Skip to main content

Posts

Showing posts with the label Hindu Festivals

Guru Purnima Festival - गुरु पूर्णिमा आषाढ़ का पर्व कब है

Guru Purnima 2022: आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है गुरु पूर्णिमा। गुरु व शिष्य के पवित्र संबंधों का पर्व है गुरु पूर्णिमा/ Guru Purnima इस वर्ष 13 जुलाई को मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा गुरु पूर्णिमा पूजन मुहूर्त : प्रातः 07:16 से सुबह 08:59 तक इस दिन हुआ था महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास जी का जन्म, इसलिए व्यास पूर्णिमा के नाम से भी प्रसिद्ध है गुरु पूर्णिमा। वेदों को विभाजित करने वाले व 18 पुराणों के रचयिता महर्षि वेदव्यास जी को माना जाता है जगत के प्रथम गुरु। गुरु पूर्णिमा पर महर्षि वेदव्यास जी की पूजा होती है बेहद कल्याणकारी। इस पवित्र दिवस पर गुरु के पूजन से मिलता है अनंत कोटि पुण्य फलो का लाभ। इस पर्व पर श्री विष्णु जी व माता लक्ष्मी जी के पूजन से पूर्ण होती है मनोकामनाएं। यदि आप किसि अन्य त्योहार/ Festivals या अपनी राशि का दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढना चाहते है तो इस लिंक पर क्लिक करें।

Vastu Tips - अगर होना चाहते हैं मालामाल तो करें ये काम

Dhan Prapt ke Upay: अगर होना चाहते हैं मालामाल तो, रोटी बनाते हुए करें ये काम हिंदू धर्म में आर्थिक लाभ के लिए मां लक्ष्मी का पूजा की जाती है, मां लक्ष्मी की कृपा से आर्थिक तंगी दूर होती है। इन 5 उपायों को करने से बनी रहेगी माँ लक्ष्मी की कृपा 1. पक्षियों को डाले दाना रोज पक्षियों को दाना डालने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है 2. लौंग पूजा करते समय सरसों के तेल का दीपक जलाए और इसमे एक लौंग डाल दें Daily Horoscope : चंद्र राशि अनुसार आप यहा से अपनी राशि का दैनिक राशिफल पढे 3. तवे पर डाले दूध के छींटे घर में बरकत के लिए रोज रोटी बनाने से पहले तवे पर दूध के छींटे डाले 4. तुलसी में करें दूध का उपयोग गुरुवार को नियमित रूप से तुलसी में दूध अर्पित करें Daily Panchnag : शुभ मुहुर्त, नक्षत्र, राहु काल और अन्य जानकारी के लिऐ आज का पंचांग पढे 5. कपूर घर में नियमित रूप से कपूर जलाने से नेगेटिव एनर्जी खत्म होगी यदि आप वास्तु शास्त्र/ Vastu Tips अथवा हिंदू अनुष्ठान/ Hindu Rituals की जानकरी प्राप्त करने के लिऐ निचे दिऐ गऐ लिंक पर क्लिक करें

Vaibhav Laxmi Vrat - वैभव लक्ष्मी व्रत में कुछ खास नियमों का रखे ध्यान

Vaibhav Lakshmi Vrat: वैभव लक्ष्मी व्रत करने से हर मनोकामना होगी पूर्ण, लेकिन इन चीजों के बिना अधूरी रहेगी पूजा। हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी माना गया है। लक्ष्मी माता के अलग अलग स्वरूपों जैसे गज लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी और वैभव लक्ष्मी को पुजते है। मान्यता है कि शुक्रवार/ Friday Fast के दिन मां वैभव लक्ष्मी की पूजा और व्रत करने से धन, शिक्षा, व्यापार आदि सभी से जुड़ी मनोकामनाओं पुर्ण होती है। लेकिन इस व्रत में कुछ खास नियमों का रखे ध्यान मां वैभव लक्ष्मी का व्रत पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव से करे व्रत की विधि प्रारंभ करने से पूर्व लक्ष्मी स्तवन का पाठ करें व्रत शुरू करने से पहले 11 या 21 शुक्रवार तक व्रत रखने का संकल्प ले मां वैभव लक्ष्मी के व्रत में सफेद मीठी चीज का भोग लगाएं वैभव लक्ष्मी की तस्वीर के सामने मुट्ठी भर चावल रखकर उस पर पानी से भरा कलश स्थापित करें और कलश के ऊपर कटोरी रखकर उसमें कोई सोने या चांदी का आभूषण रखे यदि आप किसि अन्य व्रत व त्योहार/ Festivals का जानकारी प्राप्त करना चाहते है या आज का पंचांग / Today's Panchnag पढना चाहते है तो इस लिंक पर क्लिक करे

