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भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को रखा जाता है सूर्य षष्ठी व्रत

Surya Shashti Vrat : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को रखा जाता है सूर्य षष्ठी व्रत इस वर्ष 02 सितम्बर को रखा जाएगा सूर्य षष्ठी व्रत षष्ठी तिथि प्रारंभ: 01 सितम्बर, दोपहर 02:49 से षष्ठी तिथि समाप्त: 02 सितम्बर, दोपहर 01:51 तक सूर्य षष्ठी व्रत शुभ पूजा मुहूर्त : 02 सितम्बर, प्रातः 07:35 से सुबह 10:45 तक सूर्य षष्ठी व्रत पर ऐसे करें सूर्यदेव की पूजा इस दिन प्रातः सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान कर तांबें के लोटे में जल भरकर उसमें लाल चंदन, रोली, गुड़ की डली व गेहूं के दाने मिलाएं और 10 बार सूर्यदेव का मंत्र या गायत्री मंत्र बोलते हुए अर्घ्य अर्पित करें सूर्यदेव की प्रतिमा या तस्वीर पर लाल पुष्पों की माला अर्पित कर धूप व दीप प्रज्वलित करें इसके बाद लाल आसन पर बैठकर श्री आदित्य हृदय स्तोत्र या सूर्य चालीसा का पाठ करें सूर्यदेव के किसी भी मंत्र का करें एक माला (108 बार) जाप अंत में श्री सूर्यनारायण की आरती उतारकर उन्हें कोई भी लाल रंग का भोग अर्पित करें इस व्रत को रखने से दूर होते हैं सूर्य ग्रह से जुड़े सभी दोष इस व्रत को रखने से समस्त रोग नष्ट होकर आरोग्यता की प्राप्त होती है  

Santan Saptami - संतान सप्तमी का व्रत का पुजन कैसे करें

Saptami Vrat 2022:   भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को रखा जाता है मुक्ताभरण सप्तमी व्रत। इस वर्ष 03 सितम्बर को रखा जायेगा ये व्रत। संतान सप्तमी या ललिता सप्तमी के नाम से भी प्रसिद्ध है ये व्रत सप्तमी तिथि प्रारंभ : 02 सितम्बर, दोपहर 01:51 से सप्तमी तिथि समाप्त : 03 सितम्बर, दोपहर 12:28 तक मुक्ताभरण सप्तमी शुभ पूजा मुहूर्त : 03 सितम्बर, प्रातः 07:35 से सुबह 09:10 तक संतान सप्तमी व्रत का ऐसे करें पूजा इस दिन सुबह स्नान कर घर के मंदिर की साफ़-सफाई करें व देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का कच्चे दूध व गंगाजल से अभिषेक करें   अब भगवान विष्णु व शिव-पार्वती जी की प्रतिमा पर पीले व सफ़ेद पुष्पों की माला चढ़ाएं  व श्री हरि विष्णु जी व श्री शिव-पार्वती जी से जुड़ा कोई भी पाठ पढ़ें अंत में आरती उतारकर भोग अर्पित करें मुख्य रूप से सुहागिन महिलाएं रखती हैं ये व्रत इस व्रत/ Vrat को रखने से निसंतान स्त्रियों को होती है संतान सुख की प्राप्ति संतान सप्तमी व्रत पुजा शुभ मुहुर्त जाननें के लिए आज का पंचांग / Today's Panchang पढे अथवा अपनी राशि की दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढने के लिए यहा क

Rishi Panchami Vrat - कब किया जाएगा ऋषि पंचमी व्रत?

