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Rath Yatra 2023: भगवान जगन्नाथ जी हर साल क्यों पड़ जाते हैं बीमार

Jagannath Rath Yatra : जगत के पालनहार भगवान जगन्नाथ हुए बीमार, जानिए कब देंगे अपने भक्तों को दर्शन भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन निकाली जाती है। इस वर्ष 20 जून 2023 मंगलवार को निकाली जाएगी रथ यात्रा ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा/ Purnima तिथि के दिन भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र को गर्भगृह से बाहर लाया जाता है और उन्हें सहस्त्र स्नान कराया जाता है। जिसके बाद वे बीमार पड़ जाते हैं, जिस कारण वें 15 दिनों तक शयन कक्ष में विश्राम करते हैं। इस दौरान न मंदिर की घंटी बजती है, और न भक्त दर्शन कर पाते हैं। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र के साथ विश्राम कक्ष से बाहर निकलते हैं और इसी दिन भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है। पुरी रथयात्रा/Puri Rath Yatra में बलराम, श्रीकृष्ण और देवी सुभद्रा के लिए तीन अलग-अलग रथ निर्मित किए जाते हैं और यात्रा के दौरान रथ पर सवार होकर भगवान जगन्नाथ मौसी के घर गुंडिचा जाते हैं। हिंदू पंचांग/ Panchang के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि

Pradosh Vrat 2023: 03 फरवरी को रखा जाएगा प्रदोष व्रत

Pradosh Vrat : प्रत्येक मास के शुक्ल व कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है प्रदोष व्रत। इस वर्ष 03 फरवरी को रखा जाएगा प्रदोष व्रत। इस प्रदोष व्रत/ Pradosh Vrat पर बनेंगे दुर्लभ सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग प्रदोष शुभ पूजा मुहूर्त : 03 फरवरी, शाम 05:57 से रात्रि 08:06 तक सर्वार्थ सिद्धि योग समयकाल : 03 फरवरी, प्रातः 06:18 से 04 फरवरी, प्रातः 07:12 तक रवि योग समयकाल : 03 फरवरी, प्रातः 06:18 से 04 फरवरी, प्रातः 09:16 तक सर्वार्थ सिद्धि योग व रवि योग/ Ravi Yoga  में शिव-पार्वती का पूजन होता है बेहद कल्याणकारी। स्त्री व पुरुष दोनों के लिए शुभ होता है ये व्रत।    इस व्रत को रखने से पाप कर्मों का होता है नाश. इस व्रत को रखने से दुख व कष्टों से मिलती है मुक्ति। इस व्रत को रखने से जटिल रोगों से होता है छुटकारा। इस व्रत को रखने से प्राप्त होता है उत्तम संतान सुख यदि आप अन्य किसी व्रत या त्योहार की शुभ पुजा मुहुर्त जानने के लिए आज क पंचांग/ Today's Panchang पढे या अपनी राशि का वार्षिक राशिफल 2023/ Yearly Horoscope 2023 पढने के लिए यहा क्लिक करें।

Sankashti Chaturthi - 10 जनवरी को मनाई जाएगी संकट चतुर्थी

Sankashti Chaturthi 2023 : माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है संकट चतुर्थी। इस वर्ष 10 जनवरी को मनाई जाएगी संकट चतुर्थी। चतुर्थी तिथि प्रारंभ : 10 जनवरी, दोपहर 12:09 से चतुर्थी तिथि समाप्त: 11 जनवरी, दोपहर 02:31 तक संकट चतुर्थी शुभ पूजा मुहूर्त : प्रातः 09:52 से सुबह 12:29 तक दिल्ली चन्द्र दर्शन काल : रात्रि 08:41 पर चंद्रोदय। माघी चतुर्थी व तिल चतुर्थी के नाम से भी प्रसिद्ध है ये पर्व। संकट चतुर्थी/ Sankashti Chaturthi  का अर्थ है संकटों को हरने वाली चतुर्थी। इस शुभ दिन पर भगवान गणेश व चंद्र देव की पूजा का है विधान। इस पवित्र दिन व्रत रखने व श्री गणेश जी की पूजा करने से टल जाते हैं समस्त संकट। इस शुभ दिन पर व्रत रखने से निसंतान स्त्रियों को प्राप्त होता है उत्तम संतान सुख. इस शुभ दिन पर व्रत रखने से दूर होती हैं आर्थिक बाधाएं। इस शुभ दिन पर गणेश जी की पूजा करने से दूर होती हैं घरेलू समस्याएं। इस शुभ दिन पर गणेश जी की पूजा के बाद चंद्रदेव को अर्घ्य देने से दूर होता है चंद्र दोष/ Chandra Dasha यदि आप अन्य किसी व्रत व त्योहार का शुभ पुजा मुहुर्त जानना चाहते है तो, आज

