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Showing posts with the label Hindu Calendar

Navratri 2022 - इस नवरात्रि पर निर्माण होगा ग्रहों का चतुर्ग्रही योग

Navratri Special: इस शारदीय नवरात्रि/ Shardiya Navratri पर ग्रहों का चतुर्ग्रही योग इन राशि वालों के है घातक। 26 सितम्बर को सूर्य, बुध, चंद्र व शुक्र मिलकर बनाएंगे चतुर्ग्रही योग। इन राशि वालों की बढ़ेंगी मुश्किलें सिंह राशि धन हानि के संकेत बिजनेस में कोई बड़ा विवाद होने की संभावना प्रेम व वैवाहिक जीवन के लिए निराशाजनक समय कुंभ राशि स्वास्थ्य बिगड़ने के संकेत/ Health Astrology Prediction व्यापारियों को हो सकता है भारी नुकसान प्रेमी व वैवाहिक जोड़ों के बीच बढ़ेगा मनमुटाव मीन राशि शारीरिक कष्ट होने की संभावना शेयर मार्किट व सट्टेबाज़ी से भारी नुकसान होने के योग प्रेम व वैवाहिक जीवन में छाएंगे उदासी के बादल यदि आप नवरात्रि कलश स्थापना का शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope पढने के लिऐ यहा क्लिक करें।

Indira Ekadashi 2022 - कब है इंदिरा एकादशी का व्रत

Ekadashi 2022: आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाएगी इंदिरा एकादशी। 21 सितम्बर को मनाई जाएगी इंदिरा एकादशी/ Indira Ekadashi एकादशी तिथि प्रारंभ : 20 सितम्बर, रात्रि 09:26 से एकादशी तिथि समाप्त : 21 सितम्बर, रात्रि 11:34 तक इंदिरा एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त : 21 सितम्बर, प्रातः 06:09 से सुबह 09:11 तक इंदिरा एकादशी पारण मुहूर्त: 22 सितम्बर, प्रातः 06:09 से सुबह 08:35 तक पितृ आत्माओं की शांति के लिए यह व्रत होता है बहुत ही महत्वपूर्ण इस एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु के साथ पितरों की मिलती है कृपा इस एकादशी का व्रत रखने से पितृ दोष/ Pitra Dosha से मिलता है छुटकारा इस एकादशी का व्रत रखने से होती है सुख, शांति व समृद्धि की प्राप्ति इस एकादशी का व्रत/ Ekadashi Vrat रखने से प्राप्त होता है उत्तम संतान सुख इस एकादशी पर तुलसी वृक्ष का पूजन करने से दूर होती है आर्थिक तंगी इंदिरा एकादशी पर पीपल वृक्ष की पूजा करने से पितृ आत्माओं को मिलती है शांति यदि आप इंदिरा एकादशी पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang पढे याअपनी राशि का दैनिक राशिफल/

Vishwakarma Puja - ये थे दुनिया के सबसे पहले इंजीनियर व वास्तुकार

kab Hai Vishwakarma Puja: प्रत्येक वर्ष कन्या सक्रांति पर की जाती है श्री विश्वकर्मा पूजा। इस वर्ष 17 सितम्बर को मनाया जायेगा ये पर्व श्री विश्वकर्मा पूजा प्रातः शुभ मुहूर्त: 17 सितंबर, प्रातः 07:39 से सुबह 09:11 तक श्री विश्वकर्मा पूजा सांयकाल शुभ मुहूर्त : 17 सितम्बर, शाम 06:24 से सायंकाल 07:52 तक भगवान विश्वकर्मा थे दुनिया के सबसे पहले इंजीनियर व वास्तुकार इस शुभ दिन पर फैक्टरियों, उद्योगों व कारखानों में होती है मशीन व औजारों की पूजा समस्त कलाकारों, बुनकर, शिल्पकारों और औद्योगिक घरानों द्वारा की जाती है ये पूजा देश के कुछ भागों में इस पर्व को दिवाली/ Diwali के दूसरे दिन भी मनाने की है परंपरा उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, पश्चिम बंगाल व दिल्ली में मुख्य रूप से मनाया जाता है ये पर्व/ Festivals भगवान विश्वकर्मा ने ही किया था देवताओं के लिए अस्त्रों, शस्त्रों, भवनों और मंदिरों का निर्माण भगवान विश्वकर्मा की पूजा से व्यापार में मिलती है जबरदस्त सफलता भगवान विश्वकर्मा की पूजा से औजारों व मशीनों के द्वारा होने वाली दुर्घटनाओं से होता है बचाव भगवान विश्वकर्मा की पूजा से दूर होते