Rishi Panchami 2022: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है ऋषि पंचमी। इस वर्ष 1 सितम्बर को मनाई जाएगी ऋषि पंचमी पंचमी तिथि प्रारंभ: 31 अगस्त, दोपहर 03:23 से पंचमी तिथि समाप्त: 1 सितंबर, दोपहर 02:49 तक ऋषि पंचमी शुभ पूजा मुहूर्त: 01 सितम्बर, प्रातः 11:05 से दोपहर 01:37 तक इस पावन पर्व/ Festivals पर किया जाता है सप्त ऋषियों का पूजन ऋषि पंचमी पर ऐसे करें सप्तर्षियों की पूजा इस पावन दिन पर प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें स्नान के पश्चात् घर के मंदिर की अच्छे से साफ़-सफाई करें सभी देवी-देवताओं का गंगा जल से करें अभिषेक सप्तऋषियों की प्रतिमा या तस्वीर पर चढ़ाएं पीले पुष्प की माला इसके बाद दीपक व धूपबत्ती प्रज्वलित करें इसके बाद सप्तऋषियों व देवी अरुंधति की विधि-विधान से करें पूजा-अर्चना अंत में सप्तऋषियों व देवी की आरती उतारकर भोग लगाएं सुहागिन महिलाएं व कुंवारी कन्याओं द्वारा मुख्य रूप से रखा जाता है ये व्रत सुहाग की रक्षा व महिलाओं के सुख-सौभाग्य की वृद्धि करता है ये व्रत इस व्रत/ Vrat को रखने से दूर होती हैं पारिवारिक व आर्थिक समस्याएं इस व्रत को रखने से सुख-समृद्ध

जब चतुर्थी का चंद्र देखने से श्रीकृष्ण पर लगा चोरी का कलंक

Chaurchan 2022: 30 अगस्त को भूलकर भी न करें चंद्रमा के दर्शन। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है कलंक चतुर्थी/ Kalank Chaturthi इस वर्ष 30 अगस्त को मनाई जाएगी कलंक चतुर्थी। चौरचन/ Chourchan , कलंक चौथ व पत्थर चौथ के नाम से भी प्रसिद्ध है यह पर्व चतुर्थी तिथि प्रारंभ : 30 अगस्त, दोपहर 03:33 से चतुर्थी तिथि समाप्त : 31 अगस्त, दोपहर 03:23 तक. कलंक चतुर्थी शुभ पूजा मुहूर्त : 30 अगस्त, प्रातः 09:10 से दोपहर 01:57 तक वर्जित चंद्र दर्शन काल : 30 अगस्त, दोपहर 03:33 से रात्रि 08:40 तक भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि ( Ganesh Chaturthi ) पर चंद्रमा को देखना होता है अशुभ इस दिन चंद्र दर्शन के कारण लग सकता है आप पर मिथ्या कलंक इस दिन चंद्र दर्शन के कारण आने वाले समय में हो सकता है आपका अपमान इस दिन चंद्र दर्शन ( Moon Sign ) के कारण भगवान श्रीकृष्ण पर भी लगा था कलंक चंद्र दर्शन के कारण भगवान श्रीकृष्ण पर भी लगा था मणि चोरी करने का आरोप द्वारकापुरी में सत्राजित नाम का एक सूर्यदेव का भक्त रहता था उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर सूर्यदेव ने उसे एक अमूल्य स्यमंतक मणि प्र

Ganesh Chaturthi - गणेश चतुर्थी पर विघ्नहर्ता की कैसे करें स्थापना

Ganesh Festival 2022 : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है श्री सिद्धिविनायक व्रत। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार इस दिन दोपहर में हुआ था श्री गणेश जी का जन्म। इस वर्ष 31 अगस्त को रखा जायेगा ये व्रत चतुर्थी तिथि प्रारंभ : 30 अगस्त, दोपहर 03:33 से चतुर्थी तिथि समाप्त : 31 अगस्त, दोपहर 03:23 तक सिद्धि विनायक व्रत शुभ पूजा मुहूर्त : 31 अगस्त, प्रातः 11:56 से दोपहर 12:47 तक आर्थिक समस्याओं का अंत करता है श्री सिद्धि विनायक व्रत श्री सिद्धि विनायक व्रत को रखने से दूर होता है  बड़े से बड़ा संकट शिक्षा में आ रही रुकावटों का नाश करता है श्री सिद्धिविनायक व्रत सुख-समृद्धि के द्वार खोल देता है श्री सिद्धिविनायक व्रत घरेलू क्लेश व पारिवारिक अशांति को दूर करता है श्री सिद्धिविनायक व्रत उत्तम विद्या, बुद्धि व ज्ञान प्रदान करता है श्री सिद्धिविनायक व्रत काम-धंधे में आ रही विघ्न बाधाओं को जड़ से समाप्त करता है श्री सिद्धिविनायक व्रत यदि आप गणेश चतुर्थि पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang   देखे या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope पढना चाहते

Haritalika Teej - क्या है हरतालिका तीज व्रत और इसका महत्व?