Hindu Rituals - आर्थिक तंगी से रहते हैं परेशान तो करें ये उपाय

Hindu Rituals : आर्थिक तंगी से रहते हैं परेशान? तो घर के आसपास लगाएं ये पौधे जीवन में हर इंसान चाहता है कि उसे अच्छा स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि हासिल हो लेकिन मनचाही चीज सबको हासिल नहीं हो पाती आज हम आपको पौधों से जुड़ा वह उपाय बताने जा रहे हैं, जिससे मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी 1. घर के बाहर लगाएं केला और बेल पत्र का पौधा केले को भगवान विष्णु का प्रिय माना जाता है और मां लक्ष्मी उनकी अर्धांगिनी हैं बेलपत्र का पौधा भगवान शिव का प्रिय माना जाता है Health Prediction by birth chart : जन्म पत्रिका की सहायता से जानें अपनी स्वास्थ्य समस्या 2. मेन गेट के पास लगाए अनार मुख्य द्वार के दाहिनी ओर लगाए अनार का पौधा ऐसा करने से मां लक्ष्मी और धनकुबेर आपके दरवाजे पर खिंचे चले आते हैं 3. घर में शमी प्लांट या मनी प्लांट से आती है बरकत शमी का पौधा मेन गेट पर लगाए जिससे मां लक्ष्मी की आप पर हमेशा प्रसन्न रहेगी Daily Financial Horoscope : दैनिक राशिफल के साहयता से जानें अपना दैनिक आर्थिक राशिफल यदि आप अपनी  साप्ताहिक राशिफल / Weekly Horoscope पढना चाहते है तो निचे दिऐ गऐ लिंक पर क्लिक करें।

What will be the impact of Chaitra Navratri on your sign?

Chaitra Navratri, also called Vasant Navratri, coincides with the spring season. The festival starts with a ritual called Ghatasthapana on the first day (Pratipada Tithi of Chaitra), Shukla Paksha (waxing phase of the moon). Interestingly, it then concludes with Ram Navami , a day marking the birth of Shri Rama, followed by Parana on Dashami Tithi. Navratri has a special significance in Hinduism. According to astrology, the new year of the Hindu calendar Samvat begins with Chaitra Navratri. On these auspicious nine days of Navratri, various forms of Maa Durga are worshipped. Hindu Panchnag experts say that during Chaitra Navratri , Saturn and Mars will be in Capricorn. Both Saturn and Mars are hostile planets, so this combination can have very negative effects on life. Let us find what would be the impact of Chaitra Navratri on each sign. Aries : Chaitra Navratri will boost your self-confidence. You will get an appreciation for your work at your workplace. There are chances of be

Gudi Padwa: चैत्र मास की शुक्ल पक्ष को गुड़ी पड़वा पर्व मनाया जाएगा

Gudi Padwa 2022: यह गुड़ी पड़वा है सबसे खास! जानें क्यों है खास? इस गुड़ी पड़वा 2022/ Gudi Padwa 2022 में ग्रहण योग बन रहा है। राहु पहले से ही मेष राशि में/ Rahu Enter in Aries विरजमान है और इसके बाद चंद्रमा सुबह 11:21 पर मेष राशि में प्रवेश करेंगे जो ग्रहण योग बनाएगा। जानें क्या होगा इसका प्रभाव? और किन राशियों पर होगा इसका असर आत्मविश्वास डगमगाया इच्छा शक्ति कमजोर होगी मानसिक अशांति व बेचैनी रहेगी मानसिक विकार, भावनात्मक समस्याएं रहेगी मेष और तुला राशि ( Libra Daily Horoscope ) पर पड़ेगा इसका सबसे ज्यादा प्रभाव यदि आप अपने राशि का दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढना चाहते है तो यहा क्लिक करें।

Gudi Padwa: चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा पर्व मनाया जाएगा

