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Utpanna Ekadashi - उत्पन्ना एकादशी जानें शुभ मुहूर्त और कथा

Ekadashi Vrat:   मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी कहलाती है उत्पन्ना एकादशी। इस वर्ष 20 नवंबर को मनाई जाएगी उत्पन्ना एकादशी/ Utpanna Ekadashi एकादशी तिथि प्रारंभ: 19 नवंबर, सुबह 10:30 से एकादशी तिथि समाप्त: 20 नवंबर, सुबह 10:41 तक उत्पन्ना एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त: 20 नवंबर, प्रातः 09:27 से दोपहर 12:07 तक उत्पन्ना एकादशी पारण मुहूर्त: 21 नवंबर, प्रातः 06:48 से सुबह 08:56 तक इस शुभ दिन पर की जाती भगवान श्रीकृष्ण की पूजा निर्जला या फलाहार रूप में रखा जाता है ये व्रत इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को विभिन्न फलों का लगाया जाता है भोग निसंतान दंपतियों के लिए एक वरदान है ये व्रत/ Vrat इस व्रत को रखने से दूर होती है आर्थिक समस्याएं। इस व्रत को रखने से होता है पापों का नाश. इस व्रत को रखने से बढ़ता है दाम्पत्य प्रेम यदि आप अन्य किसी व्रत व त्योहार की पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchnag या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope पढने के लिए यहा क्लिक करें।

Indira Ekadashi 2022 - कब है इंदिरा एकादशी का व्रत

Ekadashi 2022: आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाएगी इंदिरा एकादशी। 21 सितम्बर को मनाई जाएगी इंदिरा एकादशी/ Indira Ekadashi एकादशी तिथि प्रारंभ : 20 सितम्बर, रात्रि 09:26 से एकादशी तिथि समाप्त : 21 सितम्बर, रात्रि 11:34 तक इंदिरा एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त : 21 सितम्बर, प्रातः 06:09 से सुबह 09:11 तक इंदिरा एकादशी पारण मुहूर्त: 22 सितम्बर, प्रातः 06:09 से सुबह 08:35 तक पितृ आत्माओं की शांति के लिए यह व्रत होता है बहुत ही महत्वपूर्ण इस एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु के साथ पितरों की मिलती है कृपा इस एकादशी का व्रत रखने से पितृ दोष/ Pitra Dosha से मिलता है छुटकारा इस एकादशी का व्रत रखने से होती है सुख, शांति व समृद्धि की प्राप्ति इस एकादशी का व्रत/ Ekadashi Vrat रखने से प्राप्त होता है उत्तम संतान सुख इस एकादशी पर तुलसी वृक्ष का पूजन करने से दूर होती है आर्थिक तंगी इंदिरा एकादशी पर पीपल वृक्ष की पूजा करने से पितृ आत्माओं को मिलती है शांति यदि आप इंदिरा एकादशी पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे याअपनी राशि का दैनिक राशिफल/

इस दिन हुआ था श्री हरि विष्णु जी के पांचवें अवतार का जन्म

Vamana Jayanti: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई जाएगी श्री वामन द्वादशी। इस वर्ष 07 सितम्बर को मनाई जाएगी श्री वामन द्वादशी द्वादशी तिथि प्रारंभ : 07 सितम्बर, रात्रि 03:05 से द्वादशी तिथि समाप्त : 08 सितम्बर, रात्रि 12:05 तक श्री वामन द्वादशी शुभ पूजा मुहूर्त : 07 सितम्बर, प्रातः 06:02 से सुबह 09:10 तक इस दिन हुआ था श्री हरि विष्णु जी के पांचवें अवतार भगवान वामन का जन्म नक्षत्र/ Nakshatra व अभिजीत मुहूर्त/ Abhijit Muhurat में हुआ था भगवान वामन का पृथ्वि पर अवतरण वामन भगवान विष्णु के पहले ऐसे अवतार थे जो मनुष्य रूप में प्रकट हुए. भगवान वामन ने राजा बलि का घमंड तोड़ने के लिए तीन क़दमों में नाप दिए थे तीनों लोक वामन जयंती पर ऐसे करें भगवान वामन की पूजा इस दिन सुबह स्नान करके घर के मंदिर की साफ़-सफाई करें सभी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का दूध व गंगाजल से अभिषेक करें भगवान वामन की प्रतिमा पर पीले पुष्पों की माला चढ़ाएं   और पीले आसन पर बैठकर श्री श्री विष्णु सहस्त्रनाम या भगवान वामन से जुड़ा कोई भी पाठ करें अंत में आरती उतारकर भोग अर्पित करें वामन द्वादशी का व्रत / Vrat  