Haritalika Vrat 2022: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है हरतालिका तीज। इस वर्ष 30 अगस्त को मनाया जाएगा यह पर्व तृतीया तिथि प्रारंभ : 29 अगस्त, दोपहर 03:21 से तृतीया तिथि समाप्त : 30 अगस्त, दोपहर 03:33 तक हरतालिका तीज शुभ पूजा मुहूर्त : 30 अगस्त, प्रातः 05:58 से सुबह 08:31 तक इस दिन की जाती है देवाधिदेव महादेव व माँ पार्वती की पूजा अखंड सुहाग की प्राप्ति के लिए सुहागिन महिलाएं रखती हैं यह व्रत इस दिन विवाहित महिलाएं 16 श्रृंगार करके पति की दीर्घायु के लिए रखती हैं यह व्रत इस दिन व्रत रखने से पूर्ण होती हैं सुहागिनों की संपूर्ण मनोकामनाएं कुंवारी कन्याएं भी मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए रखती हैं यह व्रत निसंतान महिलाओं के लिए भी यह व्रत है एक वरदान इस दिन व्रत रखने से वैवाहिक जीवन ( Marriage Prediction ) में आती है सुख-शांति यदि आप हरतालिका तीज की शुभ पुजा मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग / Today's Panchang देखे या अपनी राशि की दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढना चाहते है तो यहा क्लिक करें।

भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है पोला पर्व

Pola 2022:   भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि/ Amavasya Date 2022 को मनाया जाता है पोला पर्व। इस वर्ष 27 अगस्त को मनाया जाएगा पोला। बैल पोला के नाम से भी प्रसिद्ध है ये पर्व। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक व छत्तीसगढ़ में विशेष रूप से मनाया जाता है ये पर्व। इस दिन कृषक करते हैं गाय व बैलों की पूजा। इस शुभ दिन पर छोटे बच्चे मिट्टी के बैलों का करते हैं पूजन इस दिन बैलों को सजाकर उनकी प्रतियोगिताओं का किया जाता है आयोजन इस दिन बैलों को सजाकर उनकी प्रतियोगिताओं का किया जाता है आयोजन इस शुभ दिन पर स्त्रियां संतान की दीर्घायु के लिए करती है पशुओं की पूजा इस दिन कई स्थानों पर होता है बैल दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन महाराष्ट्रीयन परिवारों में पोला पर्व/ Pola Festival पर घर-घर में बनाई जाती है पूरनपोली व खीर इस शुभ दिन पर गौ माता व बैलों को भी खिलाए जाते हैं ये विशेष व्यंजन इस दिन कई स्थानों पर पशुओं को सजाकर निकाली जाती है रैलियां यदि आप पोला पर्व का महत्तव और पुजा विधि जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang देखे या अपनी राशि का दैनिक राशफल / Daily Horoscope पढने के ल

Gauri Tritya - कब मनाई जाती है गौरी तृतीया?

Vrat 2022: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है गौरी तृतीया। इस वर्ष 30 अगस्त को मनाई जाएगी गौरी तृतीया/ Gauri Tritiya तृतीया तिथि प्रारंभ: 29 अगस्त, दोपहर 03:21 से तृतीया तिथि समाप्त: 30 अगस्त, दोपहर 03:33 तक गौरी तृतीया शुभ पूजा मुहूर्त: 30 अगस्त, प्रातः 09:10 से दोपहर 01:57 तक भगवान शिव व माता पार्वती की कृपा प्राप्त करने हेतु रखा जाता है ये व्रत ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस तिथि की देवी है माता गौरी इस दिन माता गौरी का पूजन व व्रत रखने से होती है समस्त सुखों की प्राप्ति सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है ये व्रत सुहागिन  महिलाओं  पति की दीर्घायु व अखंड सौभाग्य  के लिए रखती हैं ये व्रत कुंवारी कन्याओं को भी उत्तम वर प्रदान करता है ये व्रत इस व्रत को रखने से कुंवारी कन्याओं का होता है शीघ्र विवाह/ Delay Marriage संतान सुख प्राप्त करने के लिए भी बहुत लाभदायक है ये व्रत यदि आप अन्य किसी व्रत की जानकरी प्राप्त करना चाहते है तो आज का पंचांग / Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढने के लिए यहा क्लिक करें।

