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Shani Pradosh Vrat - भगवान शिव को प्रिय है प्रदोष व्रत

Pradosh Vrat 2022: प्रत्येक मास के शुक्ल व कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है प्रदोष व्रत। शनिवार को पड़ने वाला प्रदोष कहलाता है शनि प्रदोष व्रत 05 नवंबर को रखा जाएगा शनि प्रदोष व्रत शनि प्रदोष शुभ पूजा मुहूर्त : 05 नवंबर, शाम 05:33 से रात्रि 08:10 तक शनि प्रदोष व्रत में मुख्य रूप से की जाती है शनिदेव व शिव-पार्वती की पूजा। शनि प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव के साथ-साथ शनिदेव की मिलती है विशेष कृपा इस दिन व्रत रखने से दूर होता है शनि ग्रह से जुड़ा दोष/ Saturn Dosha    इस व्रत को रखने से पाप कर्मों का होता है नाश इस व्रत को रखने से दूर होती हैं जीवन की समस्त बाधाएं इस व्रत को रखने से जटिल रोगों से होता है छुटकारा इस व्रत को रखने से प्राप्त होता है उत्तम संतान सुख इस दिन शनि के किसी भी मंत्र का एक माला जाप करने से दूर होती है दरिद्रता इस दिन पीपल के वृक्ष पर मीठा दूध चढाने से शनि की साढ़ेसाती/ Shani sadesati व ढ़ैय्या से मिलती है मुक्ति इस दिन शनि ग्रह से जुड़ी वस्तुओं का दान करने से अशुभ शनि के प्रकोप से मिलती है मुक्ति यदि आप प्रदोष व्रत पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का प

छठ पूजा 2022 - जानें सभी महत्वपूर्ण जानकारी और छठ पूजा का शुभ मुहूर्त

दिवाली के बाद, साल का दूसरा अत्यधिक धार्मिक महत्व का त्यौहार, छठ मनाया जाता है। छठ पूजा कब है और इसका क्या महत्व है? छठ के पर्व को आस्था का महापर्व कहा गया है। कार्तिक माह अत्यंत ही शुभ माह है जिसमें एक के बाद एक धार्मिक महत्व के त्यौहार आते हैं। छठ का त्यौहार शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर मनाया जाता है और इस दिन छठी मैया की पूजा की जाती है। बिहार के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक छठ पूजा हर वर्ष अत्यंत धूमधाम से मनाया जाता है जिसे सूर्य षष्ठी भी कहा जाता है। यह पर्व दिवाली/ Diwali के ठीक 6 दिन बाद मनाया जाता है। यह पर्व मुख्यतः उत्तर भारत के राज्य बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाने का प्रचलन है पर अब इसकी धूम पूरे देश बल्कि विदेशों में भी देखने को मिलती है। ऐसी मान्यता है कि छठ पूजन से भक्तों को सुख-समृद्धि, वैभव, धन, यश, शोहरत, और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। ऐसा कहा जाता है कि जो महिलाएं छठ का व्रत रखती हैं उनकी संतानों को दीर्घायु, उत्तम स्वास्थय और वैभव की प्राप्ति होती है। छठ पर्व भारत के कुछ कठिन पर्वों में से एक है जो पूरे चार दिनों तक चलता है। इस पर्व में 36

Rama Ekadashi - रमा एकादशी व्रत की पूजन विधि और कथा

Ekadashi 2022: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है रमा एकादशी। इस वर्ष 21 अक्टूबर को रखा जाएगा रमा एकादशी का व्रत/ Rama Ekadashi Vrat एकादशी तिथि प्रारंभ : 20 अक्टूबर, शाम 04:05 से एकादशी तिथि समाप्त : 21 अक्टूबर, शाम 05:23 तक रमा एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त : 21 अक्टूबर, प्रातः 07:50 से सुबह 10:40 तक रमा एकादशी पारण(व्रत खोलने का)मुहूर्त : 22 अक्टूबर, प्रातः 06:26 से सुबह 08:42 तक धनतेरस/ Dhanteras व दीवाली से पहले आती है रमा एकादशी चातुर्मास/ Chatur Maas की अंतिम एकादशी होती है रमा एकादशी माँ लक्ष्मी जी का एक नाम है रमा इसलिए धार्मिक दृष्टि से है इस एकादशी का बहुत अधिक महत्व दिवाली/ Diwali से पूर्व माँ लक्ष्मी का पूजन करने के लिए यह है शुभ दिन इस दिन भगवान विष्णु के साथ माँ लक्ष्मी का किया जाता है पूजा इस दिन माँ लक्ष्मी का पूजन/ Laxmi Pujan करने से घर में होता है सुख-समृद्धि का वास इस एकादशी/ Ekadashi का व्रत रखने से दूर होती है आर्थिक तंगी। यदि आप एकादशी पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक र