Utpanna Ekadashi - उत्पन्ना एकादशी जानें शुभ मुहूर्त और कथा

Ekadashi Vrat:   मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी कहलाती है उत्पन्ना एकादशी। इस वर्ष 20 नवंबर को मनाई जाएगी उत्पन्ना एकादशी/ Utpanna Ekadashi एकादशी तिथि प्रारंभ: 19 नवंबर, सुबह 10:30 से एकादशी तिथि समाप्त: 20 नवंबर, सुबह 10:41 तक उत्पन्ना एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त: 20 नवंबर, प्रातः 09:27 से दोपहर 12:07 तक उत्पन्ना एकादशी पारण मुहूर्त: 21 नवंबर, प्रातः 06:48 से सुबह 08:56 तक इस शुभ दिन पर की जाती भगवान श्रीकृष्ण की पूजा निर्जला या फलाहार रूप में रखा जाता है ये व्रत इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को विभिन्न फलों का लगाया जाता है भोग निसंतान दंपतियों के लिए एक वरदान है ये व्रत/ Vrat इस व्रत को रखने से दूर होती है आर्थिक समस्याएं। इस व्रत को रखने से होता है पापों का नाश. इस व्रत को रखने से बढ़ता है दाम्पत्य प्रेम यदि आप अन्य किसी व्रत व त्योहार की पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchnag या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope पढने के लिए यहा क्लिक करें।

Chaturdashi 2022 - क्यों भगवान शिव ने लिया विष्णु जी का परीक्षा

Vaikuntha Chaturdashi: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है वैकुण्ठ चतुर्दशी। इस वर्ष 06 नवंबर को मनाई जाएगी वैकुण्ठ चतुर्दशी चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 06 नवंबर, शाम 04:29 से चतुर्दशी तिथि समाप्त: 07 नवंबर, शाम 04:16 तक वैकुण्ठ चतुर्दशी शुभ पूजा मुहूर्त : 06 नवंबर, सुबह 09:21 से दोपहर 12:04 तक इस पवित्र दिन पर व्रत रखकर करते हैं भगवान शिव व विष्णु जी की पुजा श्री विष्णु जी चातुर्मास/ Chaturmas तक सृष्टि का पूरा कार्यभार भगवान शिव को सौंपकर करते हैं विश्राम देवउठनी एकादशी/ Dev Uthani Ekadashi पर जागने के बाद शिवजी की भक्ति में लग जाते हैं श्री हरि विष्णु इस पवित्र दिन पर श्राद्ध व तर्पण करना होता है कल्याणकारी एक बार विष्णु जी एक हजार कमल पुष्पों से भगवान शिव के पूजन का संकल्प किया। भगवान शिव ने श्री विष्णु जी की परीक्षा लेने के लिए एक पुष्प कम कर दिया। पुष्प कम होने पर भगवान विष्णु ने अपने कमलनयन नेत्र को ही पूजन में अर्पित करने लगे. भगवान शिव उनकी भक्ति से बहुत प्रसन्न हुए. उन्होंने प्रकट होकर कहा कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी वैकुण्ठ चौदस के नाम से जानी जाएगी। इस दिन

छठ पूजा 2022 - जानें सभी महत्वपूर्ण जानकारी और छठ पूजा का शुभ मुहूर्त

दिवाली के बाद, साल का दूसरा अत्यधिक धार्मिक महत्व का त्यौहार, छठ मनाया जाता है। छठ पूजा कब है और इसका क्या महत्व है? छठ के पर्व को आस्था का महापर्व कहा गया है। कार्तिक माह अत्यंत ही शुभ माह है जिसमें एक के बाद एक धार्मिक महत्व के त्यौहार आते हैं। छठ का त्यौहार शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर मनाया जाता है और इस दिन छठी मैया की पूजा की जाती है। बिहार के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक छठ पूजा हर वर्ष अत्यंत धूमधाम से मनाया जाता है जिसे सूर्य षष्ठी भी कहा जाता है। यह पर्व दिवाली/ Diwali के ठीक 6 दिन बाद मनाया जाता है। यह पर्व मुख्यतः उत्तर भारत के राज्य बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाने का प्रचलन है पर अब इसकी धूम पूरे देश बल्कि विदेशों में भी देखने को मिलती है। ऐसी मान्यता है कि छठ पूजन से भक्तों को सुख-समृद्धि, वैभव, धन, यश, शोहरत, और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। ऐसा कहा जाता है कि जो महिलाएं छठ का व्रत रखती हैं उनकी संतानों को दीर्घायु, उत्तम स्वास्थय और वैभव की प्राप्ति होती है। छठ पर्व भारत के कुछ कठिन पर्वों में से एक है जो पूरे चार दिनों तक चलता है। इस पर्व में 36