Budh Pradosh Vrat - भाद्रपद का पहला प्रदोष व्रत कब?

Pradosh Vrat 2022 : प्रत्येक माह के शुक्ल व कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाता है प्रदोष व्रत/ Pradosh Vrat इस दिन देवाधिदेव महादेव व माँ पार्वती की करी जाती है पूजा। 24 अगस्त को रखा जाएगा बुध प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 24 अगस्त, प्रातः 08:30 से त्रयोदशी तिथि समाप्त: 25 अगस्त, सुबह 10:38 तक. बुध प्रदोष व्रत शुभ पूजा मुहूर्त : शाम 06:52 से रात्रि 09:04 तक. बुध प्रदोष व्रत रखने से दूर होती है आर्थिक तंगी बुध प्रदोष व्रत रखने से बढ़ता है सुख-सौभाग्य इस व्रत को रखने से दूर होते हैं बुध ग्रह से संबंधित समस्त दोष   विद्यार्थियों के लिए एक वरदान है बुध प्रदोष व्रत शिक्षा में आ रही अड़चनों को जड़ से समाप्त करता है बुध प्रदोष व्रत इस व्रत को रखने से प्राप्त होती है मानसिक शांति यदि आप अन्य किसी व्रत की शुभ मुहुर्त/ Shubh Muhurat या अपनी राशि की दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढना चाहते है तो यहा क्लिक करें।

Aja Ekadashi 2022 - अजा एकादशी का महत्व, मुहूर्त, और पूजा विधि

Ekadashi 2022: भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी कहलाती है अजा एकादशी/ Ekadashi इस वर्ष 23 अगस्त को मनाई जाएगी अजा एकादशी एकादशी तिथि प्रारंभ: 22 अगस्त, रात्रि 03:36 से. एकादशी तिथि समाप्त: 23 अगस्त, प्रातः 06:07 तक. अजा एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त: 23 अगस्त, प्रातः 10:46 से दोपहर 02:01 तक अजा एकादशी पारण मुहूर्त: 24 अगस्त, प्रातः 05:55 से सुबह 08:30 तक अजा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने से होती हैं माँ लक्ष्मी की कृपा अजा एकादशी का व्रत रखने से दूर होती हैं आर्थिक समस्याएं अजा एकादशी का व्रत रखने से होता है समस्त पापों का नाश अजा एकादशी का व्रत रखने से नहीं होती है अन्न व धन की कमी इस दिन असहाय लोगों को अन्न व वस्त्र का दान करने से पूर्ण होती हैं समस्त मनोकामनाएं  यदि आप अन्य किसी व्रत की शुभ मुहुर्त/ Shubh Muhurat या अपनी राशि की दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढना चाहते है तो यहा क्लिक करें।

Janmashtami 2022 - 18 या 19 अगस्त? कब है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

J anmashtami: भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है श्री कृष्ण जन्माष्टमी। इस वर्ष 18 अगस्त को रखा जाएगा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत/ Krishna Janmashtami इस पवित्र दिन पर जगतगुरु भगवान श्रीकृष्ण की करी जाती है पूजा। शास्त्रों के अनुसार अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र/ Rohini Nakshatra में हुआ था भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि प्रारंभ: 18 अगस्त, रात्रि 09:21 से. अष्टमी तिथि समाप्त: 19 अगस्त, रात्रि 10:59 तक. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी निशीथ काल शुभ पूजा मुहूर्त: 18 अगस्त, रात्रि 00:03 से 19 अगस्त रात्रि 00:47 तक इस पर्व पर बड़े धूमधाम व विधि-विधान से की जाती है बाल-गोपाल की पूजा। न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी रहती है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम इस दिन भगवान कृष्ण के बाल-गोपाल रूप को भक्त झुलाते हैं झूला भक्तगण इस पर्व पर पूरी रात गाते हैं भगवान कृष्ण के भजन इन पर्व पर प्रेम व आनंद के देवता भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करने से बढ़ता है दांपत्य प्रेम श्री कृष्ण जन्माष्टमी कहलाती है व्रतराज क्योंकि इसे माना जाता है सभी व्रतों का राजा घोर से घोर संकट टाल देता है श्री कृ