जानें क्या है गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधी

Anant Chaturdashi 2022 : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है श्री अनंत चतुर्दशी। इस वर्ष 09 सितम्बर को मनाई जाएगी श्री अनंत चतुर्दशी चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 08 सितम्बर, रात्रि 09:03 से चतुर्दशी तिथि समाप्त: 09 सितम्बर, शाम 06:08 तक श्री अनंत चतुर्दशी शुभ पूजा मुहूर्त: 09 सितम्बर, प्रातः 06:03 से शाम 06:07 तक अनंत चतुर्दशी पर होती है 10 दिवसीय श्री गणेश उत्सव की समाप्ति अनंत चतुर्दशी पर होती है श्री हरि भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा अनंत चतुर्दशी/ Anant Chaturdashi पर ऐसे करें श्री हरि की पूजा सुबह स्नान करके स्वच्छ पीले वस्त्र धारण करें सभी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का दूध व गंगाजल से अभिषेक करें अब भगवान विष्णु की प्रतिमा पर पीले पुष्पों की माला चढ़ाएं   अब शुद्ध घी का दीपक व धूप प्रज्वलित करें अब पीले आसन पर बैठकर श्री विष्णु सहस्त्रनाम या भगवान विष्णु से जुड़ा पाठ करें   अंत में आरती उतारकर भोग अर्पित करें। इस दिन व्रत / Vrat  रखने से आर्थिक समस्याओं से मिलती है मुक्ति इस दिन व्रत रखने से होता है समस्त पापों का नाश इस दिन व्रत रखने से होती है आर्थ

इस दिन हुआ था श्री हरि विष्णु जी के पांचवें अवतार का जन्म

Vamana Jayanti: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई जाएगी श्री वामन द्वादशी। इस वर्ष 07 सितम्बर को मनाई जाएगी श्री वामन द्वादशी द्वादशी तिथि प्रारंभ : 07 सितम्बर, रात्रि 03:05 से द्वादशी तिथि समाप्त : 08 सितम्बर, रात्रि 12:05 तक श्री वामन द्वादशी शुभ पूजा मुहूर्त : 07 सितम्बर, प्रातः 06:02 से सुबह 09:10 तक इस दिन हुआ था श्री हरि विष्णु जी के पांचवें अवतार भगवान वामन का जन्म नक्षत्र/ Nakshatra व अभिजीत मुहूर्त/ Abhijit Muhurat में हुआ था भगवान वामन का पृथ्वि पर अवतरण वामन भगवान विष्णु के पहले ऐसे अवतार थे जो मनुष्य रूप में प्रकट हुए. भगवान वामन ने राजा बलि का घमंड तोड़ने के लिए तीन क़दमों में नाप दिए थे तीनों लोक वामन जयंती पर ऐसे करें भगवान वामन की पूजा इस दिन सुबह स्नान करके घर के मंदिर की साफ़-सफाई करें सभी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का दूध व गंगाजल से अभिषेक करें भगवान वामन की प्रतिमा पर पीले पुष्पों की माला चढ़ाएं   और पीले आसन पर बैठकर श्री श्री विष्णु सहस्त्रनाम या भगवान वामन से जुड़ा कोई भी पाठ करें अंत में आरती उतारकर भोग अर्पित करें वामन द्वादशी का व्रत / Vrat  

