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Chaturdashi 2022 - क्यों भगवान शिव ने लिया विष्णु जी का परीक्षा

Vaikuntha Chaturdashi: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है वैकुण्ठ चतुर्दशी। इस वर्ष 06 नवंबर को मनाई जाएगी वैकुण्ठ चतुर्दशी चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 06 नवंबर, शाम 04:29 से चतुर्दशी तिथि समाप्त: 07 नवंबर, शाम 04:16 तक वैकुण्ठ चतुर्दशी शुभ पूजा मुहूर्त : 06 नवंबर, सुबह 09:21 से दोपहर 12:04 तक इस पवित्र दिन पर व्रत रखकर करते हैं भगवान शिव व विष्णु जी की पुजा श्री विष्णु जी चातुर्मास/ Chaturmas तक सृष्टि का पूरा कार्यभार भगवान शिव को सौंपकर करते हैं विश्राम देवउठनी एकादशी/ Dev Uthani Ekadashi पर जागने के बाद शिवजी की भक्ति में लग जाते हैं श्री हरि विष्णु इस पवित्र दिन पर श्राद्ध व तर्पण करना होता है कल्याणकारी एक बार विष्णु जी एक हजार कमल पुष्पों से भगवान शिव के पूजन का संकल्प किया। भगवान शिव ने श्री विष्णु जी की परीक्षा लेने के लिए एक पुष्प कम कर दिया। पुष्प कम होने पर भगवान विष्णु ने अपने कमलनयन नेत्र को ही पूजन में अर्पित करने लगे. भगवान शिव उनकी भक्ति से बहुत प्रसन्न हुए. उन्होंने प्रकट होकर कहा कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी वैकुण्ठ चौदस के नाम से जानी जाएगी। इस दिन

छठ पूजा 2022 - जानें सभी महत्वपूर्ण जानकारी और छठ पूजा का शुभ मुहूर्त

दिवाली के बाद, साल का दूसरा अत्यधिक धार्मिक महत्व का त्यौहार, छठ मनाया जाता है। छठ पूजा कब है और इसका क्या महत्व है? छठ के पर्व को आस्था का महापर्व कहा गया है। कार्तिक माह अत्यंत ही शुभ माह है जिसमें एक के बाद एक धार्मिक महत्व के त्यौहार आते हैं। छठ का त्यौहार शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर मनाया जाता है और इस दिन छठी मैया की पूजा की जाती है। बिहार के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक छठ पूजा हर वर्ष अत्यंत धूमधाम से मनाया जाता है जिसे सूर्य षष्ठी भी कहा जाता है। यह पर्व दिवाली/ Diwali के ठीक 6 दिन बाद मनाया जाता है। यह पर्व मुख्यतः उत्तर भारत के राज्य बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाने का प्रचलन है पर अब इसकी धूम पूरे देश बल्कि विदेशों में भी देखने को मिलती है। ऐसी मान्यता है कि छठ पूजन से भक्तों को सुख-समृद्धि, वैभव, धन, यश, शोहरत, और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। ऐसा कहा जाता है कि जो महिलाएं छठ का व्रत रखती हैं उनकी संतानों को दीर्घायु, उत्तम स्वास्थय और वैभव की प्राप्ति होती है। छठ पर्व भारत के कुछ कठिन पर्वों में से एक है जो पूरे चार दिनों तक चलता है। इस पर्व में 36