Gudi Padwa: गुड़ी पड़वा त्यौहार 2 अप्रैल 2022 को मनाया जाएगा। यह गुड़ी पड़वा / Gudi Padwa है सबसे खास! जानें क्यों है यह खास? इस गुड़ी पड़वा 2022 में ग्रहण योग बन रहा है। इस दिन राहु पहले से ही मेष राशि में/ Rahu in Aries होंगे और इसके बाद चंद्रमा सुबह 11:21 पर मेष राशि में प्रवेश करेंगे जो ग्रहण योग बनाएगा। जानें क्या होगा इसका प्रभाव? और किन राशियों पर होगा इसका असर मेष राशि मानसिक शांति भंग हो सकती है स्वास्थ्य प्रतिकूल रहने के संकेत हैं पारिवारिक कलह या विवाद होने की संभावना है प्रेम व वैवाहिक जीवन में मनमुटाव हो सकता है तुला राशि मानसिक बेचैनी बढ़ने के आसार हैं नौकरी या बिजनेस ( Job or Business as per date of birth ) में नकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं नौकरी से हाथ धो सकते हैं. बने-बनाए काम बिगड़ने के संकेत हैं प्रेम व वैवाहिक जीवन में झगड़े होने की संभावना है यदि आप अपने राशि का दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढना चाहते है तो यहा क्लिक करें।

Holi 2022 | होली । Holika Dahan | होलिक दहन । Holi Utsav | Holi Festival

Holi 2022: कब है होली? जानें तिथि व होलिका दहन का शुभ मुहूर्त फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन/ Holika Dahan होता है। अगले दिन होली का त्योहार रंगों/ Festivals of Colors के साथ मनाया जाता है। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त: होलिका दहन तिथि - 17 मार्च (सोमवार) होलिका दहन शुभ मुहूर्त- रात 9 बजकर 20 मिनट से देर रात 10 बजकर 31 मिनट तक। होली - 18 मार्च (मंगलवार) होली/ Holi से 8 दिन पहले यानी 10 मार्च से होलाष्टक लग जाएगा। इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही होती है। यदि आप अपनि राशि कि दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढना चाहते है तो इस लिंक पर क्लिक करें।

Mahashivratri 2022 | Mahashivratri Festival | महाशिवरात्रि । Conjunction of Planet

Maha Shivratri: भारतीय ज्योतिष में ग्रहों के गोचर को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. ग्रहों के राशि परिवर्तन/ Planetary Transit का प्रभाव न केवल किसी व्यक्ति के निजी जीवन पर पड़ता है बल्कि समस्त विश्व और संसार पर पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मार्च 2022 बेहद खास रहने वाला है। क्या है पांच ग्रहों की महायुति? मार्च माह में मकर राशि में पांच ग्रहों की एक साथ दुर्लभ युति होने जा रही है जिसे पंच ग्रह युति योग भी कहते हैं। 1 मार्च 2022 यानी महाशिवरात्रि पर्व/ Mahashivrtrai Festival के शुभ अवसर पर पांच ग्रहों की एक बेहद दुर्लभ युति हो रही है. इस दिन न्याय के देवता शनिदेव की राशि मकर में पांच ग्रहों की पंचायत जमा हो रही है जिसमें चंद्रमा, मंगल, बुध, शुक्र और शनि एक साथ मिलकर पंच ग्रह युति योग बनाएंगे. इसका सबसे ज्यादा असर मकर राशि/ Capricorn Horoscope पर पड़ेगा। इस महाशिवरात्रि अवसर पर आप शिवलिंग पर जल और दूध से अभिषेक करें तो आपकी सारे कष्ट दुर हो जाऐगें।

Holi 2022: कब है होली? जानें तिथि व होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