शरद पूर्णिमा के दिन ये शुभ संयोग बढ़ा रहे दिन का महत्व

Sharad Purnima: आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है शरत पूर्णिमा| इस वर्ष 09 अक्टूबर को मनाई जाएगी शरत पूर्णिमा/ Sharad Purnima पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 09 अक्टूबर, प्रातः 03:42 से पूर्णिमा तिथि समाप्त: 10 अक्टूबर, रात्रि 02:24 तक शरत पूर्णिमा शुभ पूजा मुहूर्त: 09 अक्टूबर, शाम 07:31 से रात्रि 09:03 तक मान्यता है कि इस दिन आकाश से होती है अमृत वर्षा ये दिन माँ लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए होता है बेहद ख़ास इस दिन शुभ मुहूर्त में माँ लक्ष्मी की पूजा करने से प्राप्त होती है अपार कृपा चंद्र ग्रह के दोषों से छुटकारा पाने के लिए भी यह दिन है बेहद लाभकारी इस पवित्र दिन पर समुद्र मंथन से प्रकट हुई थी माँ लक्ष्मी प्राचीन मान्यता अनुसार इस दिन माँ लक्ष्मी जी का पृथ्वी पर होता है विचरण इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना होता है बेहद शुभ इस पावन दिवस पर रात्रि में खीर बनाने की भी है परंपरा इस ख़ीर को चंद्रमा की चांदनी में रखने से उसमें हो जाता है अमृत का प्रवेश इस ख़ीर को माता लक्ष्मी को भोग लगाकर ग्रहण करने से दूर होती है आर्थिक तंगी यदि आप करवा चौथ पुजा शुभ मुह

Ekadashi 2022 - क्या है पापांकुशा एकादशी व्रत का महत्व?

Papankusha Ekadashi : अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है पापांकुशा एकादशी।  06 अक्टूबर को रखा जाएगा पापांकुशा एकादशी का व्रत/ Papankusha Ekadashi Vrat एकादशी तिथि प्रारंभ: 05 अक्टूबर, दोपहर 12:00 से एकादशी तिथि समाप्त: 06 अक्टूबर, प्रातः 09:41 तक पापांकुशा एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त : 06 अक्टूबर, प्रातः 06:17 से सुबह 07:45 तक पापांकुशा एकादशी पारण(व्रत खोलने का)मुहूर्त:   07 अक्टूबर, प्रातः 06:18 से सुबह 07:26 तक इस दिन श्री हरि भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरुप की करी जाती है पूजा इस एकादशी का व्रत/ Ekadashi Vrat रखने से होता है पापों का नाश इस एकादशी का व्रत रखने से मिलती है भौतिक समृद्धि   इस एकादशी का व्रत रखने से बढ़ता है सुख-सौभाग्य।   इस एकादशी का व्रत रखने से बढ़ती है पारिवारिक शांति इस एकादशी का व्रत रखने से दूर होती है आर्थिक समस्याएं यदि आप एकादशी पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope पढने के लिऐ यहा क्लिक करें।

Indira Ekadashi 2022 - कब है इंदिरा एकादशी का व्रत

Ekadashi 2022: आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाएगी इंदिरा एकादशी। 21 सितम्बर को मनाई जाएगी इंदिरा एकादशी/ Indira Ekadashi एकादशी तिथि प्रारंभ : 20 सितम्बर, रात्रि 09:26 से एकादशी तिथि समाप्त : 21 सितम्बर, रात्रि 11:34 तक इंदिरा एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त : 21 सितम्बर, प्रातः 06:09 से सुबह 09:11 तक इंदिरा एकादशी पारण मुहूर्त: 22 सितम्बर, प्रातः 06:09 से सुबह 08:35 तक पितृ आत्माओं की शांति के लिए यह व्रत होता है बहुत ही महत्वपूर्ण इस एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु के साथ पितरों की मिलती है कृपा इस एकादशी का व्रत रखने से पितृ दोष/ Pitra Dosha से मिलता है छुटकारा इस एकादशी का व्रत रखने से होती है सुख, शांति व समृद्धि की प्राप्ति इस एकादशी का व्रत/ Ekadashi Vrat रखने से प्राप्त होता है उत्तम संतान सुख इस एकादशी पर तुलसी वृक्ष का पूजन करने से दूर होती है आर्थिक तंगी इंदिरा एकादशी पर पीपल वृक्ष की पूजा करने से पितृ आत्माओं को मिलती है शांति यदि आप इंदिरा एकादशी पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे याअपनी राशि का दैनिक राशिफल/

