Janmashtami: भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है श्री कृष्ण जन्माष्टमी। इस वर्ष 18 अगस्त को रखा जाएगा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत/Krishna Janmashtami इस पवित्र दिन पर जगतगुरु भगवान श्रीकृष्ण की करी जाती है पूजा। शास्त्रों के अनुसार अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र/Rohini Nakshatra में हुआ था भगवान कृष्ण का जन्म
अष्टमी तिथि प्रारंभ: 18 अगस्त, रात्रि 09:21 से.
अष्टमी तिथि समाप्त: 19 अगस्त, रात्रि 10:59 तक.
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी निशीथ काल शुभ पूजा मुहूर्त: 18 अगस्त, रात्रि 00:03 से 19 अगस्त रात्रि 00:47 तक
इस पर्व पर बड़े धूमधाम व विधि-विधान से की जाती है बाल-गोपाल की पूजा।
न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी रहती है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम
इस दिन भगवान कृष्ण के बाल-गोपाल रूप को भक्त झुलाते हैं झूला
भक्तगण इस पर्व पर पूरी रात गाते हैं भगवान कृष्ण के भजन
इन पर्व पर प्रेम व आनंद के देवता भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करने से बढ़ता है दांपत्य प्रेम
श्री कृष्ण जन्माष्टमी कहलाती है व्रतराज क्योंकि इसे माना जाता है सभी व्रतों का राजा
घोर से घोर संकट टाल देता है श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत
श्री जन्माष्टमी का व्रत रखने से दूर होते हैं चंद्र ग्रह के दोष
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखने से दूर होती है वैवाहिक समस्याएं
श्री कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखने से घर में आती है सुख-समृद्धि
निसंतान दंपतियों के लिए एक वरदान है ये व्रत
इस व्रत को रखने से पूर्ण होती है प्रेम विवाह/Love Marriage Prediction करने की मनोकामना
इस व्रत को रखने से हो जाता है चट मंगनी पट ब्याह
पुजा शुभ मुहूर्त और विधि जाननें के लिए आज का पंचाग/Today's Panchang पढने के लिए इस लिंक पर क्लिक्क करें इस लिंक पर क्लिक करें
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