Mahalaxmi Vrat 2022: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होता है इस व्रत का शुभारंभ। आश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक रखा जाता है ये व्रत। गजलक्ष्मी व्रत के नाम से भी प्रसिद्ध है ये व्रत। 03 सितम्बर से होगा प्रारंभ होगा श्री महालक्ष्मी व्रत और 17 सितम्बर को होगी इस व्रत की समाप्ति
अष्टमी तिथि प्रारंभ: 03 सितम्बर, दोपहर 12:28 से अष्टमी तिथि समाप्त: 04 सितम्बर, प्रातः 10:40 तक श्री महालक्ष्मी व्रत शुभ पूजा मुहूर्त: 03 सितम्बर, दोपहर 12:20 से शाम 05:05 तकइस व्रत में माँ लक्ष्मी जी की विधि-विधान से की जाती है पूजा
इस व्रत के दौरान नहीं किया जाता अन्न ग्रहण
16 दिनों तक इस व्रत को रखने के बाद होता है इस व्रत का उद्यापन
महालक्ष्मी व्रत के दौरान ऐसे करें माँ लक्ष्मी जी की पूजा
इस दिन सुबह स्नान करके घर के मंदिर की साफ़-सफाई करे
सभी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का कच्चे दूध व गंगाजल से अभिषेक करें
अब माँ महालक्ष्मी जी को लाल पुष्पों की माला चढ़ाएं व लाल चंदन या रोली से तिलक करें
इसके बाद लाल आसन पर बैठकर श्री महालक्ष्मी व्रत कथा पढ़ें
अंत में माँ की आरती उतारकर भोग अर्पित करें
इस व्रत के दौरान नहीं किया जाता अन्न ग्रहण
16 दिनों तक इस व्रत को रखने के बाद होता है इस व्रत का उद्यापन
महालक्ष्मी व्रत के दौरान ऐसे करें माँ लक्ष्मी जी की पूजा
इस दिन सुबह स्नान करके घर के मंदिर की साफ़-सफाई करे
सभी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का कच्चे दूध व गंगाजल से अभिषेक करें
अब माँ महालक्ष्मी जी को लाल पुष्पों की माला चढ़ाएं व लाल चंदन या रोली से तिलक करें
इसके बाद लाल आसन पर बैठकर श्री महालक्ष्मी व्रत कथा पढ़ें
अंत में माँ की आरती उतारकर भोग अर्पित करें
इस व्रत को करने से होती है समस्त सुखों की प्राप्ति
आर्थिक तंगी को दूर करने का रामबाण उपाय है यह व्रत
इस व्रत/Vrat को रखने से होती है धन-धान्य व सुख-समृद्धि की प्राप्ति
आर्थिक तंगी को दूर करने का रामबाण उपाय है यह व्रत
इस व्रत/Vrat को रखने से होती है धन-धान्य व सुख-समृद्धि की प्राप्ति
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