इस दिन हुआ था श्री हरि विष्णु जी के पांचवें अवतार का जन्म

Vamana Jayanti: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई जाएगी श्री वामन द्वादशी। इस वर्ष 07 सितम्बर को मनाई जाएगी श्री वामन द्वादशी द्वादशी तिथि प्रारंभ : 07 सितम्बर, रात्रि 03:05 से द्वादशी तिथि समाप्त : 08 सितम्बर, रात्रि 12:05 तक श्री वामन द्वादशी शुभ पूजा मुहूर्त : 07 सितम्बर, प्रातः 06:02 से सुबह 09:10 तक इस दिन हुआ था श्री हरि विष्णु जी के पांचवें अवतार भगवान वामन का जन्म नक्षत्र/ Nakshatra व अभिजीत मुहूर्त/ Abhijit Muhurat में हुआ था भगवान वामन का पृथ्वि पर अवतरण वामन भगवान विष्णु के पहले ऐसे अवतार थे जो मनुष्य रूप में प्रकट हुए. भगवान वामन ने राजा बलि का घमंड तोड़ने के लिए तीन क़दमों में नाप दिए थे तीनों लोक वामन जयंती पर ऐसे करें भगवान वामन की पूजा इस दिन सुबह स्नान करके घर के मंदिर की साफ़-सफाई करें सभी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का दूध व गंगाजल से अभिषेक करें भगवान वामन की प्रतिमा पर पीले पुष्पों की माला चढ़ाएं   और पीले आसन पर बैठकर श्री श्री विष्णु सहस्त्रनाम या भगवान वामन से जुड़ा कोई भी पाठ करें अंत में आरती उतारकर भोग अर्पित करें वामन द्वादशी का व्रत / Vrat  

Ekadashi 2022 - जानें परिवर्तिनी एकादशी का महत्व और पूजन विधि

Parivartini Ekadashi 2022 : भाद्रपद शुक्ल एकादशी को मनाई जाएगी पद्मा एकादशी। परिवर्तिनी एकादशी के नाम से भी प्रसिद्ध है पद्मा एकादशी। 06 सितम्बर को रखा जाएगा पद्मा एकादशी का व्रत/ Ekadashi Vrat 2022 एकादशी तिथि प्रारंभ : 06 सितम्बर, प्रातः 05:54 से एकादशी तिथि समाप्त : 07 सितम्बर, रात्रि 03:05 तक पद्मा एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त : 06 सितम्बर, प्रातः 10:45 से दोपहर 01:54 तक पद्मा एकादशी पारण : 07 सितम्बर, प्रातः 08:19 से सुबह 08:33 तक सनातन धर्म में इस एकादशी का है बहुत अधिक महत्व। क्योंकि चातुर्मास/ Chaturmaas के शयन काल के दौरान भगवान विष्णु इस दिन बदलते हैं करवट। इस दिन श्री हरि भगवान विष्णु के वामन रूप की करी जाती है पूजा। इस एकादशी का व्रत रखने से बढ़ता है सुख-सौभाग्य। इस एकादशी का व्रत/ Vrat   रखने से पूर्ण होती है समस्त मनोकामनाएं यह व्रत करने से मिलता है अनंत कोटि पुण्य फल इ यह व्रत करने से दूर होती है आर्थिक तंगी। यदि आप एकादशी व्रत पुजा शुभ मुह्रत जानना चाहते है तो आज का पंचांग / Today's Panchang पढे।

