवों के देव महादेव को समर्पित। श्रावण मास का प्रत्येक दिन होता है बेहद शुभ, मगर श्रावण पूर्णिमा को माना जाता है सबसे ज्यादा पवित्र। इस वर्ष 12 अगस्त को मनाई जाएगी श्रावणी पूर्णिमा श्रावणी पूर्णिमा प्रारंभ: 11 अगस्त, प्रातः 10:39 से श्रावणी पूर्णिमा समाप्त: 12 अगस्त, प्रातः 07:05 तक श्रावणी पूर्णिमा शुभ पूजा मुहूर्त: 12 अगस्त, प्रातः 07:28 से सुबह 10:47 तक भारत के विभिन्न भागों में इस दिन को अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है पूर्वी भारत में इस दिन मनाया जाता है रक्षाबंधन का त्यौहार/ Rakshabandhan Festival और दक्षिण भारत में नरियाली पूर्णिमा इस दिन श्री हरि विष्णु व माँ लक्ष्मी जी की पूजा से प्राप्त होती है सुख-समृद्धि श्रावणी पूर्णिमा का व्रत/ Purnima Vrat रखने से दूर होते हैं चंद्र ग्रह के दोष इस पवित्र दिन पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से प्राप्त होता है आरोग्य श्रावणी पूर्णिमा पर चींटियों व मछलियों को दाना डालने से दूर होती है आर्थिक तंगी श्रावणी पूर्णिमा पर गौमाता को ह...

Bhoum Pradosh Vrat - सावन में कब है दूसरा प्रदोष व्रत?

Pradosh Vrat 2022: हर महीने के शुक्ल व कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है प्रदोष व्रत। इस दिन की जाती है देवों के देव महादेव व माता पार्वती की पूजा। मंगलवार व प्रदोष व्रत/ Pradosh Vrat का संयोजन कहलाता है भौम प्रदोष व्रत। 09 अगस्त को रखा जाएगा भौम प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 09 अगस्त, शाम 05:46 से त्रयोदशी तिथि समाप्त: 10 अगस्त, दोपहर 02:16 तक. भौम प्रदोष व्रत शुभ पूजा मुहूर्त: शाम 07:06 से रात्रि 09:14 तक हर तरह के कर्जे से छुटकारा दिलाता है भौम प्रदोष व्रत भौम प्रदोष व्रत रखने से प्राप्त होती है आर्थिक समृद्धि इस दिन श्री हनुमान जी की पूजा से दूर होता है अशुभ मंगल दोष/ Mangalik Dosha इस दिन भगवान शिव व श्री हनुमान जी की चालीसा से मिलती है ऋणों से मुक्ति  भौम प्रदोष व्रत पर मंगल देव के 21 या 108 नामों का पाठ करने से मिलता है कर्ज से छुटकारा यदि आप अन्य किसी व्रत की जानकारी अथवा आज का पंचांग / Today's Panchang पढना चाहते है तो इस लिंक पर क्लिक करें

Raksha Bandhan 2022 - 11 अगस्त को मनाया जाएगा रक्षाबंधन

Raksha Bandhan: श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है रक्षाबंधन। इस वर्ष 11 अगस्त को मनाया जाएगा रक्षाबंधन रक्षाबंधन की तिथि : 11 अगस्त 2022 गुरुवार पूर्णिमा तिथि प्रारंभ : 11 अगस्त प्रातः 10 बजकर 39 मिनट से पूर्णिमा तिथि समाप्त : 12 अगस्त सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त: 11 अगस्त, रात्रि 08:53 से रात्रि 9:13 तक भाई-बहनों के पवित्र रिश्ते व प्रेम का प्रतीक है ये त्यौहार इस पवित्र पर्व पर भाई देते हैं बहनों को रक्षा का वचन शास्त्रीय भाषा में राखी को कहा जाता है रक्षा सूत्र वैदिक काल से ही रही है रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा यज्ञ, युद्ध, धार्मिक अनुष्ठान के दौरान बांधा जाता था रक्षा सूत्र यही रक्षा सूत्र आगे चलकर भाई-बहन के प्रेम का बन गया प्रतीक इन पौराणिक कथाओं से जुड़ा है रक्षा बंधन का यह पवित्र पर्व रक्षाबंधन   से जुड़ी पौराणिक कहानियां एक प्राचीन कथा के अनुसार जब राजा बलि ने 110 यज्ञ पूर्ण किए. तब देवताओं को ये भय सताने लगा की कि वे स्वर्गलोक पर कब्ज़ा न कर लें. इसलिए सभी देवता स्वर्गलोक की रक्षा के लिए भगवान विष्णु के पास गए. तब भगवान विष्णु ब्राह्मण वेश धरकर...

Sawan 2022 - सावन के तीसरे सोमवार को इन राशियों पर होगा शिव की कृपा

Weekly Horoscope: There is a direct connection between Savan Month with Lord Shiva. The whole Savan month is considered pious and pure. But from all 12 signs, few get positive, while others get negative results . Let’s get the hint from the Weekly Horoscope and see what this week has in store for you Cancer You will enjoy your work and will get the reward for your hard work. Mid-week, your communication skills will improve, which will help you to enhance your career. Libra You will witness harmony in Family and business life. Throughout the week, you may indulge in spirituality, which will help you to attain peace. Scorpio You may face some health issues throughout the week. You may get a new business opportunity, but you won’t be able to get that one.

