Holika Dahan 2022: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस होलिका दहन पर बन रहा है गजकेसरी योग।
क्या है गजकेसरी योग और क्यों है यह इतना शुभ?
एक व्यक्ति की कुंडली में अनेक तरह के योग होते हैं, जिनमें से एक योग का नाम गजकेसरी योग है।
किसी भी कुंडली में अगर गुरु और चंद्रमा एक दूसरे से परस्पर केंद्र भावों (1, 4, 7, 10 भाव) में या एक दूसरे की युति में हो तथा दोनों ही बलवान स्थिति में हों, अस्त, नीच, शत्रु राशि या त्रिक स्थानों (6, 8, 12 भाव) में न हों, नवांश आदि कुंडलियों में अपनी नीच राशियों में न हों तो यह ग्रह स्थिति गजकेसरी योग/Gajkesari Yoga कहलाती है।
बलवान गुरु व चंद्र ग्रह की परस्पर केंद्र स्थिति से बनने वाले इस योग में हाथी व सिंह के समान शक्ति छिपी होती है इसलिए ज्योतिष के क्षेत्र में इस योग को अत्यंत शक्तिशाली योग माना जाता है जो राजयोग देता है। किसी भी व्यक्ति को यह योग सफलता की बुलंदियों पर पहुंचा सकता है, इसलिए इस योग/Yoga को इतना शुभ माना गया है। इस योग के फलस्वरूप व्यक्ति विनम्र, गुणी, शिक्षित, ज्ञानी व विवेकी होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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