Mahalaxmi Vrat - इस दिन से शुरू होंगे महालक्ष्मी व्रत

Mahalaxmi Vrat 2022 : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होता है इस व्रत का शुभारंभ। आश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक रखा जाता है ये व्रत। गजलक्ष्मी व्रत के नाम से भी प्रसिद्ध है ये व्रत। 03 सितम्बर से होगा प्रारंभ होगा श्री महालक्ष्मी व्रत और 17 सितम्बर को होगी इस व्रत की समाप्ति अष्टमी तिथि प्रारंभ : 03 सितम्बर, दोपहर 12:28 से अष्टमी तिथि समाप्त : 04 सितम्बर, प्रातः 10:40 तक श्री महालक्ष्मी व्रत शुभ पूजा मुहूर्त : 03 सितम्बर, दोपहर 12:20 से शाम 05:05 तक इस व्रत में माँ लक्ष्मी जी की विधि-विधान से की जाती है पूजा इस व्रत के दौरान नहीं किया जाता अन्न ग्रहण 16 दिनों तक इस व्रत को रखने के बाद होता है इस व्रत का उद्यापन   महालक्ष्मी व्रत के दौरान ऐसे करें माँ लक्ष्मी जी की पूजा इस दिन सुबह स्नान करके घर के मंदिर की साफ़-सफाई करे सभी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का कच्चे दूध व गंगाजल से अभिषेक करें  अब माँ महालक्ष्मी जी को लाल पुष्पों की माला चढ़ाएं व लाल चंदन या रोली से तिलक करें इसके बाद लाल आसन पर बैठकर श्री महालक्ष्मी व्रत कथा पढ़ें  अंत में माँ की आरती उतारकर भोग अर्पित करे

Radha Ashtami - 3 या 4 सितंबर किस दिन होगी राधा अष्टमी व्रत

Radha Ashtami Vrat 2022 : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है श्री राधा अष्टमी। इस वर्ष 03 सितम्बर को मनाई जाएगी श्री राधा अष्टमी अष्टमी तिथि प्रारंभ: 03 सितम्बर, दोपहर 12:28 से अष्टमी तिथि समाप्त: 04 सितम्बर, प्रातः 10:40 तक श्री राधा अष्टमी शुभ पूजा मुहूर्त : 03 सितम्बर, प्रातः 07:35 से सुबह 09:10 तक राधा अष्टमी पर ऐसे करें राधा रानी की पूजा सुबह स्नान करके घर के मंदिर की सफाई करें देवी-देवताओं की प्रतिमा का जलाभिषेक करें अब राधारानी की प्रतिमा या तस्वीर को लाल या पीले पुष्प की माला अर्पित करें और राधा चालीसा या श्री राधारानी से जुड़ा कोई भी पाठ पढ़ें इसके बाद राधारानी की आरती उतारकर भोग अर्पित करें इस दिन सुहागिन महिलाओं, गरीब व असहाय स्त्रियों की गुप्त रूप से मदद करें राधा अष्टमी व्रत रखने से होता है समस्त पापों का नाश इस व्रत / Vrat  को रखने से सुहागिन महिलाओं को प्राप्त होता है उत्तम संतान सुख इस व्रत को रखने से सुहागिन महिलाओं को होती है अखंड सौभाग्य की प्राप्ति इस व्रत को रखने से प्राप्त होती जगतगुरु भगवान श्रीकृष्ण की कृपा यदि आप राधा अष्टमी व्रत शुभ प

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को रखा जाता है सूर्य षष्ठी व्रत

Surya Shashti Vrat : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को रखा जाता है सूर्य षष्ठी व्रत इस वर्ष 02 सितम्बर को रखा जाएगा सूर्य षष्ठी व्रत षष्ठी तिथि प्रारंभ: 01 सितम्बर, दोपहर 02:49 से षष्ठी तिथि समाप्त: 02 सितम्बर, दोपहर 01:51 तक सूर्य षष्ठी व्रत शुभ पूजा मुहूर्त : 02 सितम्बर, प्रातः 07:35 से सुबह 10:45 तक सूर्य षष्ठी व्रत पर ऐसे करें सूर्यदेव की पूजा इस दिन प्रातः सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान कर तांबें के लोटे में जल भरकर उसमें लाल चंदन, रोली, गुड़ की डली व गेहूं के दाने मिलाएं और 10 बार सूर्यदेव का मंत्र या गायत्री मंत्र बोलते हुए अर्घ्य अर्पित करें सूर्यदेव की प्रतिमा या तस्वीर पर लाल पुष्पों की माला अर्पित कर धूप व दीप प्रज्वलित करें इसके बाद लाल आसन पर बैठकर श्री आदित्य हृदय स्तोत्र या सूर्य चालीसा का पाठ करें सूर्यदेव के किसी भी मंत्र का करें एक माला (108 बार) जाप अंत में श्री सूर्यनारायण की आरती उतारकर उन्हें कोई भी लाल रंग का भोग अर्पित करें इस व्रत को रखने से दूर होते हैं सूर्य ग्रह से जुड़े सभी दोष इस व्रत को रखने से समस्त रोग नष्ट होकर आरोग्यता की प्राप्त होती है  