Nag Panchami 2022 - इस शुभ संयोग में करें नाग देवता की पुजा

Nag Panchami: श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है नाग पंचमी। इस वर्ष 02 अगस्त को मनाई जाएगी नाग पंचमी पंचमी तिथि प्रारंभ : 02 अगस्त, प्रातः 05:13 से पंचमी तिथि समाप्त : 03 अगस्त, प्रातः 05:42 तक नाग पंचमी शुभ पूजा मुहूर्त : 02 अगस्त, प्रातः 05:43 से सुबह 08:25 तक सनातन संस्कृति में इस दिन है नागों की पूजा का विधान नाग पंचमी/ Nag Panchami पर भगवान शिव की भी की जाती विशेष पूजा-अर्चना नाग पंचमी पर नागों की पूजा से मिटता है कालसर्प दोष/ Kaalsarp Dosh अर्जुन के पौत्र व राजा परीक्षित के पुत्र थे जन्मजेय उन्होंने नाग वंश के विनाश के लिए किया था यज्ञ क्योंकि राजा परीक्षित की तक्षक नाग के काटने से हुई थी मृत्यु इस यज्ञ को ऋषि जरत्कारु के पुत्र आस्तिक मुनि ने रोका था उन्होंने श्रावण मास की पंचमी तिथि के दिन सर्पों को यज्ञ में जलने से बचाया था जलते हुए नागों के शरीर पर दूध की धार डालकर उन्होंने शीतलता की थी प्रदान नागों ने प्रसन्न होकर आस्तिक मुनि को दिया था वचन पंचमी तिथि के दिन जो भी नागों की पूजा करेगा उसे नहीं रहेगा नागदंश का भय इसके बाद ही शुरू हुई नाग पंचमी मनाने की परंपर...

Kamika Ekadashi 2022 - श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी

Ekadashi Vrat:   श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी कहलाती है कामिका एकादशी। 24 जुलाई को मनाई जाएगी कामिका एकादशी एकादशी तिथि प्रारंभ : 23 जुलाई, सुबह 11:27 से. एकादशी तिथि समाप्त : 24 जुलाई, दोपहर 01:46 तक पूजा शुभ मुहूर्त : 24 जुलाई, सुबह 07:20 से दोपहर 12:27 तक पारण मुहूर्त : 25 जुलाई, प्रातः 05:38 से सुबह 08:22 तक सुख-सौभाग्य व समृद्धि के द्वार खोल देती है कामिका एकादशी कामिका एकादशी पर श्री हरि विष्णु जी के पूजन से दूर होते हैं आर्थिक संकट इस एकादशी का व्रत/ Ekadashi Vrat रखने से दूर होती हैं पारिवारिक समस्याएं कामिका एकादशी का व्रत करता है समस्त पापों का नाश यदि आप अन्य किसी व्रत, त्योहार/ Festivals अथवा दैनिक राशिफल / Daily Horoscope की पढना चाहते है तो इस लिंक पर क्लिक करें।

Sawan Pradosh Vrat - 25 जुलाई को इस योग में करें शिव पूजा

Pradosh Vrat 2022:   श्रावण सोम प्रदोष व्रत का कमाल, कर जाएगा आपको रातों रात मालामाल। चंद्रमौलेश्वर भगवान शिव व माँ पार्वती की कृपा पाने के लिए किया जाता है यह व्रत। इस वर्ष 25 जुलाई को रखा जाएगा श्रावण सोम प्रदोष व्रत / Pradosh Vrat त्रयोदशी तिथि प्रारंभ : 25 जुलाई, शाम 04:16 से त्रयोदशी तिथि समाप्त : 26 जुलाई, शाम 06:47 तक प्रदोष व्रत शुभ पूजा मुहूर्त : 25 जुलाई, सांयकाल 07:17 से रात्रि 09:21 तक श्रावण सोम प्रदोष व्रत रखने से दूर होते हैं सारे कष्ट श्रावण सोम प्रदोष व्रत रखने से दूर होते हैं चंद्र ग्रह दोष श्रावण सोम प्रदोष व्रत रखने से मिटती है दरिद्रता श्रावण सोम प्रदोष व्रत रखने से मिलती है मानसिक शांति श्रावण सोम प्रदोष व्रत रखने से घर में आती है सुख-शांति व समृद्धि यदि आप अन्य किसी व्रत, त्योहार/ Festivals अथवा अपनी राशि की दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढना चाहते है तो, निचे दिऐ गए लिंक पर क्लिक करें।

Raksha Bandhan - 12 अगस्त को नहीं 11 अगस्त को मनाया जाएगा रक्षाबंधन

Raksha Bandhan: श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है रक्षाबंधन। इस वर्ष 12 अगस्त को नहीं 11 अगस्त को मनाया जाएगा रक्षाबंधन रक्षाबंधन की तिथि : 11 अगस्त 2022 गुरुवार पूर्णिमा तिथि प्रारंभ : 11 अगस्त प्रातः 10 बजकर 39 मिनट से पूर्णिमा तिथि समाप्त : 12 अगस्त सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त (दिल्ली के लिए): 11 अगस्त, रात्रि 08:53 से रात्रि 9:13 तक भाई-बहनों के पवित्र रिश्ते व प्रेम का प्रतीक है ये त्यौहार/ Festivals ,  इस पावन दिवस पर बहनें बांधती हैं भाइयों को राखी।  इस पवित्र पर्व पर भाई देते हैं बहनों को रक्षा का वचन।  शास्त्रीय भाषा में राखी को कहा जाता है रक्षा सूत्र।  वेद के संस्कृत शब्द रक्षा का अपभ्रंश है रक्षा सूत्र।  कालांतर में राखी नाम से प्रसिद्ध हो गया यह शब्द।  वैदिक काल से ही रही है रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा।  यज्ञ, युद्ध, धार्मिक अनुष्ठान के दौरान बांधा जाता था रक्षा सूत्र।  प्राचीन समय में थी मौली या कलावा बांधने की परंपरा।  यही रक्षा सूत्र आगे चलकर भाई-बहन के प्रेम का बन गया प्रतीक।  इन पौराणिक कथा...