Raksha Panchami - जानें रक्षा पंचमी तिथि, पूजा विधि और महत्व

Raksha Panchami Date: रक्षा पंचमी पर श्री भैरवनाथ की इस तरह कीजिए आराधना। शर्तिया मिटेंगे आपके सभी कष्ट व पूर्ण होगी समस्त मनोकामना। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाएगी रक्षा पंचमी/ Raksha Panchami, इस वर्ष 16 अगस्त को मनाई जाएगी रक्षा पंचमी पंचमी तिथि प्रारंभ : 15 अगस्त, रात्रि 09:02 से पंचमी तिथि समाप्त : 16 अगस्त, रात्रि 08:17 तक रक्षा पंचमी शुभ पूजा मुहूर्त : 16 अगस्त, रात्रि 11:04 से 17 अगस्त, रात्रि 00: 25 तक रेखा पंचमी व शांति पंचमी के नाम से भी प्रसिद्ध है यह पर्व मुख्य रूप से भारत के उड़ीसा राज्य में पूरी धूमधाम से मनाया जाता है यह पर्व रक्षाबंधन/ Raksha Bandhan पर रक्षा सूत्र बंधवाने में असमर्थ लोग इस दिन बंधवाते हैं राखी भगवान शिव के पंचम रुद्रावतार श्री भैरव नाथ को समर्पित है यह त्यौहार श्री भैरव जी हैं एक बहुत ही शक्तिशाली, प्रचंड व उग्र देवता  रक्षा पंचमी पर ऐसे करें श्री भैरवनाथ जी की पूजा संध्याकाल में स्नान करके घर के मंदिर की सफाई करें भगवान श्री भैरव जी की प्रतिमा को काले तिल मिश्रित कच्चे दूध से स्नान कराएं इसके बाद उन्हें एक गेंदे के पुष्प क

Kajari Teej 2022 - भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया

Teej Festival:  भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है कज्जली तृतीया। कजरी तीज/ Kajali Teej , बूढ़ी तीज व सातूड़ी तीज के नाम से भी प्रसिद्ध है यह पर्व। इस वर्ष 14 अगस्त को मनाई जाएगी कज्जली तृतीया तृतीया तिथि आरंभ : 14 अगस्त, रात्रि 00:54 से तृतीया तिथि समाप्त: 14 अगस्त, रात्रि 10:36 तक कज्जली तृतीया शुभ पूजा मुहूर्त: 14 अगस्त, प्रातः 09:08 से दोपहर 12:26 तक उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है यह पर्व   माँ पार्वती ने इस व्रत के प्रभाव से भोलेनाथ को पति रूप में किया था प्राप्त इसलिए इस व्रत में शिव-पार्वती की मुख्य रूप से की जाती है पूजा-अर्चना सुहागिन महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा व पति की दीर्घायु के लिए रखती है यह व्रत कई स्थानों में कुंवारी कन्याएं भी उत्तम वर की प्राप्ति हेतु रखती है यह व्रत कुछ स्थानों पर निर्जला रखा जाता है कज्जली तृतीया का व्रत/ Kajrai Teej Vrat सुहागिन महिलाएं झूला झूलकर अपनी खुशियों को करती है व्यक्त कज्जली तीज पर ढ़ोलक, मंजीरे आदि के साथ गाए जाते हैं लोक गीत इस दिन गेहूं, जौ व चने के सत्तू में घी मि