Vastu Dosh - मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय

क्या रूठ कर चली गई है मां लक्ष्मी? Diwali Special 2022: मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। जिस व्यक्ति पर मां प्रसन्न रहती है। उस परिवार को धन-धान्य व संपत्ति से बढ़ देती हैं। अगर वे किसी से रुष्ट होकर चली जाए तो, उस परिवार को कंगाल और बीमारियों का घर बनते देर नहीं लगती। अगर आप भी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं तो इसका मतलब मां आपसे रूठी हुई हैं। ऐसे में आप वास्तु शास्त्र के मुताबिक मां लक्ष्मी को दोबारा घर में आमंत्रित करने के लिए घर की इन 5 चीजों में तुरंत बदलाव कर देना चाहिए। आइए जानते हैं कि वे 5 चीजें कौन सी हैं 1. वास्तु दोष दूर करने के लिए घर में रखें पिरामिड वास्तु दोष/ Vastu Dosh दूर करने के लिए आप घर में कुल  9  पिरामिड रखें।  अगर आप इतने पिरामिड घर में नहीं रखना चाहते हैं तो,  घर के जिस हिस्से में परिवार के लोग एक साथ मिलकर ज्यादा वक्त गुजारते हैं,  वहां पर एक पिरामिड रख दें।  ऐसा करने से परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाता है  और घर में मां लक्ष्मी का आगमन होने लगता है।   2. घर के मंदिर में जरूर करें शंख की स्थापना शास्त्रों के अनुसार जिस घर के पूजा स्थल में देवी

Rama Ekadashi - रमा एकादशी व्रत की पूजन विधि और कथा

Ekadashi 2022: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है रमा एकादशी। इस वर्ष 21 अक्टूबर को रखा जाएगा रमा एकादशी का व्रत/ Rama Ekadashi Vrat एकादशी तिथि प्रारंभ : 20 अक्टूबर, शाम 04:05 से एकादशी तिथि समाप्त : 21 अक्टूबर, शाम 05:23 तक रमा एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त : 21 अक्टूबर, प्रातः 07:50 से सुबह 10:40 तक रमा एकादशी पारण(व्रत खोलने का)मुहूर्त : 22 अक्टूबर, प्रातः 06:26 से सुबह 08:42 तक धनतेरस/ Dhanteras व दीवाली से पहले आती है रमा एकादशी चातुर्मास/ Chatur Maas की अंतिम एकादशी होती है रमा एकादशी माँ लक्ष्मी जी का एक नाम है रमा इसलिए धार्मिक दृष्टि से है इस एकादशी का बहुत अधिक महत्व दिवाली/ Diwali से पूर्व माँ लक्ष्मी का पूजन करने के लिए यह है शुभ दिन इस दिन भगवान विष्णु के साथ माँ लक्ष्मी का किया जाता है पूजा इस दिन माँ लक्ष्मी का पूजन/ Laxmi Pujan करने से घर में होता है सुख-समृद्धि का वास इस एकादशी/ Ekadashi का व्रत रखने से दूर होती है आर्थिक तंगी। यदि आप एकादशी पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक र

शरद पूर्णिमा के दिन ये शुभ संयोग बढ़ा रहे दिन का महत्व

Sharad Purnima: आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है शरत पूर्णिमा| इस वर्ष 09 अक्टूबर को मनाई जाएगी शरत पूर्णिमा/ Sharad Purnima पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 09 अक्टूबर, प्रातः 03:42 से पूर्णिमा तिथि समाप्त: 10 अक्टूबर, रात्रि 02:24 तक शरत पूर्णिमा शुभ पूजा मुहूर्त: 09 अक्टूबर, शाम 07:31 से रात्रि 09:03 तक मान्यता है कि इस दिन आकाश से होती है अमृत वर्षा ये दिन माँ लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए होता है बेहद ख़ास इस दिन शुभ मुहूर्त में माँ लक्ष्मी की पूजा करने से प्राप्त होती है अपार कृपा चंद्र ग्रह के दोषों से छुटकारा पाने के लिए भी यह दिन है बेहद लाभकारी इस पवित्र दिन पर समुद्र मंथन से प्रकट हुई थी माँ लक्ष्मी प्राचीन मान्यता अनुसार इस दिन माँ लक्ष्मी जी का पृथ्वी पर होता है विचरण इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना होता है बेहद शुभ इस पावन दिवस पर रात्रि में खीर बनाने की भी है परंपरा इस ख़ीर को चंद्रमा की चांदनी में रखने से उसमें हो जाता है अमृत का प्रवेश इस ख़ीर को माता लक्ष्मी को भोग लगाकर ग्रहण करने से दूर होती है आर्थिक तंगी यदि आप करवा चौथ पुजा शुभ मुह