Santan Saptami - संतान सप्तमी का व्रत का पुजन कैसे करें

Saptami Vrat 2022:   भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को रखा जाता है मुक्ताभरण सप्तमी व्रत। इस वर्ष 03 सितम्बर को रखा जायेगा ये व्रत। संतान सप्तमी या ललिता सप्तमी के नाम से भी प्रसिद्ध है ये व्रत सप्तमी तिथि प्रारंभ : 02 सितम्बर, दोपहर 01:51 से सप्तमी तिथि समाप्त : 03 सितम्बर, दोपहर 12:28 तक मुक्ताभरण सप्तमी शुभ पूजा मुहूर्त : 03 सितम्बर, प्रातः 07:35 से सुबह 09:10 तक संतान सप्तमी व्रत का ऐसे करें पूजा इस दिन सुबह स्नान कर घर के मंदिर की साफ़-सफाई करें व देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का कच्चे दूध व गंगाजल से अभिषेक करें   अब भगवान विष्णु व शिव-पार्वती जी की प्रतिमा पर पीले व सफ़ेद पुष्पों की माला चढ़ाएं  व श्री हरि विष्णु जी व श्री शिव-पार्वती जी से जुड़ा कोई भी पाठ पढ़ें अंत में आरती उतारकर भोग अर्पित करें मुख्य रूप से सुहागिन महिलाएं रखती हैं ये व्रत इस व्रत/ Vrat को रखने से निसंतान स्त्रियों को होती है संतान सुख की प्राप्ति संतान सप्तमी व्रत पुजा शुभ मुहुर्त जाननें के लिए आज का पंचांग / Today's Panchang पढे अथवा अपनी राशि की दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढने के लिए यहा क

जब चतुर्थी का चंद्र देखने से श्रीकृष्ण पर लगा चोरी का कलंक

Chaurchan 2022: 30 अगस्त को भूलकर भी न करें चंद्रमा के दर्शन। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है कलंक चतुर्थी/ Kalank Chaturthi इस वर्ष 30 अगस्त को मनाई जाएगी कलंक चतुर्थी। चौरचन/ Chourchan , कलंक चौथ व पत्थर चौथ के नाम से भी प्रसिद्ध है यह पर्व चतुर्थी तिथि प्रारंभ : 30 अगस्त, दोपहर 03:33 से चतुर्थी तिथि समाप्त : 31 अगस्त, दोपहर 03:23 तक. कलंक चतुर्थी शुभ पूजा मुहूर्त : 30 अगस्त, प्रातः 09:10 से दोपहर 01:57 तक वर्जित चंद्र दर्शन काल : 30 अगस्त, दोपहर 03:33 से रात्रि 08:40 तक भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि ( Ganesh Chaturthi ) पर चंद्रमा को देखना होता है अशुभ इस दिन चंद्र दर्शन के कारण लग सकता है आप पर मिथ्या कलंक इस दिन चंद्र दर्शन के कारण आने वाले समय में हो सकता है आपका अपमान इस दिन चंद्र दर्शन ( Moon Sign ) के कारण भगवान श्रीकृष्ण पर भी लगा था कलंक चंद्र दर्शन के कारण भगवान श्रीकृष्ण पर भी लगा था मणि चोरी करने का आरोप द्वारकापुरी में सत्राजित नाम का एक सूर्यदेव का भक्त रहता था उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर सूर्यदेव ने उसे एक अमूल्य स्यमंतक मणि प्र

Gauri Tritya - कब मनाई जाती है गौरी तृतीया?