Holi 2022: फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन होता है। अगले दिन होली का त्योहार / Holi Festival रंगों के साथ मनाया जाता है। आइये जानते हैं क्या है होलिका दहन का शुभ मुहूर्त। होलिका दहन तिथि - 17 मार्च (सोमवार) होलिका दहन शुभ मुहूर्त- रात 9 बजकर 20 मिनट से देर रात 10 बजकर 31 मिनट तक होली - 18 मार्च (मंगलवार) होली से 8 दिन पहले यानी 10 मार्च से होलाष्टक लग जाएगा। इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही होती है। होलाष्टक के दिन से होली की तैयारी शुरू हो जाती है। कैसे किया जाता है होलिका दहन? होलिका दहन/ Holika Dahan वाली जगह पर कुछ दिनों पहले एक सूखा पेड़ रख दें। होलिका दहन के दिन उस पर लकड़ियां, घास और उपले रख दें। शुभ मुहूर्त में परिवार के किसी वरिष्ठ सदस्य से अग्नि प्रज्वलित कराएं। होली से जुड़ी पौराणिक कथा होली /Holi 2022 से जुड़ी अनेक कथाएं इतिहास-पुराण में पाई जाती हैं। इसमें हिरण्यकश्यप और भक्त प्रहलाद की कथा सबसे लोकप्रिय है। यदि आपको होली से जुड़ी अन्य पौराणिक कथाओं को पढ़ना है, अथवा आप अपनी दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढना चाहते है तो इस लिंक पर क्लिक क

Rangbhari Ekadashi 2022: कब है रंगभरी एकादशी | तिथि, और पूजा मुहूर्त

  Rangbhari Ekadashi 2022: भारत एक ऐसा देश है जहां पर भिन्न भिन्न प्रकार के व्रत और पर्व मनाए जाते हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार , फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रंगभरी एकादशी मनाई जाती है। कुछ छेत्रों में इसे आमलकी एकादशी / Amalaki Ekadashi भी कहते हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह एक मात्र ऐसी एकादशी है , जिसका सीधा संबंध भगवान शिव / Lord Shiva से होता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा काशी विश्वनाथ की नगरी वाराणसी में होती है। इस दिन बाबा विश्वनाथ माता पार्वती के साथ नगर भ्रमण करते हैं और पूरी नगरी लाल गुलाल से रंग में रंग जाती है। इस दिन भोलेनाथ का स्वरुप देखकर हर शिव भक्त आनंदित हो उठते हैं। आइए जानते हैं रंगभरी एकादशी / Rangbhari Ekadashi की तिथि , पूजा मुहूर्त एवं महत्व। रंगभरी एकादशी तिथि एवं मुहूर्त पंचांग के अनुसार , इस साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 13 मार्च दिन रविवार को सुबह 10 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी। इस तिथि का समापन 14 मार्च दिन सोमवार को दोपहर 12 बजकर 05 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार , रंगभरी एकादशी 14 मार्च

Maha shivratri | Mahashivratri 2022 | Mahashivratri Festival | Maha Shivratri 2022

Maha Shivratri 2022 : फाल्गुन की कृष्ण चतुर्दशी पर देवों के देव महादेव का पर्व महाशिवरात्रि मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से सौभाग्य में वृद्धि होती है और इसके साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इसके अलावा इस दिन रुद्राभिषेक करने से जीवन के कष्ट दूर हो जाते हैं और आपकी सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है। चलिए जानते हैं, इस बार महाशिवरात्रि पर किसी मुहूर्त और कैसे पूजा करने से हो सकती है सभी मनोकामनाएं पूर्ण। पूजन के लिए शुभ मुहूर्त/ Mahashivratri 2022 Shubh Muhurat पहले प्रहर की पूजा - 1 मार्च, 2022 शाम 6 बजकर 21 मिनट से रात्रि 9 बजकर 27 मिनट तक दूसरे प्रहर की पूजा - 1 मार्च रात्रि 9 बजकर 27 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तक तीसरे प्रहर की पूजा - 1 मार्च रात्रि 12 बजकर 33 मिनट से सुबह 3 बजकर 39 मिनट तक चौथे प्रहर की पूजा - 2 मार्च सुबह 3 बजकर 39 मिनट से 6 बजकर 45 मिनट तक पारण समय - 2 मार्च, बुधवार 6 बजकर 45 मिनट के बाद Holi 2022 : जानें तिथि, महत्व और होली के रंगों के साथ भगवान कृष्ण का संबंध महाशिवरात्रि पूजा विधि/Maha Shivratri 2022 Puja Vidhi महाशिवरात्रि के दिन सबसे