Karva Chauth 2022 - करवा चौथ पर भूलकर भी न करें ये काम

Trendy saree on this Karva Chauth : कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है करवा चौथ। इस वर्ष 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा करवा चौथ/ Karwa Chauth चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 13 अक्टूबर, रात्रि 01:59 से चतुर्थी तिथि समाप्त : 14 अक्टूबर, रात्रि 03:08 तक करवा चौथ शुभ पूजा मुहूर्त : 13 अक्टूबर, शाम 05:54 से सायंकाल 07:09 तक करवा चौथ व्रत समय: 13 अक्टूबर, प्रातः 06:24 से रात्रि 08:10 तक चंद्रोदय काल: 13 अक्टूबर, रात्रि 08:10 पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए रखती हैं ये व्रत/ Vrat उत्तर भारत में हिंदू महिलाओं के बीच बहुत लोकप्रिय है ये व्रत बिना जल ग्रहण किए रखा जाता है ये व्रत इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके सजती-संवरती हैं चंद्र दर्शन व पूजन के बाद पति के हाथों से जल ग्रहण करके व्रत तोड़ती हैं महिलाएं यदि आप करवा चौथ पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope पढने के लिऐ यहा क्लिक करें।

Ekadashi 2022 - क्या है पापांकुशा एकादशी व्रत का महत्व?

Papankusha Ekadashi : अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है पापांकुशा एकादशी।  06 अक्टूबर को रखा जाएगा पापांकुशा एकादशी का व्रत/ Papankusha Ekadashi Vrat एकादशी तिथि प्रारंभ: 05 अक्टूबर, दोपहर 12:00 से एकादशी तिथि समाप्त: 06 अक्टूबर, प्रातः 09:41 तक पापांकुशा एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त : 06 अक्टूबर, प्रातः 06:17 से सुबह 07:45 तक पापांकुशा एकादशी पारण(व्रत खोलने का)मुहूर्त:   07 अक्टूबर, प्रातः 06:18 से सुबह 07:26 तक इस दिन श्री हरि भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरुप की करी जाती है पूजा इस एकादशी का व्रत/ Ekadashi Vrat रखने से होता है पापों का नाश इस एकादशी का व्रत रखने से मिलती है भौतिक समृद्धि   इस एकादशी का व्रत रखने से बढ़ता है सुख-सौभाग्य।   इस एकादशी का व्रत रखने से बढ़ती है पारिवारिक शांति इस एकादशी का व्रत रखने से दूर होती है आर्थिक समस्याएं यदि आप एकादशी पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope पढने के लिऐ यहा क्लिक करें।

Horoscope Today 05 October 2022

Daily Horoscope: विजय दशमी है बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक। भगवान राम ने इस दिन किया था रावण का वध। जानते हैं किस राशि के लिए कैसा परिणाम लाएगा यह दशहरा मेष राशि मेष राशि के जीवन में आएगा मुसीबतों का पहाड़ करियर में नहीं मिलेगी किसी भी प्रकार की सफलता हर कदम पर रहना होगा सावधान कन्या राशि आलस करेगा आपको आज परेशान लव लाइफ में कुछ समस्या के हैं संकेत नहीं दिख रही है बिजनेस में स्थिरता सिंह राशि भगवान राम का आशीर्वाद बना रहेगा स्वास्थ्य के क्षेत्र में मिलेंगे अच्छे परिणाम दूसरों की सहायता कर सकते हैं आप यदि आप दशहरा/ Dusshera पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope पढने के लिऐ यहा क्लिक करें।

