Vaikuntha Chaturdashi: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है वैकुण्ठ चतुर्दशी। इस वर्ष 06 नवंबर को मनाई जाएगी वैकुण्ठ चतुर्दशी
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 06 नवंबर, शाम 04:29 से चतुर्दशी तिथि समाप्त: 07 नवंबर, शाम 04:16 तक वैकुण्ठ चतुर्दशी शुभ पूजा मुहूर्त: 06 नवंबर, सुबह 09:21 से दोपहर 12:04 तकइस पवित्र दिन पर व्रत रखकर करते हैं भगवान शिव व विष्णु जी की पुजा
श्री विष्णु जी चातुर्मास/Chaturmas तक सृष्टि का पूरा कार्यभार भगवान शिव को सौंपकर करते हैं विश्राम
देवउठनी एकादशी/Dev Uthani Ekadashi पर जागने के बाद शिवजी की भक्ति में लग जाते हैं श्री हरि विष्णु
इस पवित्र दिन पर श्राद्ध व तर्पण करना होता है कल्याणकारी
एक बार विष्णु जी एक हजार कमल पुष्पों से भगवान शिव के पूजन का संकल्प किया।
भगवान शिव ने श्री विष्णु जी की परीक्षा लेने के लिए एक पुष्प कम कर दिया।
पुष्प कम होने पर भगवान विष्णु ने अपने कमलनयन नेत्र को ही पूजन में अर्पित करने लगे.
भगवान शिव उनकी भक्ति से बहुत प्रसन्न हुए.
उन्होंने प्रकट होकर कहा कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी वैकुण्ठ चौदस के नाम से जानी जाएगी।
इस दिन जो विधिपूर्वक भगवान विष्णु की पूजा करेगा उसे वैकुण्ठ लोक की प्राप्ति होगी।
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