Ekadashi 2022 - जानें परिवर्तिनी एकादशी का महत्व और पूजन विधि

Parivartini Ekadashi 2022 : भाद्रपद शुक्ल एकादशी को मनाई जाएगी पद्मा एकादशी। परिवर्तिनी एकादशी के नाम से भी प्रसिद्ध है पद्मा एकादशी। 06 सितम्बर को रखा जाएगा पद्मा एकादशी का व्रत/ Ekadashi Vrat 2022 एकादशी तिथि प्रारंभ : 06 सितम्बर, प्रातः 05:54 से एकादशी तिथि समाप्त : 07 सितम्बर, रात्रि 03:05 तक पद्मा एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त : 06 सितम्बर, प्रातः 10:45 से दोपहर 01:54 तक पद्मा एकादशी पारण : 07 सितम्बर, प्रातः 08:19 से सुबह 08:33 तक सनातन धर्म में इस एकादशी का है बहुत अधिक महत्व। क्योंकि चातुर्मास/ Chaturmaas के शयन काल के दौरान भगवान विष्णु इस दिन बदलते हैं करवट। इस दिन श्री हरि भगवान विष्णु के वामन रूप की करी जाती है पूजा। इस एकादशी का व्रत रखने से बढ़ता है सुख-सौभाग्य। इस एकादशी का व्रत/ Vrat   रखने से पूर्ण होती है समस्त मनोकामनाएं यह व्रत करने से मिलता है अनंत कोटि पुण्य फल इ यह व्रत करने से दूर होती है आर्थिक तंगी। यदि आप एकादशी व्रत पुजा शुभ मुह्रत जानना चाहते है तो आज का पंचांग / Today's Panchang पढे।

Mahalaxmi Vrat - इस दिन से शुरू होंगे महालक्ष्मी व्रत

Mahalaxmi Vrat 2022 : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होता है इस व्रत का शुभारंभ। आश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक रखा जाता है ये व्रत। गजलक्ष्मी व्रत के नाम से भी प्रसिद्ध है ये व्रत। 03 सितम्बर से होगा प्रारंभ होगा श्री महालक्ष्मी व्रत और 17 सितम्बर को होगी इस व्रत की समाप्ति अष्टमी तिथि प्रारंभ : 03 सितम्बर, दोपहर 12:28 से अष्टमी तिथि समाप्त : 04 सितम्बर, प्रातः 10:40 तक श्री महालक्ष्मी व्रत शुभ पूजा मुहूर्त : 03 सितम्बर, दोपहर 12:20 से शाम 05:05 तक इस व्रत में माँ लक्ष्मी जी की विधि-विधान से की जाती है पूजा इस व्रत के दौरान नहीं किया जाता अन्न ग्रहण 16 दिनों तक इस व्रत को रखने के बाद होता है इस व्रत का उद्यापन   महालक्ष्मी व्रत के दौरान ऐसे करें माँ लक्ष्मी जी की पूजा इस दिन सुबह स्नान करके घर के मंदिर की साफ़-सफाई करे सभी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का कच्चे दूध व गंगाजल से अभिषेक करें  अब माँ महालक्ष्मी जी को लाल पुष्पों की माला चढ़ाएं व लाल चंदन या रोली से तिलक करें इसके बाद लाल आसन पर बैठकर श्री महालक्ष्मी व्रत कथा पढ़ें  अंत में माँ की आरती उतारकर भोग अर्पित करे

Radha Ashtami - 3 या 4 सितंबर किस दिन होगी राधा अष्टमी व्रत

Radha Ashtami Vrat 2022 : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है श्री राधा अष्टमी। इस वर्ष 03 सितम्बर को मनाई जाएगी श्री राधा अष्टमी अष्टमी तिथि प्रारंभ: 03 सितम्बर, दोपहर 12:28 से अष्टमी तिथि समाप्त: 04 सितम्बर, प्रातः 10:40 तक श्री राधा अष्टमी शुभ पूजा मुहूर्त : 03 सितम्बर, प्रातः 07:35 से सुबह 09:10 तक राधा अष्टमी पर ऐसे करें राधा रानी की पूजा सुबह स्नान करके घर के मंदिर की सफाई करें देवी-देवताओं की प्रतिमा का जलाभिषेक करें अब राधारानी की प्रतिमा या तस्वीर को लाल या पीले पुष्प की माला अर्पित करें और राधा चालीसा या श्री राधारानी से जुड़ा कोई भी पाठ पढ़ें इसके बाद राधारानी की आरती उतारकर भोग अर्पित करें इस दिन सुहागिन महिलाओं, गरीब व असहाय स्त्रियों की गुप्त रूप से मदद करें राधा अष्टमी व्रत रखने से होता है समस्त पापों का नाश इस व्रत / Vrat  को रखने से सुहागिन महिलाओं को प्राप्त होता है उत्तम संतान सुख इस व्रत को रखने से सुहागिन महिलाओं को होती है अखंड सौभाग्य की प्राप्ति इस व्रत को रखने से प्राप्त होती जगतगुरु भगवान श्रीकृष्ण की कृपा यदि आप राधा अष्टमी व्रत शुभ प