Vijayadashami 2022 - दशहरे के दिन बन रहे ये शुभ मुहूर्त

Dusshera 2022 : अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाई जाती है विजय दशमी। इस वर्ष 05 अक्टूबर को मनाई जाएगी विजयादशमी दशमी तिथि प्रारंभ: 04 अक्टूबर, दोपहर 02:21 से दशमी तिथि समाप्त: 05 अक्टूबर, दोपहर 12:00 तक. विजयदशमी विजय मुहूर्त: 05 अक्टूबर, दोपहर 02:07 से दोपहर 02:54 तक विजयदशमी अपराह्न शुभ पूजा मुहूर्त: 05 अक्टूबर, दोपहर 01:20 से दोपहर 03:41 तक दशहरा/ Dusshera के नाम से भी प्रसिद्ध है विजयदशमी भारतीय संस्कृति में वीरता व शौर्य का प्रतीक है ये त्यौहार वर्ष के तीन अत्यंत शुभ मुहूर्तों में से एक है विजयादशमी इस दिन कोई भी नया काम शुरू करना होता है बेहद शुभ  इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने किया था रावण का वध उन्होंने युद्ध के दौरान पहले नौ दिनों तक की थी माँ दुर्गा की पूजा उसके बाद दसवें दिन भगवान राम ने किया था दुष्ट रावण का वध भगवान राम की विजय के प्रतीक स्वरूप मनाया जाता है यह पर्व/ Festival इस दिन रावण के भाई कुंभकर्ण व पुत्र मेघनाथ के फूंक जाते हैं पुतले   शत्रुओं पर विजय की कामना के लिए इस दिन शस्त्र पूजा करने की है परंपरा इस दिन क्षत्रियों के यहाँ होती

Today's Horoscope 26 September

Daily Horoscope: इस राशिफल में मौजूद परिणाम, नक्षत्रों और ग्रहों की स्थिति के अनुसार है। जानते हैं कि किन राशियों के लिए शुभ रहेगा 26 सितंबर रहेगा शुभ अशुभ मेष मेष राशि/ Mesh Rashifal के लिए यह दिन नहीं होगा खास रिश्तों में आ सकती है खट्टास लव लाइफ की वजह से खड़ी हो सकती है करियर में परेशानियां तुला नया वाहन खरीदने का सपना आज भी नहीं हो पाएगा साकार घर में किसी के आने से बढ़ सकती है आपकी परेशानी रिश्तेदारों के साथ संबंधों में देखने को मिल सकती है अनबन मकर पुरानी सभी परेशानियों का हल मिलेगा आज मन होगा शांति से सराबोर आर्थिक दृष्टि से आज का दिन है आपके लिए शुभ यदि आप अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope व साप्ताहिक राशिफल/ Weekly Horoscope पढना चाहते है तो यहा पर क्लिक करें।

Indira Ekadashi 2022 - कब है इंदिरा एकादशी का व्रत

Ekadashi 2022: आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाएगी इंदिरा एकादशी। 21 सितम्बर को मनाई जाएगी इंदिरा एकादशी/ Indira Ekadashi एकादशी तिथि प्रारंभ : 20 सितम्बर, रात्रि 09:26 से एकादशी तिथि समाप्त : 21 सितम्बर, रात्रि 11:34 तक इंदिरा एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त : 21 सितम्बर, प्रातः 06:09 से सुबह 09:11 तक इंदिरा एकादशी पारण मुहूर्त: 22 सितम्बर, प्रातः 06:09 से सुबह 08:35 तक पितृ आत्माओं की शांति के लिए यह व्रत होता है बहुत ही महत्वपूर्ण इस एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु के साथ पितरों की मिलती है कृपा इस एकादशी का व्रत रखने से पितृ दोष/ Pitra Dosha से मिलता है छुटकारा इस एकादशी का व्रत रखने से होती है सुख, शांति व समृद्धि की प्राप्ति इस एकादशी का व्रत/ Ekadashi Vrat रखने से प्राप्त होता है उत्तम संतान सुख इस एकादशी पर तुलसी वृक्ष का पूजन करने से दूर होती है आर्थिक तंगी इंदिरा एकादशी पर पीपल वृक्ष की पूजा करने से पितृ आत्माओं को मिलती है शांति यदि आप इंदिरा एकादशी पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे याअपनी राशि का दैनिक राशिफल/