Sawan Purnima 2022 - सावन पूर्णिमा का दिन क्यों माना जाता है शुभ

Purnima Vrat 2022: धार्मिक दृष्टि से श्रावण मास को माना जाता है बेहद महत्वपूर्ण। क्योंकि श्रावण मास है देवों के देव महादेव को समर्पित। श्रावण मास का प्रत्येक दिन होता है बेहद शुभ, मगर श्रावण पूर्णिमा को माना जाता है सबसे ज्यादा पवित्र। इस वर्ष 12 अगस्त को मनाई जाएगी श्रावणी पूर्णिमा श्रावणी पूर्णिमा प्रारंभ: 11 अगस्त, प्रातः 10:39 से श्रावणी पूर्णिमा समाप्त: 12 अगस्त, प्रातः 07:05 तक श्रावणी पूर्णिमा शुभ पूजा मुहूर्त: 12 अगस्त, प्रातः 07:28 से सुबह 10:47 तक भारत के विभिन्न भागों में इस दिन को अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है पूर्वी भारत में इस दिन मनाया जाता है रक्षाबंधन का त्यौहार/ Rakshabandhan Festival और दक्षिण भारत में नरियाली पूर्णिमा इस दिन श्री हरि विष्णु व माँ लक्ष्मी जी की पूजा से प्राप्त होती है सुख-समृद्धि श्रावणी पूर्णिमा का व्रत/ Purnima Vrat रखने से दूर होते हैं चंद्र ग्रह के दोष इस पवित्र दिन पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से प्राप्त होता है आरोग्य श्रावणी पूर्णिमा पर चींटियों व मछलियों को दाना डालने से दूर होती है आर्थिक तंगी श्रावणी पूर्णिमा पर गौमाता को ह

Bhoum Pradosh Vrat - सावन में कब है दूसरा प्रदोष व्रत?

Pradosh Vrat 2022: हर महीने के शुक्ल व कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है प्रदोष व्रत। इस दिन की जाती है देवों के देव महादेव व माता पार्वती की पूजा। मंगलवार व प्रदोष व्रत/ Pradosh Vrat का संयोजन कहलाता है भौम प्रदोष व्रत। 09 अगस्त को रखा जाएगा भौम प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 09 अगस्त, शाम 05:46 से त्रयोदशी तिथि समाप्त: 10 अगस्त, दोपहर 02:16 तक. भौम प्रदोष व्रत शुभ पूजा मुहूर्त: शाम 07:06 से रात्रि 09:14 तक हर तरह के कर्जे से छुटकारा दिलाता है भौम प्रदोष व्रत भौम प्रदोष व्रत रखने से प्राप्त होती है आर्थिक समृद्धि इस दिन श्री हनुमान जी की पूजा से दूर होता है अशुभ मंगल दोष/ Mangalik Dosha इस दिन भगवान शिव व श्री हनुमान जी की चालीसा से मिलती है ऋणों से मुक्ति  भौम प्रदोष व्रत पर मंगल देव के 21 या 108 नामों का पाठ करने से मिलता है कर्ज से छुटकारा यदि आप अन्य किसी व्रत की जानकारी अथवा आज का पंचांग / Today's Panchang पढना चाहते है तो इस लिंक पर क्लिक करें

Raksha Bandhan 2022 - 11 अगस्त को मनाया जाएगा रक्षाबंधन

Raksha Bandhan: श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है रक्षाबंधन। इस वर्ष 11 अगस्त को मनाया जाएगा रक्षाबंधन रक्षाबंधन की तिथि : 11 अगस्त 2022 गुरुवार पूर्णिमा तिथि प्रारंभ : 11 अगस्त प्रातः 10 बजकर 39 मिनट से पूर्णिमा तिथि समाप्त : 12 अगस्त सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त: 11 अगस्त, रात्रि 08:53 से रात्रि 9:13 तक भाई-बहनों के पवित्र रिश्ते व प्रेम का प्रतीक है ये त्यौहार इस पवित्र पर्व पर भाई देते हैं बहनों को रक्षा का वचन शास्त्रीय भाषा में राखी को कहा जाता है रक्षा सूत्र वैदिक काल से ही रही है रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा यज्ञ, युद्ध, धार्मिक अनुष्ठान के दौरान बांधा जाता था रक्षा सूत्र यही रक्षा सूत्र आगे चलकर भाई-बहन के प्रेम का बन गया प्रतीक इन पौराणिक कथाओं से जुड़ा है रक्षा बंधन का यह पवित्र पर्व रक्षाबंधन   से जुड़ी पौराणिक कहानियां एक प्राचीन कथा के अनुसार जब राजा बलि ने 110 यज्ञ पूर्ण किए. तब देवताओं को ये भय सताने लगा की कि वे स्वर्गलोक पर कब्ज़ा न कर लें. इसलिए सभी देवता स्वर्गलोक की रक्षा के लिए भगवान विष्णु के पास गए. तब भगवान विष्णु ब्राह्मण वेश धरकर राज