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को रखा जाता है सूर्य षष्ठी व्रत

Surya Shashti Vrat : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को रखा जाता है सूर्य षष्ठी व्रत इस वर्ष 02 सितम्बर को रखा जाएगा सूर्य षष्ठी व्रत षष्ठी तिथि प्रारंभ: 01 सितम्बर, दोपहर 02:49 से षष्ठी तिथि समाप्त: 02 सितम्बर, दोपहर 01:51 तक सूर्य षष्ठी व्रत शुभ पूजा मुहूर्त : 02 सितम्बर, प्रातः 07:35 से सुबह 10:45 तक सूर्य षष्ठी व्रत पर ऐसे करें सूर्यदेव की पूजा इस दिन प्रातः सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान कर तांबें के लोटे में जल भरकर उसमें लाल चंदन, रोली, गुड़ की डली व गेहूं के दाने मिलाएं और 10 बार सूर्यदेव का मंत्र या गायत्री मंत्र बोलते हुए अर्घ्य अर्पित करें सूर्यदेव की प्रतिमा या तस्वीर पर लाल पुष्पों की माला अर्पित कर धूप व दीप प्रज्वलित करें इसके बाद लाल आसन पर बैठकर श्री आदित्य हृदय स्तोत्र या सूर्य चालीसा का पाठ करें सूर्यदेव के किसी भी मंत्र का करें एक माला (108 बार) जाप अंत में श्री सूर्यनारायण की आरती उतारकर उन्हें कोई भी लाल रंग का भोग अर्पित करें इस व्रत को रखने से दूर होते हैं सूर्य ग्रह से जुड़े सभी दोष इस व्रत को रखने से समस्त रोग नष्ट होकर आरोग्यता की प्राप्त होती है  

Santan Saptami - संतान सप्तमी का व्रत का पुजन कैसे करें

Saptami Vrat 2022:   भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को रखा जाता है मुक्ताभरण सप्तमी व्रत। इस वर्ष 03 सितम्बर को रखा जायेगा ये व्रत। संतान सप्तमी या ललिता सप्तमी के नाम से भी प्रसिद्ध है ये व्रत सप्तमी तिथि प्रारंभ : 02 सितम्बर, दोपहर 01:51 से सप्तमी तिथि समाप्त : 03 सितम्बर, दोपहर 12:28 तक मुक्ताभरण सप्तमी शुभ पूजा मुहूर्त : 03 सितम्बर, प्रातः 07:35 से सुबह 09:10 तक संतान सप्तमी व्रत का ऐसे करें पूजा इस दिन सुबह स्नान कर घर के मंदिर की साफ़-सफाई करें व देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का कच्चे दूध व गंगाजल से अभिषेक करें   अब भगवान विष्णु व शिव-पार्वती जी की प्रतिमा पर पीले व सफ़ेद पुष्पों की माला चढ़ाएं  व श्री हरि विष्णु जी व श्री शिव-पार्वती जी से जुड़ा कोई भी पाठ पढ़ें अंत में आरती उतारकर भोग अर्पित करें मुख्य रूप से सुहागिन महिलाएं रखती हैं ये व्रत इस व्रत/ Vrat को रखने से निसंतान स्त्रियों को होती है संतान सुख की प्राप्ति संतान सप्तमी व्रत पुजा शुभ मुहुर्त जाननें के लिए आज का पंचांग / Today's Panchang पढे अथवा अपनी राशि की दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढने के लिए यहा क

Rishi Panchami Vrat - कब किया जाएगा ऋषि पंचमी व्रत?