Aja Ekadashi 2022 - अजा एकादशी का महत्व, मुहूर्त, और पूजा विधि

Ekadashi 2022: भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी कहलाती है अजा एकादशी/ Ekadashi इस वर्ष 23 अगस्त को मनाई जाएगी अजा एकादशी एकादशी तिथि प्रारंभ: 22 अगस्त, रात्रि 03:36 से. एकादशी तिथि समाप्त: 23 अगस्त, प्रातः 06:07 तक. अजा एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त: 23 अगस्त, प्रातः 10:46 से दोपहर 02:01 तक अजा एकादशी पारण मुहूर्त: 24 अगस्त, प्रातः 05:55 से सुबह 08:30 तक अजा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने से होती हैं माँ लक्ष्मी की कृपा अजा एकादशी का व्रत रखने से दूर होती हैं आर्थिक समस्याएं अजा एकादशी का व्रत रखने से होता है समस्त पापों का नाश अजा एकादशी का व्रत रखने से नहीं होती है अन्न व धन की कमी इस दिन असहाय लोगों को अन्न व वस्त्र का दान करने से पूर्ण होती हैं समस्त मनोकामनाएं  यदि आप अन्य किसी व्रत की शुभ मुहुर्त/ Shubh Muhurat या अपनी राशि की दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढना चाहते है तो यहा क्लिक करें।

श्रावण पुत्रदा एकादशी के व्रत से संतान प्राप्ति होती है

Ekadashi 2022: श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी कहलाती है पवित्रा एकादशी/ Pavitra Ekadashi इस वर्ष 08 अगस्त को मनाई जाएगी पवित्रा एकादशी एकादशी तिथि प्रारंभ: 07 अगस्त, रात्रि 11:51 से. एकादशी तिथि समाप्त: 08 अगस्त, रात्रि 09:01 तक. पवित्रा एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त: 08 अगस्त, प्रातः 09:06 से सुबह 10:46 तक पवित्रा एकादशी पारण मुहूर्त: 09 अगस्त, प्रातः 05:47 से सुबह 08:27 तक पुत्रदा एकादशी के नाम से भी प्रसिद्ध है ये एकादशी निसंतान दंपतियों के लिए एक वरदान है पवित्रा एकादशी इस एकादशी का व्रत/ Vrat रखने से घर में गूंजती हैं नन्हें-मुन्नों की किलकारियां सुख-सौभाग्य व समृद्धि  प्रदान करती है पवित्रा एकादशी पवित्रा एकादशी पर श्री हरि विष्णु जी की पूजा से दूर होती है आर्थिक तंगी इस एकादशी का व्रत रखने दूर होते हैं पारिवारिक क्लेश पवित्रा एकादशी का व्रत रखने से नष्ट होते हैं समस्त पाप यदि आप इस पुत्रदा एकादशी की और जानकारी प्राप्त करना चाहते है अथवा अपनी राशि की दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढने के लिए यहा क्लिक करें https://www.vinaybajrangi.com/vrat/ekadashi.php

Kamika Ekadashi 2022 - श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी

Ekadashi Vrat:   श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी कहलाती है कामिका एकादशी। 24 जुलाई को मनाई जाएगी कामिका एकादशी एकादशी तिथि प्रारंभ : 23 जुलाई, सुबह 11:27 से. एकादशी तिथि समाप्त : 24 जुलाई, दोपहर 01:46 तक पूजा शुभ मुहूर्त : 24 जुलाई, सुबह 07:20 से दोपहर 12:27 तक पारण मुहूर्त : 25 जुलाई, प्रातः 05:38 से सुबह 08:22 तक सुख-सौभाग्य व समृद्धि के द्वार खोल देती है कामिका एकादशी कामिका एकादशी पर श्री हरि विष्णु जी के पूजन से दूर होते हैं आर्थिक संकट इस एकादशी का व्रत/ Ekadashi Vrat रखने से दूर होती हैं पारिवारिक समस्याएं कामिका एकादशी का व्रत करता है समस्त पापों का नाश यदि आप अन्य किसी व्रत, त्योहार/ Festivals अथवा दैनिक राशिफल / Daily Horoscope की पढना चाहते है तो इस लिंक पर क्लिक करें।

Yogini Ekadashi - आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी को कहते हैं योगिनी एकादशी