Vrat 2022: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है गौरी तृतीया। इस वर्ष 30 अगस्त को मनाई जाएगी गौरी तृतीया/ Gauri Tritiya तृतीया तिथि प्रारंभ: 29 अगस्त, दोपहर 03:21 से तृतीया तिथि समाप्त: 30 अगस्त, दोपहर 03:33 तक गौरी तृतीया शुभ पूजा मुहूर्त: 30 अगस्त, प्रातः 09:10 से दोपहर 01:57 तक भगवान शिव व माता पार्वती की कृपा प्राप्त करने हेतु रखा जाता है ये व्रत ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस तिथि की देवी है माता गौरी इस दिन माता गौरी का पूजन व व्रत रखने से होती है समस्त सुखों की प्राप्ति सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है ये व्रत सुहागिन  महिलाओं  पति की दीर्घायु व अखंड सौभाग्य  के लिए रखती हैं ये व्रत कुंवारी कन्याओं को भी उत्तम वर प्रदान करता है ये व्रत इस व्रत को रखने से कुंवारी कन्याओं का होता है शीघ्र विवाह/ Delay Marriage संतान सुख प्राप्त करने के लिए भी बहुत लाभदायक है ये व्रत यदि आप अन्य किसी व्रत की जानकरी प्राप्त करना चाहते है तो आज का पंचांग / Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढने के लिए यहा क्लिक करें।

Amavasya Vrat - भाद्रपद अमावस्या का महत्व और कैसे करें पितृ दोष का निवारण

Kushotpatini Amavasya 2022: भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या कहलाती है कुशोत्पाटिनी अमावस्या। इस वर्ष 27 अगस्त को मनाई जाएगी कुशोत्पाटिनी अमावस्या/ Kushotpatini Amavasya पिठोरी अमावस्या के नाम से भी प्रसिद्ध है यह अमावस्या। भाद्रपद मास है भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित इसलिए इस अमावस्या का है खास महत्तव अमावस्या तिथि प्रारंभ : 26 अगस्त, दोपहर 12:24 से अमावस्या तिथि समाप्त : 27 अगस्त, दोपहर 01:47 तक पूजा शुभ मुहूर्त : 27 अगस्त, प्रातः 07:33 से सुबह 09:09 तक इस दिन पूजन के लिए कुशा एकत्रित करने की है परंपरा हिंदू धर्म में कुशा के बिना नहीं होती है कोई भी पूजा सफल इस अमावस्या / Amavasya  पर पितरों के निमित्त तर्पण करने से मिलता है  पितृ दोष/ Pitra Dosha से छुटकारा इस दिन गरीबों को अन्न व वस्त्रों का दान करने से प्राप्त होती है आर्थिक समृद्धि इस दिन सुबह के समय पीपल वृक्ष पर मीठा दूध अर्पित व सरसों तैल के पांच दीपक लगाने से दूर होते हैं पारिवारिक क्लेश इस दिन कालसर्प दोष/ Kaalsarp Dosha शनि दोष, साढ़ेसाती/ Shani Sadesati आदि की की शांति के लिए बहुत शुभ होती है

Budh Pradosh Vrat - भाद्रपद का पहला प्रदोष व्रत कब?

Pradosh Vrat 2022 : प्रत्येक माह के शुक्ल व कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाता है प्रदोष व्रत/ Pradosh Vrat इस दिन देवाधिदेव महादेव व माँ पार्वती की करी जाती है पूजा। 24 अगस्त को रखा जाएगा बुध प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 24 अगस्त, प्रातः 08:30 से त्रयोदशी तिथि समाप्त: 25 अगस्त, सुबह 10:38 तक. बुध प्रदोष व्रत शुभ पूजा मुहूर्त : शाम 06:52 से रात्रि 09:04 तक. बुध प्रदोष व्रत रखने से दूर होती है आर्थिक तंगी बुध प्रदोष व्रत रखने से बढ़ता है सुख-सौभाग्य इस व्रत को रखने से दूर होते हैं बुध ग्रह से संबंधित समस्त दोष   विद्यार्थियों के लिए एक वरदान है बुध प्रदोष व्रत शिक्षा में आ रही अड़चनों को जड़ से समाप्त करता है बुध प्रदोष व्रत इस व्रत को रखने से प्राप्त होती है मानसिक शांति यदि आप अन्य किसी व्रत की शुभ मुहुर्त/ Shubh Muhurat या अपनी राशि की दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढना चाहते है तो यहा क्लिक करें।