Rishi Panchami 2022: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है ऋषि पंचमी। इस वर्ष 1 सितम्बर को मनाई जाएगी ऋषि पंचमी पंचमी तिथि प्रारंभ: 31 अगस्त, दोपहर 03:23 से पंचमी तिथि समाप्त: 1 सितंबर, दोपहर 02:49 तक ऋषि पंचमी शुभ पूजा मुहूर्त: 01 सितम्बर, प्रातः 11:05 से दोपहर 01:37 तक इस पावन पर्व/ Festivals पर किया जाता है सप्त ऋषियों का पूजन ऋषि पंचमी पर ऐसे करें सप्तर्षियों की पूजा इस पावन दिन पर प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें स्नान के पश्चात् घर के मंदिर की अच्छे से साफ़-सफाई करें सभी देवी-देवताओं का गंगा जल से करें अभिषेक सप्तऋषियों की प्रतिमा या तस्वीर पर चढ़ाएं पीले पुष्प की माला इसके बाद दीपक व धूपबत्ती प्रज्वलित करें इसके बाद सप्तऋषियों व देवी अरुंधति की विधि-विधान से करें पूजा-अर्चना अंत में सप्तऋषियों व देवी की आरती उतारकर भोग लगाएं सुहागिन महिलाएं व कुंवारी कन्याओं द्वारा मुख्य रूप से रखा जाता है ये व्रत सुहाग की रक्षा व महिलाओं के सुख-सौभाग्य की वृद्धि करता है ये व्रत इस व्रत/ Vrat को रखने से दूर होती हैं पारिवारिक व आर्थिक समस्याएं इस व्रत को रखने से सुख-समृद्ध

जब चतुर्थी का चंद्र देखने से श्रीकृष्ण पर लगा चोरी का कलंक

Chaurchan 2022: 30 अगस्त को भूलकर भी न करें चंद्रमा के दर्शन। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है कलंक चतुर्थी/ Kalank Chaturthi इस वर्ष 30 अगस्त को मनाई जाएगी कलंक चतुर्थी। चौरचन/ Chourchan , कलंक चौथ व पत्थर चौथ के नाम से भी प्रसिद्ध है यह पर्व चतुर्थी तिथि प्रारंभ : 30 अगस्त, दोपहर 03:33 से चतुर्थी तिथि समाप्त : 31 अगस्त, दोपहर 03:23 तक. कलंक चतुर्थी शुभ पूजा मुहूर्त : 30 अगस्त, प्रातः 09:10 से दोपहर 01:57 तक वर्जित चंद्र दर्शन काल : 30 अगस्त, दोपहर 03:33 से रात्रि 08:40 तक भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि ( Ganesh Chaturthi ) पर चंद्रमा को देखना होता है अशुभ इस दिन चंद्र दर्शन के कारण लग सकता है आप पर मिथ्या कलंक इस दिन चंद्र दर्शन के कारण आने वाले समय में हो सकता है आपका अपमान इस दिन चंद्र दर्शन ( Moon Sign ) के कारण भगवान श्रीकृष्ण पर भी लगा था कलंक चंद्र दर्शन के कारण भगवान श्रीकृष्ण पर भी लगा था मणि चोरी करने का आरोप द्वारकापुरी में सत्राजित नाम का एक सूर्यदेव का भक्त रहता था उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर सूर्यदेव ने उसे एक अमूल्य स्यमंतक मणि प्र