Ekadasi 2022: आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी को कहते हैं योगिनी एकादशी/ Yogini Ekadashi इस वर्ष 24 जून को मनाई जाएगी योगिनी एकादशी योगिनी एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त - प्रातः 08:54 से सुबह 10:39 तक योगिनी एकादशी पारण(व्रत खोलने का) मुहूर्त - 25 जून, प्रातः 05:41 से सुबह 08:12 तक इस व्रत को करने से दूर होती हैं आर्थिक तंगी इस व्रत को करने से खुल जाते हैं सुख-समृद्धि के द्वार इस व्रत पर भगवान विष्णु की पूजा करने से माँ लक्ष्मी रहती है प्रसन्न इस व्रत को करने से दूर होती है दरिद्रता इस व्रत को पुर्ण करने से कटते हैं पाप इस व्रत को करने से परिवार में आती है सुख-शांति इस व्रत को पुर्ण करने से मिलती है घोर संकटों से मुक्ति यदि आप अपनी राशि का दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढना चाहते है तो इस लिंक पर क्लिक करें।

Garuda Purana - गरुड़ पुराण के अनुसार इन बातों का रखें ध्यान

Garuda Purana : गरुड़ पुराण के अनुसार इन बातों का रखें ध्यान, मां लक्ष्मी का घर में रहेगा वास। गरुड़ पुराण का पाठ आमतौर पर मृत्यु के बाद कराया जाता है, गरुड़ पुराण में मृत्यु और उसके बाद अगले जन्म के बारे में बताया गया है। इसमें जीवन के कई आवश्यक बातों को भी बताया गया है। आइए जानते हैं गरुड़ पुराण की 3 खास बातें 1. भगवान को भोग  जिस घर में भोजन को बिना जूठा किए भगवान को भोग लगाया जाता है, वहां अन्न और धन की कमी नहीं होती है  2. कुल देवी या देवता की पूजा कुल देवी या देवता की पूजा करने से सात पीढ़ियां खुशहाल रहती है Career Predtcion by Birth Chart : ज्योतिष अनुसार सहि करियर का चयन करें। 3. दान जरूरतमंदों के बीच अन्न का दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है यदि आप आज का शुभ मुहुर्त और नक्षत्र जानना चाहते है तो, आज का पंचांग / Today's Panchang पढे।

Rangbhari Ekadashi 2022 | एकादशी 2022 | Ekadashi 2022 | Ekadashi Vrat an...

Rangbhari Ekadashi 2022 : फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंगभरी एकादशी कहते हैं। इसे आमलकी एकादशी/ Amalaki Ekadashi के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा का विधान है रंगभरी एकादशी तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि एकादशी तिथि प्रारम्भ - 13 मार्च 2022 को 10:21 रंगभरी एकादशी उत्सव - 14 मार्च 2022 को सोमवार के दिन मनाई जाएगी एकादशी तिथि समाप्त - 14 मार्च 2022 को 12:05 क्या है खास इस रंगभरी एकादशी में? इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग प्रारम्भ - प्रात: 06 बजकर 32 मिनट से सर्वार्थ सिद्धि योग समाप्त - रात 10 बजकर 08 मिनट तक रंगभरी एकादशी का महत्व इस दिन भोलेनाथ माता गौरा का गौना करा कर पहली बार काशी आए थे। उनका स्वागत गुलाल से हुआ था इस वजह से हर साल इस दिन को रंगभरी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। यदि आप अपनी राशि का दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढना चाहते है, तो इस लिंक पर क्लिक करें।

Rangbhari Ekadashi 2022: कब है रंगभरी एकादशी | तिथि, और पूजा मुहूर्त

  Rangbhari Ekadashi 2022: भारत एक ऐसा देश है जहां पर भिन्न भिन्न प्रकार के व्रत और पर्व मनाए जाते हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार , फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रंगभरी एकादशी मनाई जाती है। कुछ छेत्रों में इसे आमलकी एकादशी / Amalaki Ekadashi भी कहते हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह एक मात्र ऐसी एकादशी है , जिसका सीधा संबंध भगवान शिव / Lord Shiva से होता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा काशी विश्वनाथ की नगरी वाराणसी में होती है। इस दिन बाबा विश्वनाथ माता पार्वती के साथ नगर भ्रमण करते हैं और पूरी नगरी लाल गुलाल से रंग में रंग जाती है। इस दिन भोलेनाथ का स्वरुप देखकर हर शिव भक्त आनंदित हो उठते हैं। आइए जानते हैं रंगभरी एकादशी / Rangbhari Ekadashi की तिथि , पूजा मुहूर्त एवं महत्व। रंगभरी एकादशी तिथि एवं मुहूर्त पंचांग के अनुसार , इस साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 13 मार्च दिन रविवार को सुबह 10 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी। इस तिथि का समापन 14 मार्च दिन सोमवार को दोपहर 12 बजकर 05 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार , रंगभरी एकादशी 14 मार्च