Pradosh Vrat 2022: प्रत्येक मास के शुक्ल व कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है प्रदोष व्रत। शनिवार को पड़ने वाला प्रदोष कहलाता है शनि प्रदोष व्रत 05 नवंबर को रखा जाएगा शनि प्रदोष व्रत
शनि प्रदोष शुभ पूजा मुहूर्त: 05 नवंबर, शाम 05:33 से रात्रि 08:10 तक
शनि प्रदोष व्रत में मुख्य रूप से की जाती है शनिदेव व शिव-पार्वती की पूजा। शनि प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव के साथ-साथ शनिदेव की मिलती है विशेष कृपा
इस दिन व्रत रखने से दूर होता है शनि ग्रह से जुड़ा दोष/Saturn Dosha
इस व्रत को रखने से पाप कर्मों का होता है नाश
इस व्रत को रखने से दूर होती हैं जीवन की समस्त बाधाएं
इस व्रत को रखने से जटिल रोगों से होता है छुटकारा
इस व्रत को रखने से प्राप्त होता है उत्तम संतान सुख
इस दिन शनि के किसी भी मंत्र का एक माला जाप करने से दूर होती है दरिद्रता
इस दिन पीपल के वृक्ष पर मीठा दूध चढाने से शनि की साढ़ेसाती/Shani sadesati व ढ़ैय्या से मिलती है मुक्ति
इस दिन शनि ग्रह से जुड़ी वस्तुओं का दान करने से अशुभ शनि के प्रकोप से मिलती है मुक्ति
इस व्रत को रखने से पाप कर्मों का होता है नाश
इस व्रत को रखने से दूर होती हैं जीवन की समस्त बाधाएं
इस व्रत को रखने से जटिल रोगों से होता है छुटकारा
इस व्रत को रखने से प्राप्त होता है उत्तम संतान सुख
इस दिन शनि के किसी भी मंत्र का एक माला जाप करने से दूर होती है दरिद्रता
इस दिन पीपल के वृक्ष पर मीठा दूध चढाने से शनि की साढ़ेसाती/Shani sadesati व ढ़ैय्या से मिलती है मुक्ति
इस दिन शनि ग्रह से जुड़ी वस्तुओं का दान करने से अशुभ शनि के प्रकोप से मिलती है मुक्ति
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