शरद पूर्णिमा के दिन ये शुभ संयोग बढ़ा रहे दिन का महत्व

Sharad Purnima: आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है शरत पूर्णिमा| इस वर्ष 09 अक्टूबर को मनाई जाएगी शरत पूर्णिमा/ Sharad Purnima पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 09 अक्टूबर, प्रातः 03:42 से पूर्णिमा तिथि समाप्त: 10 अक्टूबर, रात्रि 02:24 तक शरत पूर्णिमा शुभ पूजा मुहूर्त: 09 अक्टूबर, शाम 07:31 से रात्रि 09:03 तक मान्यता है कि इस दिन आकाश से होती है अमृत वर्षा ये दिन माँ लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए होता है बेहद ख़ास इस दिन शुभ मुहूर्त में माँ लक्ष्मी की पूजा करने से प्राप्त होती है अपार कृपा चंद्र ग्रह के दोषों से छुटकारा पाने के लिए भी यह दिन है बेहद लाभकारी इस पवित्र दिन पर समुद्र मंथन से प्रकट हुई थी माँ लक्ष्मी प्राचीन मान्यता अनुसार इस दिन माँ लक्ष्मी जी का पृथ्वी पर होता है विचरण इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना होता है बेहद शुभ इस पावन दिवस पर रात्रि में खीर बनाने की भी है परंपरा इस ख़ीर को चंद्रमा की चांदनी में रखने से उसमें हो जाता है अमृत का प्रवेश इस ख़ीर को माता लक्ष्मी को भोग लगाकर ग्रहण करने से दूर होती है आर्थिक तंगी यदि आप करवा चौथ पुजा शुभ मुह

Ekadashi 2022 - क्या है पापांकुशा एकादशी व्रत का महत्व?

Papankusha Ekadashi : अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है पापांकुशा एकादशी।  06 अक्टूबर को रखा जाएगा पापांकुशा एकादशी का व्रत/ Papankusha Ekadashi Vrat एकादशी तिथि प्रारंभ: 05 अक्टूबर, दोपहर 12:00 से एकादशी तिथि समाप्त: 06 अक्टूबर, प्रातः 09:41 तक पापांकुशा एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त : 06 अक्टूबर, प्रातः 06:17 से सुबह 07:45 तक पापांकुशा एकादशी पारण(व्रत खोलने का)मुहूर्त:   07 अक्टूबर, प्रातः 06:18 से सुबह 07:26 तक इस दिन श्री हरि भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरुप की करी जाती है पूजा इस एकादशी का व्रत/ Ekadashi Vrat रखने से होता है पापों का नाश इस एकादशी का व्रत रखने से मिलती है भौतिक समृद्धि   इस एकादशी का व्रत रखने से बढ़ता है सुख-सौभाग्य।   इस एकादशी का व्रत रखने से बढ़ती है पारिवारिक शांति इस एकादशी का व्रत रखने से दूर होती है आर्थिक समस्याएं यदि आप एकादशी पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope पढने के लिऐ यहा क्लिक करें।

Today's Horoscope 26 September

Daily Horoscope: इस राशिफल में मौजूद परिणाम, नक्षत्रों और ग्रहों की स्थिति के अनुसार है। जानते हैं कि किन राशियों के लिए शुभ रहेगा 26 सितंबर रहेगा शुभ अशुभ मेष मेष राशि/ Mesh Rashifal के लिए यह दिन नहीं होगा खास रिश्तों में आ सकती है खट्टास लव लाइफ की वजह से खड़ी हो सकती है करियर में परेशानियां तुला नया वाहन खरीदने का सपना आज भी नहीं हो पाएगा साकार घर में किसी के आने से बढ़ सकती है आपकी परेशानी रिश्तेदारों के साथ संबंधों में देखने को मिल सकती है अनबन मकर पुरानी सभी परेशानियों का हल मिलेगा आज मन होगा शांति से सराबोर आर्थिक दृष्टि से आज का दिन है आपके लिए शुभ यदि आप अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope व साप्ताहिक राशिफल/ Weekly Horoscope पढना चाहते है तो यहा पर क्लिक करें।