Pitru Dosha - श्राद्ध पक्ष में अपनी राशि के अनुसार कीजिए दान

Pitru Dosha 2022: 10 सितम्बर से शुरू होगा श्राद्ध पक्ष और 25 सितम्बर को होगी समाप्ति । पितृ पक्ष के दौरान दान करने का बहुत अधिक महत्व। इस पितृ पक्ष/ Pitra Paksha पर अपनी राशि अनुसार इन वस्तुओं का करें दान मेष व वृश्चिक राशि/ Scorpio Horoscope वालों को करना चाहिए लाल वस्त्र व लाल मसूर का दान वृषभ व तुला राशि वालों को करना चाहिए क्रीम रंग के वस्त्र, दही, चीनी व मिश्री का दान मिथुन व कन्या राशि/ Virgo Horoscope वालों को करना चाहिए हरे रंग के वस्त्र व हरी मूंग का दान कर्क राशि वालों को करना चाहिए दूध, चावल, सफ़ेद वस्त्र व आटे का दान सिंह राशि वालों को करना चाहिए गेहूं, गुड़ व भगवा वस्त्रों का दान मकर व कुंभ राशि/ Aquarius Horoscope वालों को करना चाहिए काली उड़द, काला वस्त्र लौह सामग्री व जूते चप्पल का दान धनु व मीन राशि वालों को करना चाहिए हल्दी, पीले वस्त्र, पीले चने की दाल व केसर का दान यदि आप श्राद्ध पक्ष/ S hradh Paksha मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढने के लिए यहा क्लिक करें।

सितंबर महीने में बन रहा है धन बरसाने वाला लक्ष्‍मी नारायण योग

Laxmi Narayan Yog: सितंबर महीने में बुध शुक्र की युति/ Venus Mercury Conjunction से बनने वाला है लक्ष्मी नारायण योग। लक्ष्मी नारायण योग से इन राशि वालों की चमकेगी किस्‍मत मेष राशि वालों को लक्ष्मी नारायण योग से लाभ मेष राशि/ Aries Horoscope के लोगों को व्यापार में लाभ मिलेगा नई नौकरी का प्रस्ताव आ सकता है अविवाहितों का विवाह पक्का हो सकता है मिथुन राशि वालों को लक्ष्मी नारायण योग से लाभ मिथुन राशि/ Gemini Horoscope के लोगों के अटके काम पूरे होंगे नौकरी करने वाले लोगों को लाभ होगा, काम की तारीफ होगी आय बढ़ेगी और व्यापारियों का मुनाफा बढ़ेगा कर्क राशि के लोगों को लक्ष्मी नारायण योग से लाभ कर्क राशि के लोगो को करियर में होगा लाभ/ Career Growth as per astrology धन लाभ होने के है संकेत संपत्ति बेचने व खरीदने का है उत्तम समय कन्या राशि के लोगों को लक्ष्मी नारायण योग से लाभ कन्या राशि/ Virgo Horoscope वालों को किस्मत का मिलेगा पूरा साथ भूमि-संपत्ति से होगा लाभ आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलेगी धनु राशि के लोगों को लक्ष्मी नारायण योग से लाभ धनु राशि वालों की आय में बढ़ोतरी होगी अटका हुआ पैसा