श्रावण पुत्रदा एकादशी के व्रत से संतान प्राप्ति होती है

Ekadashi 2022: श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी कहलाती है पवित्रा एकादशी/ Pavitra Ekadashi इस वर्ष 08 अगस्त को मनाई जाएगी पवित्रा एकादशी एकादशी तिथि प्रारंभ: 07 अगस्त, रात्रि 11:51 से. एकादशी तिथि समाप्त: 08 अगस्त, रात्रि 09:01 तक. पवित्रा एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त: 08 अगस्त, प्रातः 09:06 से सुबह 10:46 तक पवित्रा एकादशी पारण मुहूर्त: 09 अगस्त, प्रातः 05:47 से सुबह 08:27 तक पुत्रदा एकादशी के नाम से भी प्रसिद्ध है ये एकादशी निसंतान दंपतियों के लिए एक वरदान है पवित्रा एकादशी इस एकादशी का व्रत/ Vrat रखने से घर में गूंजती हैं नन्हें-मुन्नों की किलकारियां सुख-सौभाग्य व समृद्धि  प्रदान करती है पवित्रा एकादशी पवित्रा एकादशी पर श्री हरि विष्णु जी की पूजा से दूर होती है आर्थिक तंगी इस एकादशी का व्रत रखने दूर होते हैं पारिवारिक क्लेश पवित्रा एकादशी का व्रत रखने से नष्ट होते हैं समस्त पाप यदि आप इस पुत्रदा एकादशी की और जानकारी प्राप्त करना चाहते है अथवा अपनी राशि की दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढने के लिए यहा क्लिक करें https://www.vinaybajrangi.com/vrat/ekadashi.php

Kajari Teej - कजरी तीज के दिन सुहागिन महिलाएं भूल से भी ना करें ये काम

  यदि धरती पर कहीं धर्म, प्रेम और आस्था का संकलन है तो वह हमारा भारतवर्ष है। यहां पतिव्रता स्त्रियां अपने पति की लम्बी आयु व सुख समृद्धि के लिए आये दिन व्रत व तप करती रहती है। चाहे इसे पश्चिमी सभ्यता में रंगे नौजवान मात्र एक ढकोसला समझे पर असल में सच्चे मन व आस्था से किया गया जप व तप निश्चय ही मनवांछित परिणाम देता है। ऐसा ही एक त्यौहार है कजरी तीज जिसे महिलाएं अपने पति की सुख समृद्धि व लम्बी आयु की कामना के साथ रखती हैं। कजरी तीज / Kajaree Teej को कई नामों जैसे सातुड़ी तीज और भादो तीज से भी जाना जाता है। साल 2022 में कजरी तीज 14 अगस्त को पड़ रही है। आइयें जानते हैं कजरी तीज से जुडी हर एक जानकारी के बारे में - कजरी तीज 2022 की तिथि और शुभ मुहूर्त भारतीय हिंदू पंचांग/ Hindu Panchang के अनुसार, कजरी तीज भाद्रपद अर्थात भादो के महीने में कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस साल 2022 में इस तिथि की शुरुआत 13 अगस्त 2022 की आधी रात 12:53 बजे से होगी। और इसकी समाप्ति 14 अगस्त 2022 को रात के 10:35 मिनट पर होगी। कजरी तीज का व्रत रविवार, 14 अगस्त 2022 को रखा जाएगा।   कजरी तीज क्यों बना