Ganesh Chaturthi - गणेश चतुर्थी पर विघ्नहर्ता की कैसे करें स्थापना

Ganesh Festival 2022 : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है श्री सिद्धिविनायक व्रत। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार इस दिन दोपहर में हुआ था श्री गणेश जी का जन्म। इस वर्ष 31 अगस्त को रखा जायेगा ये व्रत चतुर्थी तिथि प्रारंभ : 30 अगस्त, दोपहर 03:33 से चतुर्थी तिथि समाप्त : 31 अगस्त, दोपहर 03:23 तक सिद्धि विनायक व्रत शुभ पूजा मुहूर्त : 31 अगस्त, प्रातः 11:56 से दोपहर 12:47 तक आर्थिक समस्याओं का अंत करता है श्री सिद्धि विनायक व्रत श्री सिद्धि विनायक व्रत को रखने से दूर होता है  बड़े से बड़ा संकट शिक्षा में आ रही रुकावटों का नाश करता है श्री सिद्धिविनायक व्रत सुख-समृद्धि के द्वार खोल देता है श्री सिद्धिविनायक व्रत घरेलू क्लेश व पारिवारिक अशांति को दूर करता है श्री सिद्धिविनायक व्रत उत्तम विद्या, बुद्धि व ज्ञान प्रदान करता है श्री सिद्धिविनायक व्रत काम-धंधे में आ रही विघ्न बाधाओं को जड़ से समाप्त करता है श्री सिद्धिविनायक व्रत यदि आप गणेश चतुर्थि पुजा शुभ मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang   देखे या अपनी राशि का दैनिक राशिफल/ Daily Horoscope पढना चाहते

Haritalika Teej - क्या है हरतालिका तीज व्रत और इसका महत्व?

Haritalika Vrat 2022: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है हरतालिका तीज। इस वर्ष 30 अगस्त को मनाया जाएगा यह पर्व तृतीया तिथि प्रारंभ : 29 अगस्त, दोपहर 03:21 से तृतीया तिथि समाप्त : 30 अगस्त, दोपहर 03:33 तक हरतालिका तीज शुभ पूजा मुहूर्त : 30 अगस्त, प्रातः 05:58 से सुबह 08:31 तक इस दिन की जाती है देवाधिदेव महादेव व माँ पार्वती की पूजा अखंड सुहाग की प्राप्ति के लिए सुहागिन महिलाएं रखती हैं यह व्रत इस दिन विवाहित महिलाएं 16 श्रृंगार करके पति की दीर्घायु के लिए रखती हैं यह व्रत इस दिन व्रत रखने से पूर्ण होती हैं सुहागिनों की संपूर्ण मनोकामनाएं कुंवारी कन्याएं भी मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए रखती हैं यह व्रत निसंतान महिलाओं के लिए भी यह व्रत है एक वरदान इस दिन व्रत रखने से वैवाहिक जीवन ( Marriage Prediction ) में आती है सुख-शांति यदि आप हरतालिका तीज की शुभ पुजा मुहुर्त जानना चाहते है तो आज का पंचांग / Today's Panchang देखे या अपनी राशि की दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढना चाहते है तो यहा क्लिक करें।

भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है पोला पर्व

Pola 2022:   भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि/ Amavasya Date 2022 को मनाया जाता है पोला पर्व। इस वर्ष 27 अगस्त को मनाया जाएगा पोला। बैल पोला के नाम से भी प्रसिद्ध है ये पर्व। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक व छत्तीसगढ़ में विशेष रूप से मनाया जाता है ये पर्व। इस दिन कृषक करते हैं गाय व बैलों की पूजा। इस शुभ दिन पर छोटे बच्चे मिट्टी के बैलों का करते हैं पूजन इस दिन बैलों को सजाकर उनकी प्रतियोगिताओं का किया जाता है आयोजन इस दिन बैलों को सजाकर उनकी प्रतियोगिताओं का किया जाता है आयोजन इस शुभ दिन पर स्त्रियां संतान की दीर्घायु के लिए करती है पशुओं की पूजा इस दिन कई स्थानों पर होता है बैल दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन महाराष्ट्रीयन परिवारों में पोला पर्व/ Pola Festival पर घर-घर में बनाई जाती है पूरनपोली व खीर इस शुभ दिन पर गौ माता व बैलों को भी खिलाए जाते हैं ये विशेष व्यंजन इस दिन कई स्थानों पर पशुओं को सजाकर निकाली जाती है रैलियां यदि आप पोला पर्व का महत्तव और पुजा विधि जानना चाहते है तो आज का पंचांग/ Today's Panchang देखे या अपनी राशि का दैनिक राशफल / Daily Horoscope पढने के ल

Gauri Tritya - कब मनाई जाती है गौरी तृतीया?