Pitru Paksha 2022 - पितृ अमावस्या पर करें ये दान

Pitra Paksha 2022: पितृ पक्ष में पितरों के नाम से इन चीजों का करें दान, मिलेगा सुख और शांति। शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष/ Pitra Paksha में पितरों का श्राद्ध करने से वे प्रसन्न होते हैं और पितरों की आत्मा को तृप्ति मिलने के साथ-साथ खुद का भी कल्याण होता है। पितरों के पहनने योग्य धोती, कुर्ता, गमछा आदि दान करें। इस दौरान जूते, चप्पल,छाते का भी दान भी शुभ माना गया है। पितृ पक्ष में भोजन का दान सबसे महान दान माना जाता है। श्राद्ध पक्ष में किया गया गाय का दान सुख और धन-संपत्ति देने वाला माना गया है। श्राद्ध में गाय का घी एक पात्र में रखकर दान करना परिवार के लिए शुभ माना जाता है। अन्नदान में गेहूं, चावल का दान करना चाहिए। श्राद्ध पक्ष में किसी कमजोर या गरीब व्यक्ति को भूमि का दान करें। सोने का दान कलह का नाश करता है अगर सोने का दान संभव न हो तो चांदी का दान करें। पितरों की प्रसन्नता के लिए नमक का दान बहुत महत्व रखता है यदि आपकी कुंडली में है पितृ दोष/ Pitra Dosha और आप पना चाहते है पितृ दोष से मुक्ति का उपाय या पितृ पक्ष शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग / Today's Panchang

Janmashtami 2022 - 18 या 19 अगस्त? कब है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

J anmashtami: भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है श्री कृष्ण जन्माष्टमी। इस वर्ष 18 अगस्त को रखा जाएगा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत/ Krishna Janmashtami इस पवित्र दिन पर जगतगुरु भगवान श्रीकृष्ण की करी जाती है पूजा। शास्त्रों के अनुसार अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र/ Rohini Nakshatra में हुआ था भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि प्रारंभ: 18 अगस्त, रात्रि 09:21 से. अष्टमी तिथि समाप्त: 19 अगस्त, रात्रि 10:59 तक. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी निशीथ काल शुभ पूजा मुहूर्त: 18 अगस्त, रात्रि 00:03 से 19 अगस्त रात्रि 00:47 तक इस पर्व पर बड़े धूमधाम व विधि-विधान से की जाती है बाल-गोपाल की पूजा। न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी रहती है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम इस दिन भगवान कृष्ण के बाल-गोपाल रूप को भक्त झुलाते हैं झूला भक्तगण इस पर्व पर पूरी रात गाते हैं भगवान कृष्ण के भजन इन पर्व पर प्रेम व आनंद के देवता भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करने से बढ़ता है दांपत्य प्रेम श्री कृष्ण जन्माष्टमी कहलाती है व्रतराज क्योंकि इसे माना जाता है सभी व्रतों का राजा घोर से घोर संकट टाल देता है श्री कृ

Raksha Panchami - जानें रक्षा पंचमी तिथि, पूजा विधि और महत्व

Raksha Panchami Date: रक्षा पंचमी पर श्री भैरवनाथ की इस तरह कीजिए आराधना। शर्तिया मिटेंगे आपके सभी कष्ट व पूर्ण होगी समस्त मनोकामना। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाएगी रक्षा पंचमी/ Raksha Panchami, इस वर्ष 16 अगस्त को मनाई जाएगी रक्षा पंचमी पंचमी तिथि प्रारंभ : 15 अगस्त, रात्रि 09:02 से पंचमी तिथि समाप्त : 16 अगस्त, रात्रि 08:17 तक रक्षा पंचमी शुभ पूजा मुहूर्त : 16 अगस्त, रात्रि 11:04 से 17 अगस्त, रात्रि 00: 25 तक रेखा पंचमी व शांति पंचमी के नाम से भी प्रसिद्ध है यह पर्व मुख्य रूप से भारत के उड़ीसा राज्य में पूरी धूमधाम से मनाया जाता है यह पर्व रक्षाबंधन/ Raksha Bandhan पर रक्षा सूत्र बंधवाने में असमर्थ लोग इस दिन बंधवाते हैं राखी भगवान शिव के पंचम रुद्रावतार श्री भैरव नाथ को समर्पित है यह त्यौहार श्री भैरव जी हैं एक बहुत ही शक्तिशाली, प्रचंड व उग्र देवता  रक्षा पंचमी पर ऐसे करें श्री भैरवनाथ जी की पूजा संध्याकाल में स्नान करके घर के मंदिर की सफाई करें भगवान श्री भैरव जी की प्रतिमा को काले तिल मिश्रित कच्चे दूध से स्नान कराएं इसके बाद उन्हें एक गेंदे के पुष्प क