Navratri 2022 - इस नवरात्रि पर निर्माण होगा ग्रहों का चतुर्ग्रही योग

Navratri Special: इस शारदीय नवरात्रि/ Shardiya Navratri पर ग्रहों का चतुर्ग्रही योग इन राशि वालों के है घातक। 26 सितम्बर को सूर्य, बुध, चंद्र व शुक्र मिलकर बनाएंगे चतुर्ग्रही योग। इन राशि वालों की बढ़ेंगी मुश्किलें सिंह राशि धन हानि के संकेत बिजनेस में कोई बड़ा विवाद होने की संभावना प्रेम व वैवाहिक जीवन के लिए निराशाजनक समय कुंभ राशि स्वास्थ्य बिगड़ने के संकेत/ Health Astrology Prediction व्यापारियों को हो सकता है भारी नुकसान प्रेमी व वैवाहिक जोड़ों के बीच बढ़ेगा मनमुटाव मीन राशि शारीरिक कष्ट होने की संभावना शेयर मार्किट व सट्टेबाज़ी से भारी नुकसान होने के योग प्रेम व वैवाहिक जीवन में छाएंगे उदासी के बादल यदि आप नवरात्रि कलश स्थापना का शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope पढने के लिऐ यहा क्लिक करें।

Indira Ekadashi 2022 - कब है इंदिरा एकादशी का व्रत

Ekadashi 2022: आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाएगी इंदिरा एकादशी। 21 सितम्बर को मनाई जाएगी इंदिरा एकादशी/ Indira Ekadashi एकादशी तिथि प्रारंभ : 20 सितम्बर, रात्रि 09:26 से एकादशी तिथि समाप्त : 21 सितम्बर, रात्रि 11:34 तक इंदिरा एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त : 21 सितम्बर, प्रातः 06:09 से सुबह 09:11 तक इंदिरा एकादशी पारण मुहूर्त: 22 सितम्बर, प्रातः 06:09 से सुबह 08:35 तक पितृ आत्माओं की शांति के लिए यह व्रत होता है बहुत ही महत्वपूर्ण इस एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु के साथ पितरों की मिलती है कृपा इस एकादशी का व्रत रखने से पितृ दोष/ Pitra Dosha से मिलता है छुटकारा इस एकादशी का व्रत रखने से होती है सुख, शांति व समृद्धि की प्राप्ति इस एकादशी का व्रत/ Ekadashi Vrat रखने से प्राप्त होता है उत्तम संतान सुख इस एकादशी पर तुलसी वृक्ष का पूजन करने से दूर होती है आर्थिक तंगी इंदिरा एकादशी पर पीपल वृक्ष की पूजा करने से पितृ आत्माओं को मिलती है शांति यदि आप इंदिरा एकादशी पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे याअपनी राशि का दैनिक राशिफल/

Vishwakarma Puja - ये थे दुनिया के सबसे पहले इंजीनियर व वास्तुकार

kab Hai Vishwakarma Puja: प्रत्येक वर्ष कन्या सक्रांति पर की जाती है श्री विश्वकर्मा पूजा। इस वर्ष 17 सितम्बर को मनाया जायेगा ये पर्व श्री विश्वकर्मा पूजा प्रातः शुभ मुहूर्त: 17 सितंबर, प्रातः 07:39 से सुबह 09:11 तक श्री विश्वकर्मा पूजा सांयकाल शुभ मुहूर्त : 17 सितम्बर, शाम 06:24 से सायंकाल 07:52 तक भगवान विश्वकर्मा थे दुनिया के सबसे पहले इंजीनियर व वास्तुकार इस शुभ दिन पर फैक्टरियों, उद्योगों व कारखानों में होती है मशीन व औजारों की पूजा समस्त कलाकारों, बुनकर, शिल्पकारों और औद्योगिक घरानों द्वारा की जाती है ये पूजा देश के कुछ भागों में इस पर्व को दिवाली/ Diwali के दूसरे दिन भी मनाने की है परंपरा उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, पश्चिम बंगाल व दिल्ली में मुख्य रूप से मनाया जाता है ये पर्व/ Festivals भगवान विश्वकर्मा ने ही किया था देवताओं के लिए अस्त्रों, शस्त्रों, भवनों और मंदिरों का निर्माण भगवान विश्वकर्मा की पूजा से व्यापार में मिलती है जबरदस्त सफलता भगवान विश्वकर्मा की पूजा से औजारों व मशीनों के द्वारा होने वाली दुर्घटनाओं से होता है बचाव भगवान विश्वकर्मा की पूजा से दूर होते