Maha Shivratri 2022: कब है महाशिवरात्रि? जानें मुहूर्त पर और पूजा की विधि

Mahashivratri 2022 : फाल्गुन की कृष्ण चतुर्दशी पर देवों के देव महादेव का पर्व महाशिवरात्रि मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से सौभाग्य में वृद्धि होती है और इसके साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि आती है इसके अलावा इस दिन रुद्राभिषेक करने से जीवन के कष्ट दूर हो जाते हैं और आपकी सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है। चलिए जानते हैं, इस बार महाशिवरात्रि पर किसी मुहूर्त और कैसे पूजा करने से हो सकती है सभी मनोकामनाएं पूर्ण। महाशिवरात्रि जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें 2022 में महाशिवरात्रि के लिए शुभ तिथि का आरंभ 1 मार्च, मंगलवार के दिन सुबह 3 बजकर 16 मिनट से होगा। वहीं चतुर्दशी तिथि का समापन 2 मार्च, बुधवार के दिन सुबह 10 बजे होगा। यह भी पढे: Which temples in India host Shivratri ? पूजन के लिए शुभ मुहूर्त/Mahashivratri 2022 Shubh Muhurat पहले प्रहर की पूजा - 1 मार्च, 2022 शाम 6 बजकर 21 मिनट से रात्रि 9 बजकर 27 मिनट तक दूसरे प्रहर की पूजा - 1 मार्च रात्रि 9 बजकर 27 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तक तीसरे प्रहर की पूजा - 1 मार्च रात्रि 12 बजकर 33 मिनट से सुबह 3 बजकर 39 मिनट तक चौथे प्रहर की पूजा - 2 म

Holika Dahan: इस होली दहन पर बन रहा है सबसे अच्छा योग जो ला सकता है खुशियों की सौगात

Holika Dahan 2022 : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस होलिका दहन पर बन रहा है गजकेसरी योग। क्या है गजकेसरी योग और क्यों है यह इतना शुभ? एक व्यक्ति की कुंडली में अनेक तरह के योग होते हैं, जिनमें से एक योग का नाम गजकेसरी योग है। किसी भी कुंडली में अगर गुरु और चंद्रमा एक दूसरे से परस्पर केंद्र भावों (1, 4, 7, 10 भाव) में या एक दूसरे की युति में हो तथा दोनों ही बलवान स्थिति में हों, अस्त, नीच, शत्रु राशि या त्रिक स्थानों (6, 8, 12 भाव) में न हों, नवांश आदि कुंडलियों में अपनी नीच राशियों में न हों तो यह ग्रह स्थिति गजकेसरी योग/ Gajkesari Yoga कहलाती है। बलवान गुरु व चंद्र ग्रह की परस्पर केंद्र स्थिति से बनने वाले इस योग में हाथी व सिंह के समान शक्ति छिपी होती है इसलिए ज्योतिष के क्षेत्र में इस योग को अत्यंत शक्तिशाली योग माना जाता है जो राजयोग देता है। किसी भी व्यक्ति को यह योग सफलता की बुलंदियों पर पहुंचा सकता है, इसलिए इस योग/ Yoga को इतना शुभ माना गया है। इस योग के फलस्वरूप व्यक्ति विनम्र, गुणी, शिक्षित, ज्ञानी व विवेकी होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि आप गजकेसरी योग या होली/ Holi

Maha Shivratri: Top temples in India that host the Holy Shivratri

Maha Shivratri : यह नहीं देखा तो क्या देखा – आखिर कौन से एसे 5 मंदिर है जो महाशिवरात्रि के पर्व के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में काशी कॉरिडोर/ Kashi Corridors बन कर तैयार हुआ है। तभी से महाशिवरात्रि पर धूम धड़ाके की उम्मीद की जा रही है। ऐसे में आपको भी पता होना चाहिए कि भारत में कहां कहां धूमधाम से मनाई जाती है महाशिवरात्रि। चलिए जानते हैं कि ऐसे कौन से पांच मंदिर है जो महाशिवरात्रि के पर्व के लिए जाने जाते हैं। मंडी : हिमाचल का एक छोटा सा गाँव है मंडी, जहां महाशिवरात्रि पर मेला लगता है। मंडी का भूतनाथ मंदिर शिव भक्तों के लिए खास आकर्षण लेकर आता है। मंडी गांव में सप्ताह भर चलने वाला मेला संस्कृति और परंपरा से पूर्ण होता है जो विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को आकर्षित करता है। हरिद्वार और ऋषिकेश: उत्तराखंड भक्तों और साधुओं का घर है। जबकि हर की पौड़ी घाट/ Har ki Pauri Ghat मृतकों के दाह संस्कार के लिए जाना जाता है। ऋषिकेश, नीलकंठ महादेव मंदिर का घर है, जहाँ योग के प्रति उत्साही लोग योग साधना में डूबे हुए देखे जाते हैं। वाराणसी : वाराणसी में तिलभांडेश्वर मंदिर अपने अनुष्ठानों