Kajari Teej 2022 - भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया

Teej Festival:  भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है कज्जली तृतीया। कजरी तीज/ Kajali Teej , बूढ़ी तीज व सातूड़ी तीज के नाम से भी प्रसिद्ध है यह पर्व। इस वर्ष 14 अगस्त को मनाई जाएगी कज्जली तृतीया तृतीया तिथि आरंभ : 14 अगस्त, रात्रि 00:54 से तृतीया तिथि समाप्त: 14 अगस्त, रात्रि 10:36 तक कज्जली तृतीया शुभ पूजा मुहूर्त: 14 अगस्त, प्रातः 09:08 से दोपहर 12:26 तक उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है यह पर्व   माँ पार्वती ने इस व्रत के प्रभाव से भोलेनाथ को पति रूप में किया था प्राप्त इसलिए इस व्रत में शिव-पार्वती की मुख्य रूप से की जाती है पूजा-अर्चना सुहागिन महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा व पति की दीर्घायु के लिए रखती है यह व्रत कई स्थानों में कुंवारी कन्याएं भी उत्तम वर की प्राप्ति हेतु रखती है यह व्रत कुछ स्थानों पर निर्जला रखा जाता है कज्जली तृतीया का व्रत/ Kajrai Teej Vrat सुहागिन महिलाएं झूला झूलकर अपनी खुशियों को करती है व्यक्त कज्जली तीज पर ढ़ोलक, मंजीरे आदि के साथ गाए जाते हैं लोक गीत इस दिन गेहूं, जौ व चने के सत्तू में घी मि

Bhoum Pradosh Vrat - सावन में कब है दूसरा प्रदोष व्रत?

Pradosh Vrat 2022: हर महीने के शुक्ल व कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है प्रदोष व्रत। इस दिन की जाती है देवों के देव महादेव व माता पार्वती की पूजा। मंगलवार व प्रदोष व्रत/ Pradosh Vrat का संयोजन कहलाता है भौम प्रदोष व्रत। 09 अगस्त को रखा जाएगा भौम प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 09 अगस्त, शाम 05:46 से त्रयोदशी तिथि समाप्त: 10 अगस्त, दोपहर 02:16 तक. भौम प्रदोष व्रत शुभ पूजा मुहूर्त: शाम 07:06 से रात्रि 09:14 तक हर तरह के कर्जे से छुटकारा दिलाता है भौम प्रदोष व्रत भौम प्रदोष व्रत रखने से प्राप्त होती है आर्थिक समृद्धि इस दिन श्री हनुमान जी की पूजा से दूर होता है अशुभ मंगल दोष/ Mangalik Dosha इस दिन भगवान शिव व श्री हनुमान जी की चालीसा से मिलती है ऋणों से मुक्ति  भौम प्रदोष व्रत पर मंगल देव के 21 या 108 नामों का पाठ करने से मिलता है कर्ज से छुटकारा यदि आप अन्य किसी व्रत की जानकारी अथवा आज का पंचांग / Today's Panchang पढना चाहते है तो इस लिंक पर क्लिक करें