जानें क्या है गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधी

Anant Chaturdashi 2022 : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है श्री अनंत चतुर्दशी। इस वर्ष 09 सितम्बर को मनाई जाएगी श्री अनंत चतुर्दशी चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 08 सितम्बर, रात्रि 09:03 से चतुर्दशी तिथि समाप्त: 09 सितम्बर, शाम 06:08 तक श्री अनंत चतुर्दशी शुभ पूजा मुहूर्त: 09 सितम्बर, प्रातः 06:03 से शाम 06:07 तक अनंत चतुर्दशी पर होती है 10 दिवसीय श्री गणेश उत्सव की समाप्ति अनंत चतुर्दशी पर होती है श्री हरि भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा अनंत चतुर्दशी/ Anant Chaturdashi पर ऐसे करें श्री हरि की पूजा सुबह स्नान करके स्वच्छ पीले वस्त्र धारण करें सभी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का दूध व गंगाजल से अभिषेक करें अब भगवान विष्णु की प्रतिमा पर पीले पुष्पों की माला चढ़ाएं   अब शुद्ध घी का दीपक व धूप प्रज्वलित करें अब पीले आसन पर बैठकर श्री विष्णु सहस्त्रनाम या भगवान विष्णु से जुड़ा पाठ करें   अंत में आरती उतारकर भोग अर्पित करें। इस दिन व्रत / Vrat  रखने से आर्थिक समस्याओं से मिलती है मुक्ति इस दिन व्रत रखने से होता है समस्त पापों का नाश इस दिन व्रत रखने से होती है आर्थ

इस दिन हुआ था श्री हरि विष्णु जी के पांचवें अवतार का जन्म

Vamana Jayanti: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई जाएगी श्री वामन द्वादशी। इस वर्ष 07 सितम्बर को मनाई जाएगी श्री वामन द्वादशी द्वादशी तिथि प्रारंभ : 07 सितम्बर, रात्रि 03:05 से द्वादशी तिथि समाप्त : 08 सितम्बर, रात्रि 12:05 तक श्री वामन द्वादशी शुभ पूजा मुहूर्त : 07 सितम्बर, प्रातः 06:02 से सुबह 09:10 तक इस दिन हुआ था श्री हरि विष्णु जी के पांचवें अवतार भगवान वामन का जन्म नक्षत्र/ Nakshatra व अभिजीत मुहूर्त/ Abhijit Muhurat में हुआ था भगवान वामन का पृथ्वि पर अवतरण वामन भगवान विष्णु के पहले ऐसे अवतार थे जो मनुष्य रूप में प्रकट हुए. भगवान वामन ने राजा बलि का घमंड तोड़ने के लिए तीन क़दमों में नाप दिए थे तीनों लोक वामन जयंती पर ऐसे करें भगवान वामन की पूजा इस दिन सुबह स्नान करके घर के मंदिर की साफ़-सफाई करें सभी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का दूध व गंगाजल से अभिषेक करें भगवान वामन की प्रतिमा पर पीले पुष्पों की माला चढ़ाएं   और पीले आसन पर बैठकर श्री श्री विष्णु सहस्त्रनाम या भगवान वामन से जुड़ा कोई भी पाठ करें अंत में आरती उतारकर भोग अर्पित करें वामन द्वादशी का व्रत / Vrat  