Basant Panchami: बसंत पंचमी के दिन क्यों होती है मां सरस्वती की पूजा?

Basant Panchami 2022 : माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन से वसंत ऋतु की भी होती है शुरुआत। चलिए जानते हैं इस पर्व के महत्व, पूजन विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में। बसंत पंचमी का महत्व : बसंत पंचमी को श्रीपंचमी भी कहा जाता है। यह मां सरस्वती की पूजा का दिन है। इस दिन गृह प्रवेश करना भी शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन कामदेव अपनी पत्नी रति के साथ पृथ्वी पर आते हैं। इसलिए जो पति-पत्नी इस दिन भगवान कामदेव और देवी रति की पूजा करते हैं उनका वैवाहिक जीवन में कभी अड़चनें नहीं आती हैं। क्यों होती है मां सरस्वती की पूजा? हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, ज्ञान देवी मां सरस्वती शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही ब्रह्माजी के मुख से प्रकट हुई थीं। इसलिए बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। इस दिन पूरे विधि विधान से मां सरस्वती की पूजा करने से वो प्रसन्न हो कर और भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। MAHA SHIVARATRI 2022 : जानें तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त और महा शिवरात्रि व्रत का महत्व   कैसे करें मां सरस्वती को प्रसन्न? बसंत

Sakat Chauth: माघ माह में कब है सकट चौथ का व्रत, जानें तिथि, मुहूर्त और समय

Sakat Chauth 2022 :   माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन सकट चौथ का व्रत रखा जाता है। इसे लम्बोदर संकष्टी के नाम से भी जानते हैं। इस दिन गणेश जी की पूजा करने और व्रत आदि रखने से सभी संकटों का नाश होता है। परिवार और संतान की रक्षा के लिए सकट चौथ का व्रत हर साल रखा जाता है।  सकट चौथ के दिन गणेश जी की प्रिय चीज दूर्वा और मोदक उन्हें अर्पित किए जाते हैं। इस दिन व्रत के साथ  संकट  चौथ व्रत कथा, गणेश स्तुति, गणेश चालीसा का पाठ किया जाता है। इसके बाद गणेश जी की आरती की जाती है। संकट चौथ के दिन व्रत रखा जाता है और रात को चंद्रोदय के दर्शन के बाद ही उन्हें जल अर्पित करके व्रत का पारण किया जाता है।  इस बार सकट चौथ का व्रत 21 जनवरी के दिन रखा जाएगा। आइए जानते हैं कब है सकट चौथ, पूजा का शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय क्या है। सकट चौथ 2022 तिथि एवं मुहूर्त पंचांग / Panchang के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 21 जनवरी सुबह 08 बजकर 51 मिनट पर है और अगले दिन 22 जनवरी सुबह 09 बजकर 14 मिनट तक है। इस दिन चंद्रमा का दर्शन चतुर्थी तिथि में 21 जनवरी को ही संभव है, इसलिए सकट चौथ

Nag Panchami 2021

नागपंचमी/ Nag Panchami का पर्व 13 अगस्त शुक्ल पक्ष की पंचमी को है। इस नाग पंचमी में उत्तरा योग और हस्त नक्षत्र का विशेष संयोग बन रहा है। ‘समं सर्वेषु भूतेषु तिष्ठन्तं परमेश्वरम्। ’ इसी को ध्यान में रखकर करें नागों की पूजा। इस पर्व पर ‘ओम कुरुकुल्ये हुं फट् स्वाहा’ का जाप भी शुभ माना गया है। अधिक जानकारी के लिये यहा क्लिक करे: https://www.vinaybajrangi.com/hindi/festivals.php For English click here: https://www.vinaybajrangi.com/festivals.php