Vrat 2022: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है गौरी तृतीया। इस वर्ष 30 अगस्त को मनाई जाएगी गौरी तृतीया/ Gauri Tritiya तृतीया तिथि प्रारंभ: 29 अगस्त, दोपहर 03:21 से तृतीया तिथि समाप्त: 30 अगस्त, दोपहर 03:33 तक गौरी तृतीया शुभ पूजा मुहूर्त: 30 अगस्त, प्रातः 09:10 से दोपहर 01:57 तक भगवान शिव व माता पार्वती की कृपा प्राप्त करने हेतु रखा जाता है ये व्रत ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस तिथि की देवी है माता गौरी इस दिन माता गौरी का पूजन व व्रत रखने से होती है समस्त सुखों की प्राप्ति सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है ये व्रत सुहागिन  महिलाओं  पति की दीर्घायु व अखंड सौभाग्य  के लिए रखती हैं ये व्रत कुंवारी कन्याओं को भी उत्तम वर प्रदान करता है ये व्रत इस व्रत को रखने से कुंवारी कन्याओं का होता है शीघ्र विवाह/ Delay Marriage संतान सुख प्राप्त करने के लिए भी बहुत लाभदायक है ये व्रत यदि आप अन्य किसी व्रत की जानकरी प्राप्त करना चाहते है तो आज का पंचांग / Today's Panchang पढे या अपनी राशि का दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढने के लिए यहा क्लिक करें।

Budh Pradosh Vrat - भाद्रपद का पहला प्रदोष व्रत कब?

Pradosh Vrat 2022 : प्रत्येक माह के शुक्ल व कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाता है प्रदोष व्रत/ Pradosh Vrat इस दिन देवाधिदेव महादेव व माँ पार्वती की करी जाती है पूजा। 24 अगस्त को रखा जाएगा बुध प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 24 अगस्त, प्रातः 08:30 से त्रयोदशी तिथि समाप्त: 25 अगस्त, सुबह 10:38 तक. बुध प्रदोष व्रत शुभ पूजा मुहूर्त : शाम 06:52 से रात्रि 09:04 तक. बुध प्रदोष व्रत रखने से दूर होती है आर्थिक तंगी बुध प्रदोष व्रत रखने से बढ़ता है सुख-सौभाग्य इस व्रत को रखने से दूर होते हैं बुध ग्रह से संबंधित समस्त दोष   विद्यार्थियों के लिए एक वरदान है बुध प्रदोष व्रत शिक्षा में आ रही अड़चनों को जड़ से समाप्त करता है बुध प्रदोष व्रत इस व्रत को रखने से प्राप्त होती है मानसिक शांति यदि आप अन्य किसी व्रत की शुभ मुहुर्त/ Shubh Muhurat या अपनी राशि की दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढना चाहते है तो यहा क्लिक करें।

Aja Ekadashi 2022 - अजा एकादशी का महत्व, मुहूर्त, और पूजा विधि

Ekadashi 2022: भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी कहलाती है अजा एकादशी/ Ekadashi इस वर्ष 23 अगस्त को मनाई जाएगी अजा एकादशी एकादशी तिथि प्रारंभ: 22 अगस्त, रात्रि 03:36 से. एकादशी तिथि समाप्त: 23 अगस्त, प्रातः 06:07 तक. अजा एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त: 23 अगस्त, प्रातः 10:46 से दोपहर 02:01 तक अजा एकादशी पारण मुहूर्त: 24 अगस्त, प्रातः 05:55 से सुबह 08:30 तक अजा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने से होती हैं माँ लक्ष्मी की कृपा अजा एकादशी का व्रत रखने से दूर होती हैं आर्थिक समस्याएं अजा एकादशी का व्रत रखने से होता है समस्त पापों का नाश अजा एकादशी का व्रत रखने से नहीं होती है अन्न व धन की कमी इस दिन असहाय लोगों को अन्न व वस्त्र का दान करने से पूर्ण होती हैं समस्त मनोकामनाएं  यदि आप अन्य किसी व्रत की शुभ मुहुर्त/ Shubh Muhurat या अपनी राशि की दैनिक राशिफल / Daily Horoscope पढना चाहते है तो यहा क्लिक करें।