Ekadashi 2022 - जानें परिवर्तिनी एकादशी का महत्व और पूजन विधि

Parivartini Ekadashi 2022 : भाद्रपद शुक्ल एकादशी को मनाई जाएगी पद्मा एकादशी। परिवर्तिनी एकादशी के नाम से भी प्रसिद्ध है पद्मा एकादशी। 06 सितम्बर को रखा जाएगा पद्मा एकादशी का व्रत/ Ekadashi Vrat 2022 एकादशी तिथि प्रारंभ : 06 सितम्बर, प्रातः 05:54 से एकादशी तिथि समाप्त : 07 सितम्बर, रात्रि 03:05 तक पद्मा एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त : 06 सितम्बर, प्रातः 10:45 से दोपहर 01:54 तक पद्मा एकादशी पारण : 07 सितम्बर, प्रातः 08:19 से सुबह 08:33 तक सनातन धर्म में इस एकादशी का है बहुत अधिक महत्व। क्योंकि चातुर्मास/ Chaturmaas के शयन काल के दौरान भगवान विष्णु इस दिन बदलते हैं करवट। इस दिन श्री हरि भगवान विष्णु के वामन रूप की करी जाती है पूजा। इस एकादशी का व्रत रखने से बढ़ता है सुख-सौभाग्य। इस एकादशी का व्रत/ Vrat   रखने से पूर्ण होती है समस्त मनोकामनाएं यह व्रत करने से मिलता है अनंत कोटि पुण्य फल इ यह व्रत करने से दूर होती है आर्थिक तंगी। यदि आप एकादशी व्रत पुजा शुभ मुह्रत जानना चाहते है तो आज का पंचांग / Today's Panchang पढे।

Mahalaxmi Vrat - इस दिन से शुरू होंगे महालक्ष्मी व्रत

Mahalaxmi Vrat 2022 : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होता है इस व्रत का शुभारंभ। आश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक रखा जाता है ये व्रत। गजलक्ष्मी व्रत के नाम से भी प्रसिद्ध है ये व्रत। 03 सितम्बर से होगा प्रारंभ होगा श्री महालक्ष्मी व्रत और 17 सितम्बर को होगी इस व्रत की समाप्ति अष्टमी तिथि प्रारंभ : 03 सितम्बर, दोपहर 12:28 से अष्टमी तिथि समाप्त : 04 सितम्बर, प्रातः 10:40 तक श्री महालक्ष्मी व्रत शुभ पूजा मुहूर्त : 03 सितम्बर, दोपहर 12:20 से शाम 05:05 तक इस व्रत में माँ लक्ष्मी जी की विधि-विधान से की जाती है पूजा इस व्रत के दौरान नहीं किया जाता अन्न ग्रहण 16 दिनों तक इस व्रत को रखने के बाद होता है इस व्रत का उद्यापन   महालक्ष्मी व्रत के दौरान ऐसे करें माँ लक्ष्मी जी की पूजा इस दिन सुबह स्नान करके घर के मंदिर की साफ़-सफाई करे सभी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का कच्चे दूध व गंगाजल से अभिषेक करें  अब माँ महालक्ष्मी जी को लाल पुष्पों की माला चढ़ाएं व लाल चंदन या रोली से तिलक करें इसके बाद लाल आसन पर बैठकर श्री महालक्ष्मी व्रत कथा पढ़ें  अंत में माँ की आरती उतारकर भोग अर्पित करे

Radha Ashtami - 3 या 4 सितंबर किस दिन होगी राधा अष्टमी व्रत

Radha Ashtami Vrat 2022 : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है श्री राधा अष्टमी। इस वर्ष 03 सितम्बर को मनाई जाएगी श्री राधा अष्टमी अष्टमी तिथि प्रारंभ: 03 सितम्बर, दोपहर 12:28 से अष्टमी तिथि समाप्त: 04 सितम्बर, प्रातः 10:40 तक श्री राधा अष्टमी शुभ पूजा मुहूर्त : 03 सितम्बर, प्रातः 07:35 से सुबह 09:10 तक राधा अष्टमी पर ऐसे करें राधा रानी की पूजा सुबह स्नान करके घर के मंदिर की सफाई करें देवी-देवताओं की प्रतिमा का जलाभिषेक करें अब राधारानी की प्रतिमा या तस्वीर को लाल या पीले पुष्प की माला अर्पित करें और राधा चालीसा या श्री राधारानी से जुड़ा कोई भी पाठ पढ़ें इसके बाद राधारानी की आरती उतारकर भोग अर्पित करें इस दिन सुहागिन महिलाओं, गरीब व असहाय स्त्रियों की गुप्त रूप से मदद करें राधा अष्टमी व्रत रखने से होता है समस्त पापों का नाश इस व्रत / Vrat  को रखने से सुहागिन महिलाओं को प्राप्त होता है उत्तम संतान सुख इस व्रत को रखने से सुहागिन महिलाओं को होती है अखंड सौभाग्य की प्राप्ति इस व्रत को रखने से प्राप्त होती जगतगुरु भगवान श्रीकृष्ण की कृपा यदि आप राधा अष्टमी व्रत शुभ प